आज के समय में रेडियोलॉजी टेक्नीशियन की है बहुत मांग, बनाए इस क्षेत्र में कॅरियर
ना किसी एक देश में, बल्कि दुनिया के सभी देशों में हेल्थ सेक्टर के स्पेशलिस्ट भारी डिमांड में रहते हैं और इन्हीं स्पेशलिस्ट में से एक नाम रेडियोलॉजी टेक्नीशियन का भी आता है। सामान्य तौर पर डॉक्टरी का मतलब लोग एमबीबीएस डॉक्टर, नर्स इत्यादि ही समझते हैं, किंतु अब यह फील्ड बहुत ब्रॉड हो गया है।
कोरोना वायरस का समय किस संकट से भरा रहा है, यह कोई बताने की जरूरत नहीं है। इस संकट में हेल्थ का क्षेत्र बेहद महत्त्व का साबित हुआ है। सिर्फ कोरोना काल में ही क्यों, हेल्थ सेक्टर तो हमेशा से ही सर्वोपरि रहा है। इसकी इंपॉर्टेंट हमेशा रही है।
इसे भी पढ़ें: वेडिंग प्रोफेशनल के तौर पर कॅरियर बनाना चाहते हैं तो जानें कुछ जरूरी बातें
ना किसी एक देश में, बल्कि दुनिया के सभी देशों में हेल्थ सेक्टर के स्पेशलिस्ट भारी डिमांड में रहते हैं और इन्हीं स्पेशलिस्ट में से एक नाम रेडियोलॉजी टेक्नीशियन का भी आता है।
सामान्य तौर पर डॉक्टरी का मतलब लोग एमबीबीएस डॉक्टर, नर्स इत्यादि ही समझते हैं, किंतु अब यह फील्ड बहुत ब्रॉड हो गया है। आप यूं समझ लें कि पहले डॉक्टर आप की नब्ज देख कर ही दवाएं दे दिया करते थे, बहुत बार तो अंदाजे पर ही दवा देते थे, किंतु अब छोटी से छोटी बात के लिए तुरंत एक्सरे, ईसीजी, ब्लड टेस्ट इत्यादि कराया जाता है। बता दें कि एक्सरे करने वाले स्पेशलिस्ट ही रेडियोलॉजी टेक्नीशियन कहलाते हैं।
जाहिर तौर पर हर जगह इनकी भारी डिमांड है। चाहे कोई बड़ा शहर हो, चाहे कोई टियर 2 का शहर हो, चाहे कोई छोटा शहर या कस्बा ही क्यों ना हो, रेडियोलॉजी टेक्नीशियन की डिमांड हर जगह बढ़ी है और इसीलिए इसे कॅरियर की संभावनाओं के लिहाज़ से एक चमकता हुआ क्षेत्र माना जाता है।
अगर आप भी इससे संबंधित कोर्स करना चाहते हैं तो यकीन मानिये कि यह बेहतर डिसीजन है और इसे पूरा करने के बाद आप किसी भी जॉब के मोहताज नहीं होंगे और खुद का बिजनेस तक कर सकते हैं। वैसे जॉब की भी इस सेक्टर में कमी नहीं है, न केवल देश में बल्कि विदेश में भी!
अलग अलग डायग्नोस के लिहाज़ से शरीर के तमाम अंगों का एक्सरे किया जाता है और रेडियोलॉजिस्ट केवल यही नहीं करता है, बल्कि मरीज और उसके आसपास स्थित लोगों पर खतरनाक रेडियो एक्टिव रेज साइड इफेक्ट ना डाले, इसका भी बहुत खास ध्यान रखते हैं। वैसे आजकल तो एक्सरे इत्यादि के लिए अलग लैब होती है, जहाँ सामान्य जनों का जाना अलाऊ नहीं होता है।
इसे भी पढ़ें: दिल्ली यूनिवर्सिटी में पाएं नौकरी, नॉन-टीचिंग के 1143 पदों पर निकली वैकेंसी
साथ ही मरीजों के रिकॉर्ड को मेंटेन करना भी इस क्षेत्र में बेहद जरूरी होता है, अतः इसके लिए आपको एक ट्रेंड कंप्यूटर जानने वाले व्यक्ति के रूप में भी खुद को अपडेट रखना पड़ता है। चूंकि यह मेडिकल से जुड़ा क्षेत्र ही है, तो डॉक्टरी पैसे में आवश्यक समर्पण और सेवा भाव ही आपको लोगों के बीच लोकप्रिय बना सकता है। साथ ही कम्युनिकेशन स्किल और पॉजिटिव एटीट्यूड तो दुनिया में कहीं भी सफल होने के लिए आवश्यक चीज है ही!
इसके लिए कोर्स की बात करें तो आप इसमें सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और डिग्री के साथ मास्टर भी कर सकते हैं। बैचलर आफ रेडियो इमेजिंग टेक्नोलॉजी, बीएससी इन मेडिकल रेडियोलॉजी, डिप्लोमा और 1 वर्षीय पीजी डिप्लोमा इन रेडियोलॉजी एंड इमेजिंग टेक्नोलॉजी इत्यादि कोर्सेज इस फील्ड में कराए जाते हैं। अगर योग्यता की बात करें तो आपके पास सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स के लिए पीसीबी यानी फिजिक्स केमिस्ट्री और बायोलॉजी में 50% का मार्क होना आवश्यक है। वहीं अगर आप ग्रेजुएट हैं तो आप रेडियोलॉजी में पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा कोर्स भी कर सकते हैं।
खास बात यह है कि आपका कोर्स जैसे ही आपका कंप्लीट होगा, आपको तमाम अस्पताल, हॉस्पिटल्स, डायग्नोस्टिक सेंटर जॉब देने के लिए तैयार मिलेंगे। हालांकि अनुभव और विशेषज्ञता के साथ कॉन्फिडेंस होने पर आप अपना कार्य भी शुरू कर सकते हैं।
- मिथिलेश कुमार सिंह
अन्य न्यूज़