एक ओर अमित शाह के साथ डिनर, दूसरी ओर ममता की तारीफ, आखिर कौन सा शॉट खेलने की कोशिश कर रहे हैं गांगुली
अमित शाह ने सौरव गांगुली के घर पर ही अपना डिनर किया। इस दौरान सौरव गांगुली का पूरा परिवार मौजूद था। इसके बाद मीडिया में इस बात की चर्चा होने लगी कि क्या सौरव गांगुली राजनीतिक पिच पर अब बैटिंग करने वाले हैं। खबर तो यह तक चलने लगी कि जल्द ही अब सौरव गांगुली भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
देश में इंडियन प्रीमियर लीग का रोमांच चल रहा है। इसे क्रिकेट का फीवर भी कहते हैं। आईपीएल की 10 टीमें एक-दूसरे के खिलाफ जबरदस्त तरीके से भिड़ंत कर रही है। वहीं, दूसरी ओर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की अलग डिप्लोमेसी चल रही है। हाल में ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बंगाल दौरे पर गए थे। इसी दौरान अमित शाह सौरव गांगुली के घर पहुंचे थे। सौरव गांगुली ने अमित शाह की खूब मेहमान नवाजी की। अमित शाह ने सौरव गांगुली के घर पर ही अपना डिनर किया। इस दौरान सौरव गांगुली का पूरा परिवार मौजूद था। इसके बाद मीडिया में इस बात की चर्चा होने लगी कि क्या सौरव गांगुली राजनीतिक पिच पर अब बैटिंग करने वाले हैं। खबर तो यह तक चलने लगी कि जल्द ही अब सौरव गांगुली भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
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इन सब कयासों के बीच ही सौरव गांगुली ने भाजपा की धूर आलोचक ममता बनर्जी की भी तारीफ कर दी। ममता बनर्जी की तारीफ करते हुए सौरव गांगुली ने कहा कि दीदी से हमारे बेहद नजदीकी संबंध है। जिस सौरभ गांगुली के लिए भाजपा में शामिल होने की अटकलें खूब चल रही थी, अब वही सौरव गांगुली ने अपने एक शॉट से उन अटकलों को पूरी तरीके से खारिज कर दिया। लेकिन सवाल यहां भी हो गया। कहा जाने लगा कि सौरव गांगुली तो राजनीतिक पिच पर आएंगे लेकिन वह कौन सा मैदान चुनेंगे, इसको लेकर संशय बन गया। लेकिन सवाल यही है कि आखिर सौरव गांगुली किस तरह की रणनीति के साथ आगे बढ़ना चाह रहे हैं। क्योंकि यह बात तो सच है कि सौरव गांगुली पर भाजपा लगातार डोरे डालती है। इसके अलावा समय-समय पर ममता बनर्जी के साथ उनकी तस्वीरें भी आती रहती हैं।
गांगुली ने एक निजी अस्पताल के उद्घाटन कार्यक्रम में कहा, हमारी माननीय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मेरी बहुत करीबी हैं। मैंने इस संस्थान की मदद के लिए उनसे संपर्क किया था। पूर्व क्रिकेटर ने कहा, मैं फिरहाद हकीम के भी बहुत करीब हूं। वह मुझे तब से देख रहे हैं जब मैं पहली कक्षा में था। वह हमारे पारिवारिक मित्र हैं। जो भी उससे संपर्क करता है उसे मदद मिलती है। मैंने भी उन्हें कई बार फोन किया है। शाह के शुक्रवार को गांगुली के आवास पर जाने से यह अटकलें तेज हो गई थीं कि पूर्व क्रिकेटर जल्द ही राजनीति में हाथ आजमा सकते हैं। हालांकि रात्रिभोज को एक करीबी पारिवारिक संबंध बताया गया, जिसकी गांगुली, उनकी पत्नी डोना गांगुली, सौरव के बड़े भाई स्नेहाशीष गांगुली और परिवार के अन्य सदस्यों ने मेजबानी की।
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शाह के साथ भाजपा के विचारक स्वप्न दासगुप्ता, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी भी थे। अटकलों से वाकिफ गांगुली ने शुक्रवार को कहा था, कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं...लेकिन मैं उन्हें (शाह को) 2008 से जानता हूं। क्रिकेट खेलते वक्त मैं उनसे मिलता था. इससे ज्यादा कुछ नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड में शाह के पुत्र जय शाह के साथ काम किया है। जय शाह बीसीसीआई के सचिव हैं।
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