जानिए, नए एनपीएस नियम के तहत मिले एसएलडब्ल्यू ऑप्शन से ग्राहकों को क्या-क्या होगा फायदा?

National Pension Scheme
Prabhasakshi
कमलेश पांडे । Nov 25 2023 4:06PM

गौरतलब है कि म्यूचुअल फंड में जैसे सिस्टेमेटिक निकासी प्लान (SWP) होता है, ठीक वही सुविधा अब एनपीएस के ग्राहकों को मिली है, जिससे एनपीएस ग्राहक अपनी पसंदीदा रकम एक नियमित अंतराल पर व्यवस्थित रूप से निकाल सकते हैं।

राष्ट्रीय पेंशन योजना को अंग्रेजी में नेशनल पेंशन स्कीम कहा जाता है, जिसका संक्षिप्त नाम एनपीएस (NPS) है। यह रिटायरमेंट के लिए एक स्वैच्छिक और दीर्घावधि (लॉन्गटर्म) निवेश योजना है। यह पेंशन कार्यक्रम सशस्त्र बलों को छोड़कर सार्वजनिक, निजी और असंगठित क्षेत्रों के कर्मचारियों के लिए भी खुला है। वैसे लोग जो अपने अवकाश ग्रहण योजना (रिटायरमेंट प्लानिंग) के दौरान ज्यादा जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं, उन लोगों के लिए एनपीएस स्कीम एक अच्छा विकल्प है। क्योंकि सालाना आधार पर एनपीएस ने 9 से 12 प्रतिशत तक का रिटर्न दिया है।

हालांकि, नेशनल पेंशन सिस्टम के तहत अब पैसे निकलने को लेकर कुछ अहम बदलाव हुए हैं। बताया जाता है कि पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण ने व्यवस्थित एकमुश्त निकासी की सुविधा शुरू की है। जिसके दृष्टिगत  यह जानना महत्वपूर्ण हो चुका है कि इस नए एनपीएस नियम से एनपीएस ग्राहकों को क्या फायदा होगा और इसका लाभ किसे मिलेगा। बता दें कि पीएफआरडीए ने एनपीए़स से पैसे निकासी को लेकर जो कुछ बदलाव किया है, उसके बाद एनपीएस ग्राहक अपनी पसंदीदा रकम एक नियमित अंतराल पर व्यवस्थित रूप से निकाल सकते हैं।

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वहीं, ग्राहकों को अवगत कराने के लिए, नियामक ने केंद्रीय रिकॉर्ड कीपिंग एजेंसियों (सीआरए) से उन्हें नवीनतम परिवर्तनों से अवगत रखने का आग्रह किया है।

बताया जाता है कि पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट ऑथोरिटी (PFRDA) ने सिस्टेमेटिक लंपसम निकासी (SLW) की सुविधा दी है। जिसके बाद एनपीएस ग्राहकों को अपने सामान्य निकासी के समय अपनी पसंद के अनुसार 75 वर्ष की आयु तक की अवधि के लिए मासिक, तिमाही, छमाही या सालाना आधार पर एसएलडब्ल्यू (SLW) के माध्यम से अपने पेंशन कोष का 60 प्रतिशत तक निकाल सकते हैं। इसलिए अब यह जानते हैं कि इस नए एनपीएस नियम से एनपीएस ग्राहकों को कैसे फायदा होगा।

# क्या है एसएलडब्ल्यू (SLW) और किन्हें मिलेगा इसका लाभ?

गौरतलब है कि म्यूचुअल फंड में जैसे सिस्टेमेटिक निकासी प्लान (SWP) होता है, ठीक वही सुविधा अब एनपीएस के ग्राहकों को मिली है, जिससे एनपीएस ग्राहक अपनी पसंदीदा रकम एक नियमित अंतराल पर व्यवस्थित रूप से निकाल सकते हैं। क्योंकि एनपीएस ग्राहकों को रिटायरमेंट के बाद की पूरी अवधि के लिए एन्यूटी से बंधे रहने के बजाय अब यह तय करने की अनुमति मिल जाएगी कि वे अपने पैसों को कितना और कब निकालना चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि एसएलडब्ल्यू (SLW) सेवानिवृत्त लोगों को समय-समय पर नकदी प्रवाह प्राप्त करने, उनकी सेवानिवृत्ति के बाद की आय बढ़ाने और नियमित खर्चों को कवर करने की अनुमति देता है। इस निकासी विधि को एक बार चुना जा सकता है, जिसका भुगतान एनपीएस ग्राहक की पसंद के अनुसार किया जाता है। एसएलडब्ल्यू (SLW) उन सेवानिवृत्त लोगों के लिए एक आकर्षक ऑप्शन है जो अपनी रिटायरमेंट के वर्षों के दौरान लगातार आय का स्रोत चाहते हैं।

# जानिए, मौजूदा नियम क्या हैं और अब क्या-क्या बदल गया है? इसे चुनने के क्या-क्या फायदे होंगे?

यहां पर यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि निवेशकों को वर्तमान में परिपक्वता पर अपने एनपीएस कोष का केवल 60 प्रतिशत धनराशि ही एकमुश्त निकालने की अनुमति है, जबकि शेष 40 प्रतिशत कोष का उपयोग वार्षिकी के रूप में किया जाना है। उदाहरणतया, यदि किसी ग्राहक ने एनपीएस कोष के रूप में ₹ 50 लाख जमा किए हैं, तो ₹ 20 लाख (40 प्रतिशत) को वार्षिकी के रूप में निकाला जाना चाहिए, जबकि शेष ₹ 30 लाख (60 प्रतिशत) को एकमुश्त माना जाता है।

हालांकि नए नियमों के लागू होने के साथ ही अब एकमुश्त घटक-वार्षिकी के साथ-किश्तों में भी निकाला जा सकता है जो मासिक, त्रैमासिक, अर्ध-वार्षिक और वार्षिक हो सकता है। उपरोक्त मामले में, ₹ 30 लाख का एकमुश्त घटक ₹ 20 लाख की वार्षिक राशि के साथ किश्तों में भी निकाला जा सकता है। इस प्रकार व्यवस्थित निकासी का विकल्प चुनने का लाभ नियमित आधार पर नकदी प्रवाह को बढ़ाना है। इसलिए, वार्षिक भुगतान के लिए कॉर्पस के 40 प्रतिशत पर निर्भर रहने के बजाय, ग्राहक अब नियमित आय उत्पन्न करने के लिए 60 प्रतिशत के अपने एकमुश्त घटक का भी उपयोग कर सकते हैं। 

इसके अतिरिक्त, ग्राहक सेवानिवृत्ति के समय मंदी के बाजार के प्रतिकूल प्रभाव को रोक सकते हैं। एकमुश्त मोड चुनने पर, उन्हें कम रिटर्न के लिए समझौता करना पड़ता है। लेकिन अगर किसी को समय-समय पर भुगतान में देरी होती है, तो वह खुद को मंदी के बाजार के प्रभाव से बचा सकता है। वहीं, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि 60 प्रतिशत एकमुश्त आय पूरी तरह से कर मुक्त है, जबकि वार्षिक आय निवेशक के कर स्लैब के अनुसार कर योग्य है।

उधर, संशोधित नियमों के अनुसार, एनपीएस परिपक्वता राशि का 60 प्रतिशत तक ग्राहक 75 वर्ष की आयु तक किश्तों में निकाला जा सकता है। एनपीएस भुगतान मासिक, त्रैमासिक, अर्ध-वार्षिक और वार्षिक हो सकता है।

पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने एक व्यवस्थित एकमुश्त निकासी सुविधा शुरू करने का प्रस्ताव दिया है। इससे ग्राहकों को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में अपने निवेश से एक बार में राशि निकालने के बजाय नियमित भुगतान प्राप्त करने की अनुमति मिलेगी। 

- कमलेश पांडेय

वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तम्भकार

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