जानिए बीबीए के बाद क्या है कॅरियर ऑप्शन
बीबीए करने के बाद आपको एमबीए में एडमिशन लेने के अतिरिक्त मास कम्युनिकेशन, एनिमेशन, इवेंट मैनेजमेंट, इंग्लिश स्पीकिंग इत्यादि में अपने पैशन और इंटरेस्ट के मुताबिक शॉर्ट टर्म कोर्स भी करते रहना चाहिए।
बीबीए (BBA) यानी बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, हाल के दिनों में बेहद तेजी से यह कोर्स लोकप्रिय हुआ है।
दुनिया में छोटे से लेकर बड़े व्यापार लोग कर रहे हैं, तो गवर्नमेंट भी चाह रही है कि लोग-बाग बिजनेस करें, ताकि देश की इकोनॉमी तेज गति से आगे बढती रहे।
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इन तमाम चीजों में अगर एक कॉमन फैक्टर खोजा जाए तो वह यह है कि नए-पुराने सभी व्यापारों में मैनेजमेंट के स्टूडेंट्स की अहमियत दिनों दिन बढ़ती जा रही है। चूंकि ह्यूमन रिसोर्स से लेकर सेल्स डिपार्टमेंट, परचेज डिपार्टमेंट, तकनीकी डिपार्टमेंट, नेटवर्किंग और दूसरे विभाग बगैर मैनेजमेंट के चल ही नहीं सकते हैं। चाहे आप आईटी की बात कर लें, चाहे आप सर्विस की बात कर लें, या फिर किसी और डिपार्टमेंट की, जाहिर है कि मैनेजमेंट का रोल बढ़ जाता है।
और ऐसी स्थिति में बीबीए को एक स्टूडेंट कॅरियर के रूप में बेहतरीन ऑप्शन के तौर पर चुन सकता है। ऐसी स्थिति में आपको कारपोरेट लीडर बनने का मौका मिल जाता है।
अगर साधारण तौर पर भी बात की जाए, तो कॅरियर ग्रोथ के लिए बीबीए के बाद कैंडिडेट्स को एमआईएस अर्थात मैनेजमेंट इनफॉरमेशन सिस्टम का सर्टिफिकेशन कोर्स करने की सलाह भी एक्सपर्ट देते है। सॉफ्टवेयर की जानकारी से आपका कॉन्फिडेंस तो बढ़ेगा ही, साथ ही कारपोरेट वर्ल्ड में इन चीजों का बेहतर से बेहतर प्रयोग होता है, जिससे आपको काफी आसानी होगी। इसी प्रकार कम्युनिकेशन पर भी आपको खासा ध्यान देना चाहिए, क्योंकि प्रबंधन वही कर सकता है, जो तमाम पक्षों से बेहतरीन कम्युनिकेशन करने की दक्षता रखता हो।
मार्केट के कई पक्ष होते हैं, और उनके साथ आप तभी ठीक तरह से कम्युनिकेट कर पाएंगे, जब आप बेहतरीन कम्युनिकेशन स्किल अपने भीतर रखते हैं। इसके लिए आपको अपने कलीग्स के साथ इंटरेक्शन करते रहना चाहिए, तो भिन्न न्यूज़ पेपर्स भी पढ़ते रहना चाहिए।
इतना ही नहीं, मार्केट ट्रेंड को आप अपने ध्यान में हमेशा बनाए रखें, जिससे चीजों को समझने की आपकी दक्षता काफी बढ़ेगी।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बीबीए करने के बाद आपको एमबीए में एडमिशन लेने के अतिरिक्त मास कम्युनिकेशन, एनिमेशन, इवेंट मैनेजमेंट, इंग्लिश स्पीकिंग इत्यादि में अपने पैशन और इंटरेस्ट के मुताबिक शॉर्ट टर्म कोर्स भी करते रहना चाहिए। इससे आपकी दक्षता तो बढ़ती ही है, आपका फोकस क्लियर होने से आप सफलता की राह पर इतनी ही तीव्रता से आगे की ओर बढ़ सकते हैं।
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ध्यान दीजिये कि अगर आप साधारण कॉलेज से बीबीए करते हैं, और मार्केट ट्रेंड्स पर नजर बनाए रखते हैं, तो शुरुआत में ₹12000 से ₹18000 तक की मासिक वेतन पर आपको शुरुआत मिल सकती है, और जैसे-जैसे आप अनुभव में दक्ष होते जाएंगे, वैसे-वैसे लीडर्स की पोजीशन आपको अपनाती चली जाएगी।
हालाँकि बीबीए के बाद आपको एमबीए करने की सलाह भी कई एक्सपर्ट आपको देंगे और यह बेहद नॉर्मल है। बीबीए के बाद एमबीए तकरीबन 2 वर्ष का है और तमाम टॉप कॉलेज आपको आसानी से एक से बढ़कर एक आप्शन देते हैं। हालांकि इसके लिए आपको कैट और मैट जैसे एंट्रेंस एग्जाम पास करने पड़ते हैं, और फिर एमबीए में आप मार्केटिंग, एचआर, फाइनेंस और इंटरनेशनल ट्रेड इत्यादि दूसरे स्पेशलाइजेशन कोर्स कर सकते हैं, और अपने कैरियर को चुन सकते हैं।
अगर आप के पास समय कम है और आप जॉब कर रहे हैं, तो एग्जीक्यूटिव एमबीए में भी आपको बेहतरीन ऑप्शन उपलब्ध हो सकते हैं, और फिर बाद में आप हेल्थकेयर, टेक्नोलॉजी, गवर्नमेंट एजेंसी, मैन्युफैक्चरिंग एनजीओ और एफएमसीजी ऑर्गेनाइजेशंस में काम करके अपने कैरियर को सेप दे सकते हैं, तो बेहतरीन पैसे कमा सकते हैं।
अगर आप एमबीए नहीं कर पाते हैं, तो मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा कोर्स भी कर सकते हैं। हालांकि कई जगह पर इन दोनों के बीच में कोई फर्क नहीं है, लेकिन एमबीए जहाँ डिग्री कोर्स है, जबकि पीजीडीएम एक डिप्लोमा कोर्स माना जाता है। परंतु अगर आपने किसी बेहतरीन कॉलेज से डिप्लोमा भी किया हुआ है, तो बीबीए के बाद इसका काफी महत्व होता है।
एमबीए और पीजी डिप्लोमा के अलावा आप एमएस (MS) कोर्स भी कर सकते हैं और मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री ले सकते हैं। 2 वर्ष के इस कोर्स को किसी भी यूजीसी से मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी द्वारा किया जा सकता है
सबसे बेहतरीन है कि आप कितनी तत्परता से इन कोर्सेज को सीखते हैं और कितनी स्पीड के साथ अपने कॅरियर में अपनाते हैं। अगर आप सावधानीपूर्वक और फोकस तरीके से इसे करते हैं, तो ना केवल एंटरप्रेन्योरशिप में, बल्कि फाइनेंस एंड अकाउंटिंग मैनेजमेंट, मार्केटिंग, सप्लाई चैन मैनेजमेंट, एचआर मैनेजमेंट, टूरिज्म मैनेजमेंट इत्यादि क्षेत्रों में भी अपने झंडे गाड़ सकते हैं। प्राइवेट सेक्टर में तो एडवरटाइजिंग, बैंकिंग, कंसलटेंसी, एविएशन, फाइनेंस, एंटरटेनमेंट, आईटी, इंश्योरेंस, ऑनलाइन मार्केटिंग, मैन्युफैक्चरिंग इत्यादि इंडस्ट्रीज आपको हाथों हाथ ले सकती हैं।
- मिथिलेश कुमार सिंह
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