डेढ़ लाख का iPhone Pro कैश ऑन डिलीवरी मंगवाया, फोन लेकर डिलिवरी बॉय की कर दी हत्या, लाश नहर में फेंककर घूमने निकला आरोपी?
ऑन डिलीवरी ने लोगों की जिंदगी आसान तो की है लेकिन साथ साथ काफी रिस्क भी पैदा कर दिया है। ऑनलाइन अपराध बेहद ज्यादा बढ़ते जा रहे हैं। पैसों के फ्रॉड के बाद अब इंसान जान लेने पर उतारू हो गया है।
ऑन डिलीवरी ने लोगों की जिंदगी आसान तो की है लेकिन साथ साथ काफी रिस्क भी पैदा कर दिया है। ऑनलाइन अपराध बेहद ज्यादा बढ़ते जा रहे हैं। पैसों के फ्रॉड के बाद अब इंसान जान लेने पर उतारू हो गया है। लखनऊ से एक चौंका देने वाली घटना सामने आयी है। एक व्यक्ति ने ऑनलाइन ₹1.5 लाख का आईफोन ऑर्डर किया और कथित तौर पर डिलीवरी एजेंट की हत्या कर दी। डिलीवरी एजेंट जब घर पर फोन का ऑर्डर देने आया तब उसे दबोच लिया गया और उसका गला घोंट दिया गया। आरोपी ने अपने साथी के साथ मिलकर 30 वर्षीय पीड़ित के शव को शहर की इंदिरा नहर में फेंक दिया। पुलिस ने बताया कि शव को खोजने के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की एक टीम को बुलाया गया है।
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कैश ऑन डिलीवरी के ज़रिए महंगे स्मार्टफोन मंगवाए, डिलीवरी एजेंट की हत्या कर दी
पुलिस उपायुक्त शशांक सिंह ने कहा कि आरोपियों में से एक गजानन ने फ्लिपकार्ट से करीब ₹1.5 लाख का आईफोन ऑर्डर किया था और सीओडी (कैश ऑन डिलीवरी) भुगतान का विकल्प चुना था। उन्होंने कहा, "23 सितंबर को निशातगंज का डिलीवरी बॉय भरत साहू उसके घर फोन डिलीवर करने गया था, जहां गजानन और उसके साथी ने उसकी हत्या कर दी। साहू का गला घोंटने के बाद उन्होंने उसके शव को एक बोरे में डालकर इंदिरा नहर में फेंक दिया। साहू के परिवार ने 25 सितंबर को चिनहट पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी, जब वह दो दिनों तक घर नहीं लौटा। साहू की कॉल डिटेल्स खंगालने और उसकी लोकेशन का पता लगाने की कोशिश करते हुए पुलिस को गजानन का नंबर मिला और वह उसके दोस्त आकाश तक पहुंचने में कामयाब रही। पुलिस ने बताया कि पूछताछ के दौरान आकाश ने अपना अपराध कबूल कर लिया। अधिकारी ने बताया कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीम नहर में पीड़ित के शव को खोजने की कोशिश कर रही है।
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पूरी घटना कैसे हुई?
यह घटना तब हुई जब साहू शहर के चिनहट इलाके में कनौजिया के घर पर गूगल पिक्सल और वीवो फोन डिलीवर करने गया था, जिसे दूसरे आरोपी हिमांशु कनौजिया ने फ्लिपकार्ट से ऑर्डर किया था। कनौजिया ने कैश-ऑन-डिलीवरी भुगतान मोड का विकल्प चुना था। प्रजापति के परिवार ने 25 सितंबर को उनके लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई, जब वे घर नहीं लौटे। पुलिस ने जांच शुरू की और साहू के कॉल रिकॉर्ड के ज़रिए गजानन का नंबर ट्रेस किया। पूछताछ के दौरान गजानन के दोस्त आकाश ने अपराध कबूल करते हुए बताया कि दोनों ने साहू से कीमती स्मार्टफोन लूटने की योजना बनाई थी। साहू को कनौजिया के घर बुलाकर उन्होंने उस पर हमला किया और उसका गला घोंट दिया। इसके बाद उन्होंने उसके शव को एक बोरे में भरकर इंदिरा नहर में फेंक दिया। पुलिस राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल की मदद से शव की तलाश कर रही है।
कनौजिया और आकाश को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन गजानन अभी भी फरार है। उसे गिरफ्तार करने के लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) फिलहाल नहर में साहू के शव की तलाश कर रहा है। यह पहली बार नहीं है जब डिलीवरी कर्मचारियों को निशाना बनाया गया है। 2021 में, बेंगलुरु में एक खाद्य वितरण कर्मचारी की लूट के प्रयास में हत्या कर दी गई थी, और 2022 में, नोएडा में एक डिलीवरी एजेंट को भुगतान विवाद को लेकर ग्राहकों ने चाकू घोंप दिया था।
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