स्टैंड अप इंडिया योजना क्या है? कैसे होता है इसमें पंजीकरण?
जहां तक स्टैंड अप इंडिया लोन योजना की पात्रता का सवाल है तो यह जान लीजिए कि अप्लाई करने वाला या वाली कारोबारी एससी या एसटी या महिला होनी चाहिए। आवेदक या आवेदिका की उम्र 18 साल से अधिक होना जरूरी है। उसका कारोबार ग्रीन फील्ड एरिया में होना चाहिए।
स्टैंड अप इंडिया योजना नरेंद्र मोदी सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके तहत समाज के दलित, पिछड़े और सभी वर्ग की महिलाओं को एक सफल कारोबारी बनने की दिशा में प्रेरित करते हुए यथासंभव आर्थिक सहयोग देने की पहल की जाती है। केन्द्र में दूसरी बार सत्तारूढ़ हुई नरेंद्र मोदी सरकार ने अपनी पहली पारी में ही वर्ष 2016 में इस योजना की शुरुआत की थी। कमोबेश ऐसी ही विभिन्न लोकप्रिय योजनाओं के चलते जनमानस में अपनी गहरी पैठ बना चुकी इस सरकार ने दूसरी बार सत्तारूढ़ होने के पश्चात उन सभी योजनाओं को गति दी है, जिससे समाज के कमजोर वर्गों और आधी आबादी को लाभ मिलने वाला है। स्टैंड अप इंडिया स्कीम उनमें अग्रगण्य है। इसकी पात्रता, अनिवार्य दस्तावेज और इस हेतु लोन लेने के तौर तरीके बताने से पहले यह स्पष्ट कर दूं कि इसके लिए वित्तीय मदद प्रदान करने की न्यूनतम 10 लाख रुपये और अधिकतम 1 करोड़ रुपये सीमा निर्धारित है। जो आपके कारोबारी रिकॉर्ड और परफॉर्मेंस पर निर्भर करेगा।
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दरअसल, जब से केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी है मतलब कि 2014 के बाद से ही देश-प्रदेश में कारोबार को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरु की गई हैं। आर्थिक मामले के जानकारों के मुताबिक, एक ओर जहां मुद्रा लोन योजना के जरिये एमएसएमई सेक्टर के कारोबारियों को 10 लाख तक का बिजनेस लोन बिना कुछ गिरवी रखे ही दिया जा रहा है। वहीं, दूसरी ओर समाज में उन तबकों के लिए विशेष बिजनेस लोन योजना शुरु की गई है, जो लोग बिजनेस बढ़ाने में खुद से सक्षम नही हैं। इसलिए देश के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्यंत पिछड़े वर्ग के लोगों और महिला कारोबारियों को आर्थिक मदद प्रदान करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा स्टैंड अप इंडिया लोन योजना चलाई जा रही है, ताकि देशवासियों का समग्र और संतुलित विकास हो सके।
बताते चलें कि 5 अप्रैल, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्टार्ट की गई स्टैंड अप इंडिया लोन योजना के मुख्य लाभार्थी देश के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और महिला कारोबारी हैं। क्योंकि केन्द्र सरकार का जोर "इज ऑफ़ डूइंग बिजनेस" पर है, जिसके तहत कारोबारियों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। दरअसल, सरकार यह जानना चाहती है कि आपका बिजनेस कितना पुराना है? मतलब 2 साल से कम या फिर 2 साल से अधिक। इसके अलावा, पिछले साल की बिक्री कितनी हुई? यानी कि 5 लाख से कम बिक्री हुई या फिर 5 लाख से अधिक बिक्री हुई। आपका प्रथम नाम क्या है और अंतिम नाम क्या है। इसके अतिरिक्त आपका मोबाइल नम्बर क्या है।
# आइए जानते हैं कि आखिर क्या है स्टैंड अप इंडिया लोन योजना?
स्टैंड अप इंडिया योजना में दो शब्द बहुत ही महत्वपूर्ण हैं- स्टैंड अप और इंडिया यानी कि बभारत को फिर से खड़ा करने की बात की और कराई जा रही है। ऐसा इसलिए कि हमारे देश में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और महिला कारोबारी आर्थिक रूप से इतना सक्षम नही होते हैं कि वह अपना कारोबार खुद से बढ़ा सकें। इसीलिए केन्द्र सरकार द्वारा स्टैंड अप इंडिया लोन योजना शुरु की गई है। जिसके तहत लाभार्थी श्रेणियों के कारोबारियों को एक नया कारोबार शुरु करने के लिए 10 लाख से लेकर 1 करोड़ तक का बिजनेस लोन दिया जाता है। यह मदद कारोबारियों को फाइनेंशियल सहायता के रूप में दिया जाता है ताकि वह खुद का बिजनेस शुरु कर सकें। इसके तहत बैंक से पैसे पाने के लिए या पैसे की वापसी के लिए निबंधित कारोबारियों को एक रुपे डेबिट कार्ड जारी किया जाएगा, जिसके जरिये कारोबारी अपना बिजनेस स्थापित कर सकते हैं। हां, इतना जरूर है कि स्टैंड अप इंडिया लोन का इस्तेमाल मैनुफैक्चरिंग बिजनेस के लिए होना चाहिए।
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सबसे खास बात यह है कि अगर दो लोग मिलकर स्टैंड अप इंडिया लोन लेना चाहते हैं तो उनमे से एक व्यक्ति अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति या महिला होनी चाहिए और उनकी कारोबार में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी होनी चाहिए।
# जानिए कि स्टैंड अप इंडिया लोन का लाभ ऐसे मिलता है?
दरअसल, जिन कारोबारियों को स्टैंड अप इंडिया लोन की जरूरत है, उनको सबसे पहले स्टैंड अप इंडिया की वेबसाइट पर जाना होगा। जिसकी वेबसाइट है- https://www.standupmitra.in/ इस वेबसाइट पर जाने के बाद सबसे पहला काम होना चाहिए एलिजिबिलिटी चेक करने का, जिसे जांचने के बाद स्टैंड अप इंडिया की वेबसाइट से ही यह जान लेना चाहिए कि स्टैंड अप इंडिया लोन के किन किन कागज़ी दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है और इसके बाद किस प्रक्रिया का पालन करना होता है।
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जहां तक स्टैंड अप इंडिया लोन योजना की पात्रता का सवाल है तो यह जान लीजिए कि अप्लाई करने वाला या वाली कारोबारी एससी या एसटी या महिला होनी चाहिए। आवेदक या आवेदिका की उम्र 18 साल से अधिक होना जरूरी है। उसका कारोबार ग्रीन फील्ड एरिया में होना चाहिए। जिस कारोबार के लिए लोन चाहिए, वह सर्विस सेक्टर का हो या मैनुफैक्चरिंग सेक्टर का हो। साथ ही, आवेदक किसी भी बैंक या वित्तीय संस्था से डिफ़ॉल्टर नहीं होना चाहिए।
# जानिए कि स्टैंड अप इंडिया लोन योजना के लिए क्या क्या हैं जरूरी कागज़ी दस्तावेज और कैसे करें आवेदन
स्टैंड अप इंडिया योजना में पहचान पत्र के रूप में आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, निवास प्रमाण पत्र इत्यादि में से कोई एक होना चाहिए। वहीं, जाति प्रमाण पत्र महिलाओं के लिए जरूरत नही है। वहीं, बिजनेस का पता प्रमाण पत्र के तौर पर पैन कार्ड, पासपोर्ट आकार के फोटो, बैंक खाता विवरण, नवीनतम आयकर रिटर्न मतलब आईटीआर कॉपी, रेंट एग्रीमेंट- यदि किराए पर व्यावसायिक परिसर है तब, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से क्लीयरेंस प्रमाण पत्र- यदि जरुरत हो तो और प्रिजेक्ट रिपोर्ट यानी कि परियोजना रिपोर्ट होनी चाहिए।
दरअसल, स्टैंड अप इंडिया लोन सभी बैंक की ब्रांच से मिलता है। इसके निमित्त अप्लाई करने के लिए अपने नजदीकी बैंक ब्रांच से संपर्क करें। यदि आप ऑनलाइन अप्लाई करना चाहते हैं तो स्टैंड अप इंडिया की वेबसाइट https://www.standupmitra.in/पर जानकार सीधे ऑनलाइन भी अप्लाई कर सकते हैं। इसके तहत, आपको समस्त जानकारी भी ऑनलाइन भी प्रदान की जाती रहेगी।
- कमलेश पांडेय
वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार
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