इन योजनाओं की बदौलत मोदी सरकार दोबारा सत्ता में लौटने में सफल रही

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अपने पहले कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी की दूरदृष्टि से ओतप्रोत जिन योजनाओं ने देश की जनता में उनके लिए विश्वास पैदा किया, उन योजनाओं से देश के सभी राज्यों में मौजूद गांव, गरीब, किसानों, मजदूरों और समाज के शोषित-वंचित तबके को सबसे ज्यादा लाभ पहुंचा।

नए भारत के संकल्प के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आम चुनाव में ऐतिहासिक विजय हासिल की। देश की जनता ने एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विश्वास जताया है। ऐसे में सवाल उठाना स्वाभाविक है कि आखिर इतनी प्रचंड जीत उन्होंने कैसे हासिल कर ली। वह भी तब जब देश के पूरे विपक्षी दल उनके खिलाफ एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरे थे ? इसका जवाब बहुत आसान है। अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने गरीबों, दलितों और वंचित समाज के विकास के लिए जो कदम उठाए, वैसे कदमों की कल्पना विपक्ष ने कभी नहीं की थी। अपने पहले कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी की दूरदृष्टि से ओतप्रोत जिन योजनाओं ने देश की जनता में उनके लिए विश्वास पैदा किया, उन योजनाओं से देश के सभी राज्यों में मौजूद गांव, गरीब, किसानों, मजदूरों और समाज के शोषित-वंचित तबके को सबसे ज्यादा लाभ पहुंचा। मोदी सरकार की 150 से अधिक योजनाओं में से मुख्य रूप से जिन योजनाओं ने देश की जनता को प्रभावित किया, उन योजनाओं पर एक नजर-

स्वच्छता और शौचालय

स्वच्छ भारत मिशन के तहत मोदी सरकार ने देश में 9.2 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनवाए। विश्व में अपनी तरह के इस सबसे बड़े अभियान के तहत 50 करोड़ परिवारों को लाभ हुआ और उनके जीवन-स्तर में सुधार आया। इस योजना से माताओं और बहनों का खुले में शौच के लिए जाना बंद हुआ, जिससे सरकार के प्रति लोगों की बेहतर राय बनी।

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उज्ज्वला योजना

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत बड़ी संख्या में गरीब परिवारों को नि:शुल्क में गैस कनेक्शन बांटे गए। इससे सबसे बड़ा लाभ उन गरीब माताओं-बहनों को हुआ, जो धुएं में खाना बनाने को मजबूर थीं। इस योजना में गरीबी रेखा के नीचे गुजर-बसर करने वाले परिवारों के लिए 7 करोड़ एलपीजी कनेक्शन वितरित किए जा चुके हैं। स्वतंत्रता के उपरांत 2014 तक 12 करोड़ गैस कनेक्शन दिए गए थे। मोदी सरकार ने पांच वर्ष में 7 करोड़ नि:शुल्क कनेक्शन के साथ कुल 13 करोड़ कनेक्शन दिए।

ग्रामों में बिजली

प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) ने सुदूर गांवों में हर घर बिजली पहुंचाने में पूरी ताकत झोंक दी। स्वतंत्रता के बाद भी देश के हजारों घरों में बिजली नहीं पहुंची थी, जिसे पहुंचाया गया। इससे गरीबों और वंचित लोगों के लिए सोचने वाली सरकार के तौर पर उसकी छवि बनी।

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प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना

यह असंगठित क्षेत्र के 40 वर्ष तक की आयु के कामगारों के 60 वर्ष की आयु के बाद 3000 रुपये की मासिक पेंशन देने की योजना है। इसका उद्देश्य 15,000 रुपये तक की मासिक आय वाले असंगठित क्षेत्र के कामगारों को पेंशन उपलब्ध कराना है। अगले पांच साल में 10 करोड़ कामगारों के इस योजना से जुड़ने की उम्मीद है। इसके तहत कामगारों को बहुत ही छोटी राशि हर महीने पेंशन योजना में जमा करनी होगी। इतनी ही राशि का योगदान सरकार भी करेगी।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि

छोटे और सीमांत किसान परिवारों (जिनके पास 2 हेक्टेयर तक जमीन होगी) के लिए शुरू की गयी इस योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार किसान परिवारों को सालाना 6 हजार रुपये देगी। चुनाव से पहले किसानों को किस्त पहुंचनी भी शुरू हो गई थी। सरकार का मानना है कि योजना की मदद से किसानों को अपनी फसल तैयार करने में खाद, बीज, पानी व अन्य खर्चों को पूरा करने में आसानी होगी।

आयुष्मान भारत

गरीबों के लिए यह स्वास्थ्य बीमा योजना है। इसके तहत अब तक 10 लाख गरीब मरीज लाभान्वित हो चुके हैं। इससे सीधे तौर पर गरीबों को लाभ हो रहा है। कैंसर और हार्ट संबंधी बीमारियों में भी 50 करोड़ भारतीयों को सालाना 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा मिल रहा है। ग्रामीण इलाके के 8.03 करोड़ परिवार और शहरी इलाके के 2.33 करोड़ परिवार आयुष्मान भारत योजना के दायरे में आएंगे।


इन्सॉल्वेंसी ऐंड बैंकरप्सी कानून

यह कानून केंद्र सरकार की यह एक बड़ी सफलता है। इस कानून की शुरूआती सफलता को देखते हुए सरकार ने इसमें व्यापक प्रावधान जोड़े हैं। इसके अंतर्गत कर्ज न चुकाने वाले बकाएदारों से निर्धारित समय के अंदर कर्ज वापसी के प्रयास किए जाते हैं। इस कोशिश से बैंकों की आर्थिक स्थिति में कुछ हद तक सुधार जरूर हुआ है। अब बैंक के बकाएदारों को अपनी संपत्ति की नीलामी एवं बोली लगाने पर पूर्ण पाबंदी है।

सब्सिडी का डिजिटल ट्रांसफर

गरीबों को मिलने वाली सरकारी मदद में बिचौलिये की भूमिका को खत्म करने के लिए मोदी सरकार ने सब्सिडी को सीधे लाभार्थियों के खातों में पहुंचाने की योजना शुरू की। इस योजना ने गरीबों की जिंदगी में जो महत्वपूर्ण बदलाव किये हैं, उसे आसानी से देखा जा सकता है।

इन्फ्रास्ट्रक्चर पर काम

सड़क, हाइवे और मेट्रो नेटवर्क को तेजी से आगे बढ़ाने पर काम हुआ। 2013-14 में 12 किमी हाइवे का निर्माण होता था जो 2017-18 में बढ़कर 27 किमी प्रतिदिन हो गया। इसी तरह रेलवे लाइन, जल परिवहन सहित अन्य अधोसंरचना क्षेत्र में तेजी से किये गये काम को जनता ने प्रत्यक्ष रूप से महसूस किया।

प्रधानमंत्री आवास योजना

निर्धन लोगों को उनकी क्रयशक्ति के अनुकूल घर प्रदान करने की इस योजना के अंतर्गत 2022 तक सभी को घर उपलब्ध कराने के लिए मोदी सरकार काम कर रही है। अपने पांच साल के कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी ने लगभग डेढ़ करोड़ मकान बनाकर गरीबों को सौप दिए हैं और सरकार का लक्ष्य 2022 तक सभी को अपना मकान देने का है।

-डॉ. विजय सोनकर शास्त्री

(लेखक पूर्व सांसद हैं और वर्तमान में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं)

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