मोदी-योगी के प्रयासों से दिव्य व भव्य अद्भुत महाकुंभ कीर्तिमान बनाते हुए संपन्न

kumbh mela prayagraj
ANI

वैसे भी देश व दुनिया के सनातन धर्म के अधिकांश लोगों का मानना है कि योगी आदित्यनाथ के प्रयासों के चलते ही इस भव्य दिव्य अद्भुत अलौकिक धार्मिक आयोजन को दुनिया के इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा।

महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर 26 फरवरी के सूर्यास्त के साथ ही महाकुंभ का समापन हो चुका है,13 जनवरी से 26 फरवरी 45 दिन में 66 करोड़ से ज्यादा लोगों ने महाकुंभ में डुबकी लगाई है। महाकुंभ के दौरान त्रिवेणी के  घाटों पर डुबकी लगाने वालों की यह संख्या दुनिया के 193 देशों की आबादी से ज्यादा है। दुनिया में सिर्फ भारत और चीन की आबादी महाकुंभ 2025 में आए श्रद्धालुओं से अधिक है। वैसे भी महाकुंभ 2025 ने देश व दुनिया में विश्व के सबसे प्राचीन सनातन धर्म की महान संस्कृति व अद्भुत परंपराओं की दिव्यता का डंका बजाने का कार्य बखूबी किया है।मोदी व योगी सरकार के प्रयासों से इस बार प्रयागराज में संगम की पावन धारा में देश व दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में बसे हुए लगभग 120 करोड़ सनातन धर्म के अनुयायियों में से लगभग 66 करोड़ से लोगों ने संगम में एक दिव्य अलौकिक डुबकी लगा करके अपने तन-मन की शुद्धि और आत्मा की तृप्ति करने वाला दिव्य अलौकिक अनुभव प्राप्त कराने का कार्य किया है। इस बार महाकुंभ में 75 देशों के डेलीगेट भी आये थे, देश व दुनिया के विभिन्न बड़े सेलिब्रिटी व उधोगपति भी आये थे, जो सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के मद्देनजर एक बहुत ही अच्छा व सकारात्मक संकेत है।

वहीं दूसरी तरफ महाकुंभ के दौरान देश में चंद लोगों की एक ऐसी जमात भी खडी हो गयी थी, जिन्हें महाकुंभ में सबकुछ ग़लत होता हुआ ही नज़र आ रहा था। उन लोगों की जमात को महाकुंभ में बेहद खराब व्यवस्था नज़र आ रही थी, गिद्ध दृष्टि के चलते हर तरफ गंदगी का अंबार लगा हुआ नज़र आ रहा था, नदी में जल की जगह मल-मूत्र वाला नालों का जहरीला गंदा पानी नज़र आ रहा था, जगह-जगह भोजन-पानी के लिए तरसते श्रद्धालु नज़र आ रहे थे, महाकुंभ में लूट-खसोट नज़र आ रही थी, पूजा-पाठ की जगह धार्मिक पाखंड नज़र आ रहा था, सुविधाओं के भारी अभाव के चलते तिल-तिल कर मरते लोग नज़र आ रहे थे, जगह-जगह जाम का झाम आदि ही केवल नज़र आ रहा था, जिसका इन लोगों के गैंग ने मीडिया व सोशल मीडिया के विभिन्न ताकतवर प्लेटफार्मों पर पहले ही दिन से अपने चंद क्षणिक स्वार्थों की पूर्ति के लिए जमकर के फैलाते हुए दुष्प्रचार करने का कार्य किया था। लेकिन 144 वर्ष बाद लगने वाले महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं ने इन दुष्प्रचार करने वाले लोगों के गैंग की एक भी ना सुनी और 13 जनवरी से 26 फरवरी महाकुंभ के समापन तक 66 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने महाकुंभ में पहुंच करके स्नान करके दुनिया के किसी भी तरह के आयोजन में सबसे ज्यादा लोगों के पहुंचने का कीर्तिमान बनाकर नया इतिहास रच डालने का कार्य कर दिया। महाकुंभ में दुनिया के 193 देशों की आबादी से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई और महाकुंभ नगरी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में इंतजामों की पूरी ही व्यवस्था अकल्पनीय अद्भुत नज़र आयी।

इसे भी पढ़ें: Maha Kumbh 2025 का पूरा लेखा-जोखाः 45 दिनों तक चला महाआयोजन, 66 करोड़ से अधिक ने किया पवित्र स्नान, ऊंच-नीच, जाति-पाति के बंधन टूटे

हालांकि अब महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर अंतिम स्नान 26 फरवरी 2025 के साथ त्रिवेणी के तट पर 13 जनवरी 2025 से सजा हुआ सनातन धर्म, संस्कृति व परंपराओं के अद्भुत महाकुंभ का मेला नित-नए कीर्तिमान को स्थापित करते हुए दिव्य, भव्य, नव्य व अलौकिक अनुभूति के साथ संपन्न हो गया है। आंकड़ों की बात करें तो महाकुंभ 2025 के समापन तक प्रयागराज में त्रिवेणी के विभिन्न घाटों पर लगभग 66 करोड़ से ज्यादा लोगों ने स्नान करके महाकुंभ को विश्व का सबसे बड़ा आयोजन होने का कीर्तिमान भारत के नाम करने का काम कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में यह एक ऐसा रिकॉर्ड बन गया है, जिसको किसी भी देश के द्वारा तोड़ना असंभव है। लेकिन इसके साथ ही महाकुंभ आयोजन की सबसे बड़ी बात यह रही कि 66 करोड़ से ज्यादा लोगों को स्नान करवाने लिए संगम नगरी को तैयार करने की बहुत बड़ी चुनौती पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरी तरह से खरे उतरे, उन्होंने इस असंभव कार्य को दिन-रात पूरी टीम के साथ मेहनत करते हुए धरातल पर संभव करके देश व दुनिया को दिखा दिया है।

वैसे देखा जाए तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार के प्रयासों से व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी सरकार के प्रचार-प्रसार, प्रयासों के चलते ही महाकुंभ 2025 के शुरू होने से पहले ही लगभग 40-45 करोड़ लोगों के आने का अनुमान लगाया जाने लगा था, लेकिन समापन महाशिवरात्रि तक संगम तट पर 66 करोड़ से ज्यादा लोगों की भारी भरकम भीड़ उमड़ पड़ी, उस भारी-भीड़ ने देश व दुनिया को दिखा दिया कि अलग-अलग हिस्सों में बसे हुए सनातन धर्मी एकजुट, नियम कायदे कानून पसंद व बेहद ही अनुशासित हैं। तभी तो हजारों किलोमीटर की दूरी से आ कर के बहुत लंबी पैदल यात्रा करने के बाद भी संगम में उन सभी भक्तों के द्वारा अनुशासित होकर के स्नान की एक डुबकी लगाकर के सनातन धर्म, संस्कृति, परंपराओं व ईश्वर भक्ति के अटूट विश्वास को बयां करने का कार्य देश व दुनिया में बखूबी किया है और सनातन धर्म संस्कृति पर आये दिन तरह-तरह से प्रश्नचिन्ह लगाने वाले लोगों को शांतिपूर्ण ढंग से जवाब दिया है। श्रद्धालुओं का यह कहना बिल्कुल भी ग़लत नहीं है कि प्रयागराज व पूरी महाकुंभ नगरी क्षेत्र केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा किये गये विभिन्न कार्यों की दिव्यता की झलक देश व दुनिया तक बयां करने का कार्य बखूबी कर रहा है। देश व दुनिया से आये हुए संत-महात्माओं, नागा साधुओं व सनातन धर्म के अनुयायियों को त्रिवेणी संगम में पुण्य स्नान करा कर उन्हें प्राचीन व आधुनिकता के संगम से परिपूर्ण एक दिव्य अलौकिक आध्यात्मिक अनुभूति प्राप्त कराने के लिए योगी सरकार ने कोई कोर-कसर धरातल पर नहीं छोड़ी है। महाकुंभ में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं ने अकल्पनीय दिव्य एवं भव्य आयोजन की सराहना करते हुए महाकुंभ के सफल आयोजन को योगी आदित्यनाथ सरकार की एक बहुत ही बड़ी ऐतिहासिक उपलब्धि बताया है।

वैसे भी देश व दुनिया के सनातन धर्म के अधिकांश लोगों का मानना है कि योगी आदित्यनाथ के प्रयासों के चलते ही इस भव्य दिव्य अद्भुत अलौकिक धार्मिक आयोजन को दुनिया के इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा। योगी सरकार ने जिस तरह से महाकुंभ में आये लगभग 66 करोड़ से ज्यादा लोगों की सुख-सुविधाओं के लिए भव्य आधुनिक इंतज़ाम किये वह प्रशंसनीय है। उन्होंने पूरे महाकुंभ में मुख्यमंत्री के रूप में सर्वाधिक बार आने का रिकॉर्ड बनाकर देश व दुनिया के सनातन धर्मियों को भावनात्मक रूप से यह एहसास करवाने का कार्य किया है कि वह सनातन धर्म की केवल अपने भाषणों में बात ही नहीं करते हैं, बल्कि मुख्यमंत्री होने के बावजूद भी वह देश की मूल आत्मा सनातन धर्म, संस्कृति व उसकी परंपराओं को रोजमर्रा के अपने जीवन में जीने का कार्य करते हैं और उसके प्रचार-प्रसार व हित के लिए निष्ठा व ईमानदारी से धरातल कार्य करते हैं।

लेकिन उसके बावजूद भी वोट बैंक की बेहद ओछी राजनीति के चलते महाकुंभ 2025 के शुरू होने से पहले योगी आदित्यनाथ व उत्तर प्रदेश सरकार को कुछ लोगों ने अपने निशाने पर लेना शुरू कर रखा था। उन सभी लोगों के गैंग को महाकुंभ में पहले दिन से ही गंदगी के अंबार,  अव्यवस्थाओं की भरमार, गंदा जल, कड़ाके की ठंड में स्नान करने से मरते लोग, भूख व प्यास से मरते लोग, अव्यवस्था की भेंट चढ़ते लोगों का जीवन, मरते हुए लोग, संगम में जेसीबी से बहा दी गयी लाशें, रेलवे व बस स्टेशनों आदि पर भारी भीड़ के चलते अव्यवस्था, गंदगी से भरी हुई जन सुविधाएं, प्रयागराज शहर में व उसके चारों तरफ सड़कों पर 300-300 किलोमीटर तक लगा लंबा जाम आदि नज़र आ रहा था। वहीं दूसरी तरफ महाकुंभ में आने वाले आस्था से ओतप्रोत श्रद्धालुओं ने इस गैंग की बातों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं किया, श्रद्धालु भारी संख्या में प्रयागराज पहुंचे और उन्होंने दिव्य संगम तट पर योगी सरकार के द्वारा किए गए आधुनिक दिव्य भव्य अकल्पनीय व्यवस्थाओं के अंबार को अपनी आंखों से देखा, उन्होंने संगम रेती पर बसे अद्भुत आध्यात्मिक महाकुंभ नगरी को देखा, अखाड़ों के नगर प्रवेश के भव्य जुलूस को देखा, अखाड़ों के अद्भुत पंडालों को देखा, दिव्य अद्भुत साधु-संतों को करीब से देखा, भस्म लपेट हुए धूनी रमाए नागाओं को तप करते हुए देखा, संगम की रेती में पूजा अर्चना करते हुए आम व खास लोगों को देखा, बहती मां गंगा को देखा, मां यमुना को देखा, संगम स्थल को देखा, सरस्वती कूप को देखा, पौराणिक अक्षय वट को देखा, संगम किनारे लेटे हुए हनुमान जी के मंदिर के दिव्य दर्शन करती भारी-भीड़ को देखा, अखाड़ों के दिव्य अमृत स्नान को देखा, आधुनिक टेंट नगरी को देखा, महाकुंभ में प्रतिदिन औसतन एक करोड़ लोगों को आस्था की डुबकी लगाते हुए देखा, रोज़ाना करोड़ों श्रद्धालुओं की भारी-भीड़ को सुरक्षित ढंग से नियंत्रित करते हुए पुलिस-प्रशासन को देखा, आस्था में ओतप्रोत होकर के दिव्य अलौकिक शक्ति की अनुभूति का अहसास करते लोगों को देखा, पावन दिव्य त्रिवेणी के घाट-घाट पर बिना किसी जाति भेदभाव के स्नान करते हुए सनातन धर्मियों की भारी-भीड़ का अंबार लगते देखा, एक दूसरे लोगों की मदद करते लोगों का व्यवहार देखा, अमीर व गरीब दोनों वर्गों के जो लोगों रोजी-रोटी कमाने की उम्मीद लगा कर आये थे उन लोगों के फलते-फूलते व्यापार को देखा, देश व दुनिया से आये लाखों ऐसे श्रद्धालुओं को देखा जिन्हें पूजा-पाठ व कल्पवास में रहकर शांति मिली रही अपार, सनातन को समझने आये देश व दुनिया के पर्यटकों ने ख़ोज करी हज़ार। लेकिन अफसोस महाकुंभ में बहुत ही शानदार व अकल्पनीय व्यवस्था होने के बावजूद भी कुछ गिद्ध दृष्टि वाले लोग सनातन धर्म व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विरोध में बूरी तरह से अंधे होकर के महाकुंभ की व्यवस्था में  कमियां ही कमियां गिनाते फिर  रहे थे।

लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसी भी आलोचना की परवाह नहीं की और वह महाकुंभ 2025 की  व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद कर उसे सफल बनाने में लगे रहे। जिस व्यवस्था को बनाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार व योगी सरकार ने 7500 करोड़ रुपए खर्च किये। जिसके फलस्वरूप ही लगभग 66 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने महाकुंभ पहुंच करके स्नान करके दुनिया के सबसे बड़े आयोजन का खिताब हासिल करके इतिहास रचने कार्य किया। वैसे भी देखा जाए तो महाकुंभ के इस आयोजन का धार्मिक आस्था के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था से भी बहुत गहरा संबंध है, इस आयोजन के दौरान प्रयागराज, अयोध्या, वाराणसी, विंध्याचल, चित्रकूट,  मथुरा-वृन्दावन, लखनऊ, आगरा, दिल्ली आदि में श्रद्धालुओं व पर्यटकों की भारी भीड़ का तांता लगा रहा है, जिनसे इस क्षेत्र में विभिन्न प्रकार का व्यापार जमकर फला-फूला है, जिससे उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी जबरदस्त मजबूती मिलेगी।

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआइटी) के अनुमान के अनुसार, महाकुंभ में 3.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक के व्यापार होने की उम्मीद है। वहीं सीटीआई के अनुमान के अनुसार महाकुंभ में 3.5 लाख करोड़ रुपए का व्यापार होने का अनुमान है, जिससे उत्तर प्रदेश व केंद्र सरकार दोनों को भारी लाभ होगा। देश व दुनिया के लगभग 66 करोड़ श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते महाकुंभ 2025 आस्था और अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण संगम बन चुका है। महाकुंभ 2025 में प्रयागराज की दिव्य धरा संगम तट पर सनातन धर्मियों के अनुयायियों ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के द्वारा की गयी अकल्पनीय व्यवस्थाओं पर विश्वास करके आस्था व अर्थव्यवस्था दोनों के क्षेत्र में इतिहास रचने का कार्य बखूबी कर दिया है।

- दीपक कुमार त्यागी

वरिष्ठ पत्रकार, स्तंभकार व राजनीतिक विश्लेषक

(इस लेख में लेखक के अपने विचार हैं।)
We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़