एसआईपी में निवेश के महत्वपूर्ण बातों को समझिए, बताई हुई पांच गलतियां कभी न करें, सदैव रहेंगे फायदे में
वित्त बाजार विश्लेषक बताते हैं कि आम आदमी के लिए सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) एक बेहतर और भरोसेमंद विकल्प बन रहा है। क्योंकि यह आपकी छोटी-छोटी बचत से बड़ा रिटर्न देने में कामयाब रहा है।
मध्यम वर्गीय परिवार को अक्सर खर्च करने से पहले रुपए-पैसे बचाने की योजना बनानी पड़ती है। क्योंकि मौजूदा समय में बच्चों की पढ़ाई से लेकर उनकी शादी तक और अकस्मात स्वास्थ्यगत खर्च किसी की भी जेब ढीली कर सकता है। ऐसे में यदि आप दीर्घकालिक निवेश (लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट) की रणनीति नहीं बनाएंगे, तो फिर इन कार्यों के लिए अच्छा खासा फंड कैसे तैयार करेंगे। विश्वास रखिए, छोटी-छोटी रकम बचाकर, उसे सुनियोजित रूप से निवेश करने पर एक बड़ी रकम इकट्ठी की जा सकती है, जो आपके आड़े वक्त पर काम आ सकता है। इसके लिए सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) एक बेहतर विकल्प है।
उदाहरणतया साल 2024 में यदि आपके बच्चे की उम्र 3 महज साल है तो उसके 18 साल का होने तक यानी 2042 तक आपको 22 लाख का मैच्योरिटी फंड मिल सकता है। बशर्ते कि एसआईपी प्लान फॉलो करें। ये आपके बच्चों की पढ़ाई और उच्च शिक्षा के लिए मोटा फंड तैयार करवा सकता है। बढ़ती महंगाई के बीच आवश्यक जरूरतों को पूरा करने के लिए आप एसआईपी में रोजाना 150 रुपये बचाकर निवेश करते हैं तो 22 लाख का फंड तैयार कर सकते हैं।
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वित्त बाजार विश्लेषक बताते हैं कि आम आदमी के लिए सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) एक बेहतर और भरोसेमंद विकल्प बन रहा है। क्योंकि यह आपकी छोटी-छोटी बचत से बड़ा रिटर्न देने में कामयाब रहा है। लिहाजा, लॉन्ग टर्म में सही से एसआईपी में निवेश किया जाए तो यह आपकी जरूरत पर अच्छा रिटर्न देता है। वैसे भी मध्यम वर्ग की कमाई और खर्चों में बहुत अंतर होता है। अधिकांशतया उनकी कमाई से ज्यादा खर्चे मुंह बाए खड़े रहते हैं। इसलिए आज हम बात करेंगे एसआईपी के ऐसे निवेश के सुरक्षित और महत्वपूर्ण तरीकों के बारे में, जो आपकी जिंदगी को निकट भविष्य में आसान बनाएंगे।
# जानिए, क्या होता है एसआईपी?
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान को संक्षिप्त भाषा में एसआईपी कहते हैं। इसके जरिए म्युचुअल फंड में निवेश किया जा सकता है। आमतौर पर शेयर मार्केट में पैसे डूबने का खतरा बना रहता है। ऐसे में यदि आप रिस्क से दूर और सीधा स्कॉट मार्केट में निवेश नहीं करना चाहते हैं, तो फिर एसआईपी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। हालांकि, इसमें भी मार्केट के उतार-चढ़ाव का असर पड़ता है। इसी वजह से विशेषज्ञ मानते हैं कि एसआईपी में दीर्घकालिक निवेश आपकी निवेश रकम को हानि में जाने से बचा सकता है। क्योंकि एसआईपी में निर्धारित समयावधि में सुनिश्चित रकम निवेश करनी होती है.
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के आंकड़ों के अनुसार, बीते वर्ष नवंबर 2023 में एसआईपी में निवेश पहली बार 17 हजार करोड़ रुपए के पार हो गया। क्योंकि वैश्विक महामारी कोरोना के बाद से आम लोगों का भरोसा फिर से ऐसे निवेश की तरफ बढ़ा है। क्योंकि अब हर कोई चाहता है कि वह ऐसी जगह पैसे लगाए, जहां से उसे सुरक्षित और अच्छा-खासा रिटर्न मिले। ऐसे में एसआईपी आम आदमी के लिए बेहतर विकल्प बन रहा है।
वित्त बाजार के विशेषज्ञ बताते हैं कि एसआईपी के जरिए आप म्यूचुअल फंड्स मार्केट में निवेश करते हैं, जो मार्केट से लिंक होता है। चूंकि म्यूचुअल फंड्स शेयर मार्केट से जुड़ा होता है, ऐसे में आपके पैसे का खराब रिटर्न भी मिल सकता है। लेकिन, म्यूचुअल फंड्स को क्वॉलिफाइड फंड मैनेजर हैंडल करते हैं, इसलिए इसमें आपका पैसा डूबने का खतरा काफी कम होता है और लॉन्ग टर्म में एसआईपी से निवेश करने से पैसा डूबने का खतरा और भी कम हो जाता है।
उदाहरण स्वरूप यदि आप निवेश के लिए एसआईपी प्लान लेते हैं तो आपको प्रतिदिन 150 रुपए रोज निवेश करना होगा। इसका अभिप्राय यह है कि आपको महीने के 4500 रुपए और साल का 54 हजार रुपए निवेश करना होगा। खास बात यह कि ऐसा निवेश लंबे समय के लिए होना चाहिए। यदि आप ऐसा निवेश 20 साल के लिए करते हैं तो आपको एसआईपी में कुल 10.80 लाख रुपए निवेश करना होगा। आम तौर पर एसआईपी में लॉन्ग टर्म में निवेश का सालाना रिटर्न 12 फीसदी है।
अब मान लीजिए कि आपको 12 फीसदी के हिसाब से इस रकम पर रिटर्न मिलता है तो आपको 20 साल में इस रकम पर 34,16,166 रुपए मिलेंगे। इस दौरान आपकी एसआईपी मैच्योर होगी तो आपकी निवेश की गई कुल रकम 10.80 लाख होगी, जबकि ब्याज की रकम 34,16,166 रुपए होगी। यह रकम कुल 44,96,166 रुपए बैठेगी। यानी बतौर रिटर्न आपको 20 साल बाद तकरीबन 45 लाख रुपए मिलेेंगे।
मजे की बात तो यह है कि बाजार नियामक संस्था सेबी (एसईबीआई) ने म्यूचुअल फंड में निवेश की सीमा को घटाकर 250 रुपए पर करने की योजना बनाई है। यदि ऐसा होता है तो छोटे से छोटा निवेशक भी अब आसानी से हर महीने एसआईपी के जरिए अपने निवेश के सफर की शुरुआत कर सकते हैं। क्योंकि एसआईपी में कई तरह के फंड होते हैं, जिसमें सबसे सुरक्षित "इंडेक्स फंड" को माना जाता है। इसमें सिर्फ वही स्टॉक शामिल होते हैं, जो निफ्टी-50 में लिस्टेड हैं। निफ्टी-50 में ऐसे ही किसी स्टॉक को शामिल नहीं किया जाता है। यदि वो सेबी के तय नियम को पूरा करता है और निवेशकों को अच्छा रिटर्न देने का दम रखता है तब उसे निफ्टी-50 इंडेक्स की सूची में शामिल किया जाता है। ऐसा ही एक इंडेक्स बीएसई-30 है, जिसमें 30 शेयर होते हैं, जबकि निफ्टी-50 में 50 शेयर लिस्ट होते हैं।
# ऐसे समझिए कि एसआईपी से निवेश करना कितना है सुरक्षित?
एसआईपी में महीने के न्यूनतम 500 रुपए से भी निवेश की शुरुआत की जा सकती है। इसमें लचीलापन होने, दीर्घावधि में फायदा मिलने, नियमित बचत होने की वजह से यह आम आदमी के लिए मुफीद होता है। एसआईपी रिटर्न इस बात पर निर्भर करता है कि आपने कौन सा म्यूचुअल फंड चुना है। एसआईपी में रिटर्न आरडी या एफडी की तरह गारंटी युक्त नहीं होता। ऐसे में यदि आपको जल्दी पैसे बनाने हैं तो आपको कम उम्र से ही निवेश शुरू कर देना चाहिए, ताकि आपको दीर्घावधि में अच्छा रिटर्न मिल सके। क्योंकि पैसे से पैसे बनाने में पॉवर ऑफ कंपाउंडिंग को समझना होगा, जिससे समय के साथ आपको निवेश के पैसे बढ़ाना होगा।
चाहे एसआईपी हो या कुछ और, निवेश के लिए सबसे जरूरी चीज है आपका अनुशासित होना और नियमित होना। कहने का मतलब यह कि आपको हर महीने तय समय पर तय रकम निवेश करना ही होगा, जिसके लिए आपको बचत योजना बनानी चाहिए।
# कभी भी बाजार को देखकर निवेश नहीं कीजिए, बल्कि महत्वपूर्ण ट्रेंड पर गौर कीजिए
यदि बाजार अच्छा चल रहा है ताे यह देखकर निवेश कतई नहीं करें। क्योंकि म्यूचुअल फंड्स या और कोई निवेश ज्यादातर बाजार जोखिम के अधीन होते हैं। ऐसे में कुछ लोग बाजार के मंदा पड़ते ही पैसे निकालने लगते हैं, जिससे उनको नुकसान हो सकता है। ऐसे में अल्प अवधि का निवेश नुकसान देता है। यही निवेश आप यदि दीर्घ अवधि के लिए करते हैं तो आपको अच्छा पैसा रिटर्न में मिलेगा। और हां, आप अपनी आय बढ़ने पर अपनी निवेश की गई रकम को भी बढ़ाइये, ताकि आपको निवेश का अधिकाधिक फायदा मिल सके। वहीं, आपको बतौर निवेशक कभी भी एक जगह पैसे नहीं लगाने चाहिए। बल्कि आपको सोने-चांदी, इक्विटी, डेट फंड, रियल एस्टेट और म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना चाहिए। इससे ये होगा कि अगर कोई सेक्टर मंदी से जूझ रहा है तो दूसरा सेक्टर आपको संभाल लेगा। इसलिए आपको अपने पैसों को सही समय पर सही जगह लगाना चाहिए। क्योंकि पैसे लगाने से पहले जिस सेक्टर में आप निवेश करना चाहते हैं, उसका इतिहास और वर्तमान दोनों देख लेना चाहिए। यह भी देखना चाहिए कि आपको पैसे कब लगाना चाहिए।
वहीं, इस बात का खास ध्यान रखें कि निवेश से पहले फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह जरूर लें। क्योंकि उनकी मदद लेने से आपका एसआईपी रिटर्न और बेहतर हो सकता है।
- कमलेश पांडेय
वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार
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