भारत देश में 1 अप्रैल से लागू होंगे कई बड़े बदलाव, जानिए कितनी कटेगी आपकी जेब?

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कमलेश पांडे । Mar 31 2025 3:14PM

बजट 2025 में मध्यम वर्ग यानी मिडिल क्‍लास को राहत देते समय सरकार ने कई बड़े ऐलान किए गए थे, जिसमें टैक्‍स स्‍लैब में बदलाव से लेकर टीडीस, टैक्‍स रिबेट और अन्य चीजें शामिल थीं। वहीं पुराने इनकम टैक्‍स एक्‍ट 1961 की जगह पर नए इनकम टैक्‍स बिल का प्रस्‍ताव रखा था।

एक अप्रैल दो हजार पच्चीस से नए वित्तीय वर्ष यानी टैक्स ईयर की शुरुआत होगी, इसलिए इस दिन से होने वाले कतिपय बड़े बदलावों का असर आपकी जेब पर पड़ने वाला है। चूंकि इन बदलावों से आपकी आर्थिक स्थिति से लेकर रसोई घर तक प्रभावित होने वाली है। लिहाजा आपको इस बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। बताया गया है कि एक अप्रैल यानी 'अप्रैल फूल' दिवस से होने वाले विभिन्न बदलावों का असर आपके बैंक खाते से लेकर रसोई घर में इस्तेमाल होने वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमतों तक पर पड़ने वाला है। इतना ही नहीं, यदि आप एसबीआई समेत अन्य बैंकों के क्रेडिट कार्ड को यूज करते हैं, तो इससे जुड़े नियमों में भी परिवर्तन लागू होने वाला है।

इसलिए सजग हो जाइए। अपडेट हो जाइए। इसलिए आइए यहां पर हमलोग जानते हैं कि पहली अप्रैल 2025 से भारत में लागू होने वाले कुछेक बड़े बदलावों के बारे में-

पहला, चूंकि हर महीने की शुरुआत देश में कई बड़े वित्तीय परिवर्तन के साथ होती है, इसलिए नये वित्त वर्ष यानी टैक्स ईयर के रूप में शुरू हो रहे अप्रैल महीने की पहली तारीख यानी 1 अप्रैल 2025 की शुरुआत भी कई बड़े बदलावों के साथ होने जा रही है। आप जानते हैं कि प्रायः हर महीने की पहली तारीख को ऑयल एंड गैस डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियां एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में संशोधन करती हैं। इसलिए 1 अप्रैल, 2025 को भी इनमें बदलाव देखने को मिल सकता है। बीते कुछ समय में जहां 19 किलोग्राम वाला एलपीजी सिलेंडर की कीमतों घट-बढ़ देखने को मिली है, वहीं लंबे समय से रसोई गैस सिलेंडर की कीमतें यथावत बनी हुई हैं। ऐसे में नए वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ लोगों को 14 किलोग्राम वाले सिलेंडर की कीमतों में राहत भरे बदलाव की उम्मीद है। इसके अलावा सीएनजी और पीएनजी की कीमतों के अतिरिक्त एयर टर्बाइन फ्यूल यानी एटीएफ (ATF) के भाव में भी संशोधन किया जाता है। इस प्रकार सीएनजी की कीमतों में उतार-चढ़ाव से जहां आपके वाहन पर होने वाले खर्च में इजाफा होगा या राहत मिलेगी, वहीं एटीएफ की कीमतों में बढ़ोतरी से हवाई यात्रा और भी अधिक महंगी हो सकती है।

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दूसरा, 1 अप्रैल 2025 से क्रेडिट कार्ड के नियमों में भी बदलाव हो रहा है, जो इन पर मिलने वाले रिवॉर्ड से लेकर अन्य सुविधाओं पर असर डालेंगे। जहां एक ओर एसबीआई अपने सिम्पली क्लिक क्रेडिट कार्ड पर स्विगगी रिवॉर्ड को 5 गुना से घटाकर आधा कर देगा, वहीं दूसरी ओर एयर इंडिया सिग्नेचर पॉइंट्स को 30 से घटाकर 10 कर किया जाएगा। इसके अलावा, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक क्लब विस्तारा माइलस्टोन के फायदे बंद करने वाला है।

तीसरा, अप्रैल महीने की पहली तारीख से भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक समेत अन्य कई बैंक ग्राहकों के सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस से जुड़े नियम संशोधित करने जा रहे हैं। लिहाजा, बैंक द्वारा खाताधारक के मिनिमम बैलेंस के लिए सेक्टर वाइज आधार पर नई लिमिट तय होगी और न्यूनतम बैलेंस खाते में न होने की स्थिति में फाइन लगाया जा सकता है। स्वाभाविक है कि इससे आपकी ही जेब ढीली होगी।

चतुर्थ, 1 अप्रैल से UPI से जुड़ा हुआ बदलाव भी होगा। खासकर जिन मोबाइल नंबरों से जुड़े यूपीआई अकाउंट्स लंबे समय से एक्टिव नहीं हैं, उन्हें बैंक रिकॉर्ड से हटाया जाएगा। ऐसे में यदि आपका मोबाइल फोन नंबर यूपीआई ऐप से जुड़ा है और आपने लंबे समय से इसका इस्तेमाल नहीं किया है तो इसकी सेवाएं बंद की जा सकती हैं। लिहाजा, पुनः इसकी सेवाएं चालू कर लीजिए। ताकि आपके नम्बर नहीं कटें।

पांचवां, बजट 2025 में मध्यम वर्ग यानी मिडिल क्‍लास को राहत देते समय सरकार ने कई बड़े ऐलान किए गए थे, जिसमें टैक्‍स स्‍लैब में बदलाव से लेकर टीडीस, टैक्‍स रिबेट और अन्य चीजें शामिल थीं। वहीं पुराने इनकम टैक्‍स एक्‍ट 1961 की जगह पर नए इनकम टैक्‍स बिल का प्रस्‍ताव रखा था। यह सभी बदलाव 1 अप्रैल 2025 से प्रभाव में आने वाले हैं। ऐसे में जहां नए टैक्‍स स्‍लैब के तहत सालाना 12 लाख रुपये तक कमाने वाले व्यक्तियों को टैक्‍स का भुगतान करने से छूट दी जाएगी। वहीं, इसके वेतनभोगी कर्मचारी 75,000 रुपये की स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन के लिए पात्र होंगे। इसका अभिप्राय है कि 12.75 लाख रुपये तक की वेतन आय अब टैक्‍स से मुक्त हो सकती है। हालांकि, यह छूट केवल उन लोगों पर लागू होती है जो नया टैक्‍स विकल्‍प चुनते हैं।

इसके अलावा सोर्स पर टैक्‍स कटौती (टीडीएस) विनियमों को भी अपडेट किया गया है, जिसमें अनावश्यक कटौती को कम करने और टैक्‍सपेयर्स के लिए कैश फ्लो में सुधार करने के लिए विभिन्न वर्गों में सीमा बढ़ाई गई है। उदाहरण के लिए, वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज आय पर टीडीएस की सीमा दोगुनी करके 1 लाख रुपये कर दी गई है, जिससे बुजुर्गों के लिए वित्तीय सुरक्षा बढ़ गई है। इसी तरह, किराये की आय पर छूट की सीमा बढ़ाकर 6 लाख रुपये सालाना कर दी गई है, जिससे मकान मालिकों के लिए बोझ कम हो गया है। इससे शहरी क्षेत्रों में किराये के बाजार को बढ़ावा मिल सकता है। 

यही वजह है कि आप इन बड़े बदलावों के बारे में इस आलेख से अपडेट हो जाइए और इसका भरपूर लाभ अपने जीवन में उठाइए। क्योंकि सरकारी नियम कानून बदलते रहते हैं।

- कमलेश पांडेय

वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार

(इस लेख में लेखक के अपने विचार हैं।)
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