जानिए कैसे बनाएं अस्थिरोग विज्ञान में कॅरियर
ऑस्टियोपैथिक चिकित्सा का उपयोग पीठ दर्द, खेल की चोटों और दोहराए जाने वाले तनाव की चोटों सहित स्वास्थ्य स्थितयिों के उपचार के लिए किया जाता है। ऑस्टियोपैथ सभी आयु वर्ग के लोगों के साथ काम करते हैं।
अस्थिरोग विज्ञान या यूं कहें ऑस्टियोपैथी मस्कुलोस्केलेटल फ्रेमवर्क का इलाज और मजबूत करके शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करती है। ऑस्टियोपैथी इस विचार पर आधारित है कि स्वास्थ्य का शरीर की संरचना से गहरा संबंध है। इस क्षेत्र में अस्थिरोग विज्ञानी एक रोगी की गतिशीलता या उनके आंतरिक प्रणालियों के कार्यों में सुधार करने पर ध्यान केंद्रित करती है, जिसमें विभिन्न मालिश, शारीरिक जोड़−तोड़ और शरीर और विशिष्ट अंगों के माध्यम से रक्त के प्रवाह की अनुमति देने वाली तकनीकों को शामिल किया जाता है। ऐसे में अगर आप भी लोगों की सेवा करने की इच्छा रखते हैं तो इस क्षेत्र में अपना भविष्य देख सकते हैं−
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क्या होता है काम
एजुकेशन एक्सपर्ट बताते हैं कि ऑस्टियोपैथिक चिकित्सा का उपयोग पीठ दर्द, खेल की चोटों और दोहराए जाने वाले तनाव की चोटों सहित स्वास्थ्य स्थितयिों के उपचार के लिए किया जाता है। ऑस्टियोपैथ सभी आयु वर्ग के लोगों के साथ काम करते हैं, शिशुओं से लेकर बुजुर्ग मरीजों तक, कई प्रकार के विकारों और बीमारियों के लिए राहत प्रदान करते हैं। ऑस्टियोपैथ कई प्रकार की मैनुअल तकनीकों का उपयोग करके रोगियों का इलाज करता है जैसे कि साफट टिश्यू स्टेचिंग, मसल्स रिलैक्सेशन, जेंटल मोबिलाइजेशन आदि। रोगियों को दर्द, बीमारी और चोट से उबरने में मदद करने के प्रयास में व्यायाम, आहार और व्यावसायिक सलाह के साथ इन उपचार विधियों को आम तौर पर एक साथ नियोजित किया जाता है।
शैक्षिक योग्यता
कॅरियर एक्सपर्ट के अनुसार, जिन्होंने चिकित्सा क्षेत्र में एमबीबीएस, बीएएमएस, बीएचएमएस या बैचलर ऑफ नेचुरोपैथी और योगिक विज्ञान या किसी अन्य स्नातक की डिग्री पूरी कर ली है, वे ऑस्टियोपैथिक चिकित्सा में कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं। हालांकि, भारत में केवल कुछ ही संस्थान हैं जो इस विषय के क्षेत्र में पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं।
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पर्सनल स्किल्स
एक बेहतर ऑस्टियोपैथिक बनने के लिए आपमें शैक्षिक योग्यता के साथ−साथ कुछ पर्सनल स्किल्स भी होने चाहिए। मसलन, कम्युनिकेशन व आर्गेनाइजेशनल स्किल्स आपके काम को आसान बनाते हैं। इसके अलावा, एक टीम के रूप में काम करने की क्षमता, अच्छा स्वास्थ्य और फिटनेस, सहानुभूति व लोगों की मदद करने की सच्ची इच्छा आपको काफी आगे तक लेकर जाती है।
संभावनाएं
अगर इस क्षेत्र में संभावनाओं की बात की जाए तो ऑस्टियोपैथ आमतौर पर आहार विशेषज्ञ, चिकित्सा व्यवसायी, प्राकृतिक चिकित्सक, पोडियाटि्रस्ट और अन्य स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों के साथ मिलकर काम करते हैं। ज्यादातर मामलों में, ओस्टियोपैथ सेल्फ इंप्लॉयड होते हैं और स्वयं क्लीनिक शुरू करके निजी अभ्यास चलाते हैं। इसके अलावा, आप स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल में काम करने का विकल्प भी चुन सकता है।
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आमदनी
इस क्षेत्र में एक ऑस्टियोपैथ की आमदनी इस बात पर निर्भर करती है कि वह कितना अनुभवी है और कितना चार्ज करता है। आमतौर पर सेल्फ इंप्लॉयड ऑस्टियोपैथ हर सेशन के लिए चार्ज करते हैं। यह 500 रूपए से 4000 रूपए तक हो सकता है।
प्रमुख संस्थान
डॉ एनटीआर यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज, आंध्र प्रदेश
होली एंजल्स कॉलेज ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन, मुंबई,
इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिंस, कोलकाता
वरूण क्वात्रा
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