व्यापारियों को भी मिलेगी पेंशन सुविधा, यहाँ करायें पंजीकरण और उठाएं फायदा
बता दें कि इस योजना का नाम प्रधानमंत्री लघु व्यापारिक मानधन योजना रखा गया है। जिसका फायदा 60 साल की उम्र के बाद मिलेगा। इससे लघु व्यापारी लोगों को बुढ़ापे में आर्थिक मजबूती मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब तक सामाजिक सुरक्षा पेंशन पाने से अभिवंचित देशवासियों को इसके दायरे में लाकर प्रतिमाह एक सुनिश्चित धनराशि बतौर पेंशन देने की जो साहसिक पहल की है, उसका सभी वर्गों ने भरपूर स्वागत किया है। ऐसा इसलिए कि पहले उन्होंने किसान-मजदूर-कारीगर पेंशन योजना की मजबूत बुनियाद रखी, फिर एक अंतराल के बाद प्रधानमंत्री लघु व्यापारिक मानधन योजना को आगे बढ़ाया, जिससे नोटबन्दी और जीएसटी से रुष्ट व्यापारिक वर्ग गदगद हो गया।
दुकानदारों को अब मिलेगी 3000 रुपये की मासिक पेंशन, पीएम मोदी ने शुरू की स्कीम
देश के करोड़ों दुकानदारों और खुद का कारोबार करने वाले लोगों को अब हर महीने 3,000 रुपये की मासिक पेंशन मिलेगी। क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छोटे दुकानदारों, खुदरा व्यापारियों और अपना कारोबार करने वाले लोगों के लिए यह पेंशन योजना पिछले सप्ताह ही झारखंड प्रान्त से शुरू कर दी है।
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60 साल के बाद मिलेगी 3 हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन
बता दें कि इस योजना का नाम "प्रधानमंत्री लघु व्यापारिक मानधन योजना" रखा गया है। जिसका फायदा 60 साल की उम्र के बाद मिलेगा। इससे लघु व्यापारी लोगों को बुढ़ापे में आर्थिक मजबूती मिलेगी। पीएम मोदी ने इस योजना की शुरुआत करते हुए कहा था कि देश के करोड़ों व्यापारियों और स्व-रोजगारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना की शुरुआत भी झारखंड से हो रही है, जिसका भरपूर फायदा उन्हें मिलेगा।
3 करोड़ छोटे-मोटे कारोबारियों को होगा फायदा, अगले तीन साल में जोड़े जाएंगे लगभग 5 करोड़ दुकानदार
इस पेंशन योजना का फायदा करीब 3 करोड़ खुदरा व्यापारियों, दुकानदारों और स्वरोजगार करने वालों को मिलेगा। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही इस योजना की घोषणा की थी। इसलिए अब अगले 3 सालों में इस योजना से 5 करोड़ दुकानदारों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।
जानिए आयु सीमा और जीएसटी टर्नओवर के बारे में
इस योजना से जुड़ने के लिए कारोबारियों की उम्र 18 से 40 साल के बीच रखी गई है। प्रधानमंत्री लघु व्यापारिक मानधन योजना का लाभ उन सभी कारोबारियों को मिलेगा, जिनका जीएसटी के तहत सालाना टर्नओवर 1.5 करोड़ रुपये से कम है।
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समृद्ध वाणिज्यिक परम्परा को पुनर्जीवित करेगी यह योजना
कहना न होगा कि इस देश में व्यापार तथा वाणिज्य की एक समृद्ध परम्परा रही है। जिसके तहत हमारे व्यापारी भारत के आर्थिक विकास में निरंतर अपना बहुमूल्य योगदान देते रहे हैं। इसलिए पीएम मोदी का यह निर्णय सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा की सुदृढ़ संरचना मुहैया कराने संबंधी उनके विजन का एक खास हिस्सा है, जिससे देश के विभिन्न वंचित वर्गों के सपनों को अब नए पंख लगेंगे।
इस योजना के तहत 1.5 करोड़ वार्षिक से कम जीएसटी टर्नओवर वाले कारोबारी करा सकते हैं खुद को सूचीबद्ध
इस योजना के तहत सभी दुकानदारों, खुदरा व्यापारियों और स्वरोजगार करने वाले लोगों को 60 वर्ष की आयु हो जाने के बाद 3000 रुपये की न्यूनतम मासिक पेंशन देना सुनिश्चित किया गया है। इसलिए सभी छोटे दुकानदारों एवं स्वरोजगार वाले लोगों के साथ-साथ ऐसे खुदरा (रिटेल) व्यापारी भी इस योजना के लिए अपना नामांकन करा सकते हैं। खासकर वो लोग, जिनका जीएसटी कारोबार 1.5 करोड़ रुपये से कम है और जिनकी आयु 18 से 40 वर्ष तक है।
सिर्फ आधार कार्ड और बैंक खाते के सहारे स्वघोषणा के आधार पर जुड़ सकते हैं पात्र लोग
यह योजना स्व-घोषणा पर आधारित है, क्योंकि 'आधार' एवं बैंक खाते को छोड़कर किसी और दस्तावेज की जरूरत इसमें नहीं पड़ती है। यदि कोई इच्छुक व्यक्ति इसका लाभ लेना चाहता है तो देश भर में फैले 3,25,000 से भी अधिक साझा सेवा केन्द्रों (कॉमन सर्विस सेंटर) के जरिये अपना नामांकन करा सकते हैं या फिर इससे जुड़ सकते हैं।
पेंशन प्राप्तकर्ता के अंशदान के समान ही अंशदान करेगी केंद्र सरकार
गौरतलब है कि भारत सरकार इस योजना के सदस्य के खाते में समान रूप से अपना भी योगदान देगी। उदाहरण के तौर पर, यदि 29 साल की उम्र का कोई व्यक्ति प्रति माह 100 रुपये का अपना योगदान करता है तो केन्द्र सरकार भी प्रत्येक महीने सम्बन्धित सदस्य के खाते में अनुदान या सब्सिडी के रूप में ठीक उतनी ही राशि का योगदान करेगी।
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व्यापारिक संगठनों ने पीएम के इस फैसले को सराहा, दिए कुछ अनोखे सुझाव
व्यापारियों का अखिल भारतीय संगठन 'कैट' पिछले तीन सालों से व्यापारियों के हित में ऐसी पेंशन व्यवस्था चालू करने की मांग कर रहा था। उसका कहना है कि सरकार के इस निर्णय से देश के लगभग 3 करोड़ व्यापारी लाभान्वित होंगे, लेकिन व्यापारियों को पहली पेंशन 20 साल बाद मिलेगी। कैट ने स्पष्ट कहा कि मोदी सरकार का यह फैसला देश के व्यापारियों को विशेष रूप से उनके बुढ़ापे के दौरान गरिमा और वित्तीय सुरक्षा का जीवन सुनिश्चित करेगा।
इस योजना के तहत 18 से 40 वर्ष की आयु के सभी छोटे दुकानदारों और स्वरोजगार के साथ-साथ खुदरा व्यापारी जो जीएसटी में पंजीकृत हैं और जिनका वार्षिक टर्नओवर 1 .5 करोड़ रुपए तक है, को पेंशन का लाभ मिलेगा। ऐसे दुकानदार या व्यापारी इसके लिए अपना पंजीकरण करा सकते हैं। इस पेंशन योजना के प्रारूप के अनुसार, पहली पेंशन आज से 20 साल बाद वितरित की जाएगी। हालांकि, वर्तमान में देश में लगभग 1.5 करोड़ व्यापारी हैं, जो 60 वर्ष की आयु के पास हैं और उन्हें इस योजना से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।
41 से 60 साल वाले व्यापारियों को भी मिले पेंशन
कतिपय व्यापारिक संगठनों से जुड़े लोगों ने सरकार को सुझाव दिया है कि अगले वित्तीय वर्ष से इस योजना को तत्काल प्रभाव देने के लिए 41 साल से 60 साल तक के व्यापारियों को भी पेंशन दी जानी चाहिए, जोकि उनके द्वारा दायर जीएसटी रिटर्न के साथ जुड़ी हो सकती है। क्योंकि बड़ी संख्या में व्यापारियों को जीएसटी के तहत पंजीकृत होने की आवश्यकता नहीं है, जिसके चलते वे सभी इस महत्वपूर्ण योजना से वंचित रहेंगे।
लिहाजा, सुझाव दिया गया है कि उन्हें भी इस योजना में शामिल किया जाना चाहिए, जो उनके वार्षिक कारोबार से जुड़ी हो सकती है। इस तरह, यह योजना व्यापारियों को बड़े पैमाने पर कवर करेगी। खबर है कि कैट जल्द ही प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन भेजकर उनसे उक्त सुझाव पर विचार करने का आग्रह करेगा ताकि योजना का अधिकतम लाभ सभी व्यापारियों, स्व-नियोजित व्यक्तियों और अन्य लोगों को मिल सके।
इस बात में कोई दो राय नहीं कि इस पेंशन योजना को लागू करके पीएम मोदी ने व्यापारिक समुदाय के प्रति अपनी चिंता और उसके निदान हेतु अपनी प्रतिबद्धता दोनों एक साथ जाहिर कर दी है। इस योजना का फायदा लेने के लिए नियम को भी बहुत आसान बनाया गया है। आधार कार्ड व बैंक अकाउंट के अलावा अन्य चीजों की जरूरत इससे जुड़ने वालों को नहीं पड़ेगी, जिससे किसी भी पात्र व्यक्ति का इससे जुड़ना सरल होगा।
- कमलेश पांडे
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