बालिका समृद्धि योजना: बालिकाओं की सहायता के लिए एक पहल
बालिका समृद्धि योजना का कार्यान्वयन ग्रामीण क्षेत्रों में एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS) और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी करते हैं। पात्रता शर्तों को पूरा करने वाले उम्मीदवार नीचे दिए गए चरणों को अपनाकर योजना के लिए ऑफ़लाइन आवेदन कर सकते हैं।
बालिका समृद्धि योजना बालिकाओं के जन्म और उनकी शिक्षा के समर्थन के लिए भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है। यह योजना वर्ष 1997 में 15 अगस्त 1997 को या उसके बाद पैदा हुई बालिकाओं को वित्तीय सहायता देने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। बालिका समृद्धि योजना के मुख्य उद्देश्यों में शामिल हैं-
- स्कूलों में बालिकाओं के नामांकन के साथ-साथ उनकी देखभाल में सुधार
- बालिका के जन्म के प्रति परिवार और समुदाय का नकारात्मक रवैया बदलना
- लड़कियों को उनकी शादी की कानूनी उम्र तक सहयोग
- लड़कियों को उपक्रमों में मदद करना, जो आय उत्पन्न कर सकता है
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मुख्य पात्रता
बालिका समृद्धि योजना केवल बालिकाओं के लिए ही लागू है। इसके अलावा कुछ महत्वपूर्ण पात्रता शर्तें हैं जो उम्मीदवार को इस योजना के तहत लाभ उठाने के लिए पूरी करनी चाहिए। इन शर्तों में शामिल हैं -
- नवजात शिशु की माताओं को जन्म के बाद का अनुदान दिया जाता है
- बालिका गरीबी रेखा से नीचे के परिवार से होनी चाहिए
- यह योजना शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में लागू की गई है
- लड़की का जन्म 15 अगस्त 1997 को या उसके बाद होना चाहिए
एक परिवार में केवल दो बालिकाएं इस योजना के तहत लाभ प्राप्त कर सकती हैं, भले ही उस घर में बहुत सारे बच्चे हों।
आवेदन प्रक्रिया
बालिका समृद्धि योजना का कार्यान्वयन ग्रामीण क्षेत्रों में एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS) और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी करते हैं। पात्रता शर्तों को पूरा करने वाले उम्मीदवार नीचे दिए गए चरणों को अपनाकर योजना के लिए ऑफ़लाइन आवेदन कर सकते हैं।
चरण 1: आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं (ग्रामीण क्षेत्रों में) या स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (शहरी क्षेत्रों में) से आवेदन पत्र प्राप्त कर सकते हैं। या उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट से ऑनलाइन आवेदन पत्र डाउनलोड कर सकते हैं। शहरी क्षेत्रों और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग आवेदन पत्र उपलब्ध होते हैं।
चरण 2: फॉर्म में सभी आवश्यक विवरण भरें।
चरण 3: भरे हुए आवेदन पत्र को संबंधित अधिकारियों को भेजें जहां से आवेदन पत्र प्राप्त होते हैं।
बालिका समृद्धि योजना- पुरस्कार
जन्म के समय बालिका की माँ को दी जाने वाली वित्तीय सहायता राशि 500 रुपये का एकमुश्त अनुदान है। इसके अलावा जब बालिका अपने विद्यालय में पढ़ने लगती है तो वह एक वार्षिक छात्रवृत्ति प्राप्त करने की हकदार बन जाती है। इसका विवरण इस प्रकार है -
- कक्षा 1 से 3 के लिए छात्रवृत्ति राशि INR 300 प्रति वर्ष है
- कक्षा 4 के लिए छात्रवृत्ति राशि INR 500 प्रति वर्ष है
- कक्षा 5 के लिए छात्रवृत्ति राशि INR 600 प्रति वर्ष है
- कक्षा 6 से 7 के लिए छात्रवृत्ति राशि INR 700 प्रति वर्ष है
- कक्षा 8 के लिए छात्रवृत्ति राशि INR 800 प्रति वर्ष है
- कक्षा 9 से 10 के लिए छात्रवृत्ति राशि INR 1000 प्रति वर्ष है
नियम और शर्तें
इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को निम्नलिखित शर्तों का पालन करना होता है:
- वित्तीय सहायता की राशि सीधे लाभार्थी के खाते में जमा की जाती है। लाभार्थी का मतलब वह लड़की है जिसके नाम पर खाता खुला हुआ है।
- गौरतलब है कि इस राशि पर अधिकतम संभव ब्याज मिलता है। इसलिए उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि उन्हें पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड या राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र जैसी योजनाओं में इसका निवेश करें।
- उम्मीदवार लड़की के नाम पर भाग्यश्री बालिका कल्याण बीमा योजना के तहत बीमा पॉलिसी के प्रीमियम का भुगतान करने के लिए अनुदान या छात्रवृत्ति राशि का एक हिस्सा उपयोग कर सकते हैं।
- उम्मीदवार पाठ्यपुस्तक या लड़की के लिए वर्दी खरीदने के लिए छात्रवृत्ति राशि का उपयोग कर सकते हैं।
- नगर पालिका या ग्राम पंचायत द्वारा जारी प्रमाण पत्र, जिसमें प्रमाणित किया गया हो कि लड़की अविवाहित है, उसके 18 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद स्थायी राशि वापस लेने का भी प्रावधान है।
- यदि लड़की की शादी 18 वर्ष से पहले हो जाती है तो उसे छात्रवृत्ति राशि और उस पर अर्जित ब्याज को छोड़ना होगा और वह केवल जन्म के बाद का अनुदान और उस पर मिलने वाले ब्याज को ही पाने की हकदार होगी।
- 18 वर्ष की आयु पूरी करने से पहले लड़की की मृत्यु की स्थिति में उसके खाते में उपलब्ध कुल जमा राशि को निकाला जा सकता है।
- जे. पी. शुक्ला
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