अगर आप भी चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना चाहते हैं तो लें यह जरूरी जानकारी
सीपीटी के बाद आपको आईपीसीसी, अर्थात इंटीग्रेटेड प्रोफेशनल कंप्यूटर कोर्स में एडमिशन लेना पड़ता है। इस प्रोग्राम में अकाउंटेंसी के साथ-साथ ऑडिटिंग, टैक्सेशन, बिजनेस कम्युनिकेशन और इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी के जरूरी अध्याय शामिल किए जाते हैं।
भारत में कुछ बेहद प्रोफेशनल और सम्मानित पाठ्यक्रमों में से एक है चार्टर्ड अकाउंटेंट का पाठ्यक्रम! तमाम कंपनीज की फाइनेंस फॉर्मेलिटीज पूरी करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण जो व्यक्ति होता है, वह चार्टर्ड अकाउंटेंट ही होता है। कंपनी की पूरी की पूरी फाइनेंसियल जिम्मेदारी इस व्यक्ति पर होती है।
खास बात यह है कि इसमें कमाई भी काफी है। ऐसे में अगर आप भी चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना चाहते हैं तो आइए इसके लिए जरूरी आवश्यक जानकारी लेते हैं।
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कॉमर्स के स्टूडेंट्स के लिए यह बेहद पसंदीदा जॉब मानी जाती है। किसी नागरिक को इनकम टैक्स का रिटर्न भरना हो या फिर फाइनेंशियल प्लानिंग करनी हो, किसी कंपनी की ऑडिट करनी हो, साथ ही टैक्सेशन से लेकर इन्वेस्टमेंट से संबंधित ट्रांजैक्शन हो, उसके लिए सीए के बिना आपका कार्य नहीं चल सकता है।
ऐसे में इस कोर्स के लिए आपको कक्षा दसवीं के बाद ही अलर्ट हो जाना होता है। दसवीं के तुरंत बाद आपको इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स आफ इंडिया (ICAI) द्वारा आयोजित की जाने वाली सीपीटी एग्जामिनेशन में भाग लेना पड़ता है। सीपीटी, अर्थात कॉमन प्रोफिशिएंसी टेस्ट और इसमें मुख्य रूप से जनरल इकोनॉमिक्स, मार्केट, एकाउंटिंग जैसे विषय सम्मिलित होते हैं।
सीपीटी के बाद आपको आईपीसीसी, अर्थात इंटीग्रेटेड प्रोफेशनल कंप्यूटर कोर्स में एडमिशन लेना पड़ता है। इस प्रोग्राम में अकाउंटेंसी के साथ-साथ ऑडिटिंग, टैक्सेशन, बिजनेस कम्युनिकेशन और इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी के जरूरी अध्याय शामिल किए जाते हैं। यह 12वीं क्लास के बाद किया जा सकता है। इसमें मुख्य रूप से दो ग्रुप होते हैं और पहले ग्रुप में 4 तथा दूसरे ग्रुप में तीन पेपर शामिल होते हैं।
आईपीसीसी के बाद आईटीटी का नंबर आता है, यानी इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी ट्रेनिंग! इस कोर्स में कम्युनिकेशन स्किल के साथ-साथ बिज़नेस एनवायरनमेंट, ऑफिस प्रोसीजर, पर्सनालिटी डेवलपमेंट, कमर्शियल एस्पेक्ट्स जैसे सब्जेक्ट शामिल किए जाते हैं।
तत्पश्चात नंबर आता है आर्टिकलशिप का! आर्टिकलशिप बेहद इंर्पोटेंट ट्रेनिंग पीरियड माना जाता है। इसमें तकरीबन 3 साल के लिए किसी रजिस्टर्ड सीए के पास आपको असिस्टेंट के तौर पर कार्य करना होता है। जाहिर तौर पर यहां आप काफी कुछ सीखते हैं।
फाइनल एग्जाम की तैयारी
इतना सब कुछ करने के बाद आप सीए का फाइनल एग्जाम देते हैं और इसे पास करने के बाद आप सीए कहला सकते हैं। हालांकि इसमें आठ पेपर इंक्लूड होते हैं। इसमें रिस्क मैनेजमेंट, कारपोरेट एंड इकोनामी क्लास, एडवांस्ड ऑडिटिंग एंड प्रोफेशनल एथिक्स, फाइनेंशियल रिर्पोटिंग, फाइनेंसियल मैनेजमेंट इत्यादि विषय शामिल होते हैं। आईपीसीसी और फाइनल एग्जाम साल में दो बार यानी मई एवं नवम्बर में होते हैं।
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जीएमसीएस, अर्थात सीए का एग्जाम पास करने के बाद यह 15 दिन का एक छोटा कोर्स होता है और इसमें जनरल मैनेजमेंट के साथ-साथ कम्युनिकेशंस की ट्रेनिंग आपको दी जाती है।
आईसीएआई (ICAI) की मेंबरशिप और सीए की शुरुआत
अंत में आपको इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया में खुद को रजिस्टर्ड करना होता है और एनरोलमेंट के बाद आप अपना कॅरियर शुरू कर सकते हैं।
ध्यान रहे, सीए किसी भी बिजनेस का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है। फाइनेंस पर पूरी तरह से कंट्रोल होता है। फाइनेंसियल रूप से कंपनी में क्या होता है, क्या नहीं होता है, इसकी पूरी जानकारी सीए को रखनी होती है, क्योंकि आने वाले समय में गवर्नमेंट की एजेंसीज उस कंपनी से संबंधित दस्तावेजों से पूछताछ करती हैं और उसके लिए सीए ही जवाबदेह होता है।
जाहिर तौर पर कम्पनी का सारा का सारा दारोमदार अपने सर पर होने पर सीए को बेहद जिम्मेदारी से कार्य करना होता है। इसके कारण ही यह पेशा शीर्ष प्रोफेशन में गिरा जाता है। सीए की ऑफिसियल वेबसाइट (https://www.icai.org/) पर जाकर आप और भी काफी कुछ जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
- मिथिलेश कुमार सिंह
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