जम्मू-कश्मीर के युवा सरकारी समर्थन से बन रहे हैं कृषि उद्यमी

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प्रवक्ता ने कहा कि कृषि सुधार की सभी चुनौतियों का सामना करते हुए जम्मू कश्मीर की रैंकिंग मासिक कृषि आय के मामले में बेहतर हुई है और यह शीर्ष पांच राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में शामिल हो चुका है।

जम्मू-कश्मीर सरकार ने रविवार को कहा कि उसने किसानों की आय बढ़ाने और कृषि को रोजगार के एक जरिये के रूप में अपनाने के लिए युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए नवोन्मेषी कदम एवं नीतिगत निर्णय लिए हैं। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, पिछले दो वर्षों में सरकार कृषि और उससे जुड़े क्षेत्र को एक स्थायी और लाभदायक आर्थिक गतिविधि बनाने के लिए वैज्ञानिक तर्ज और बाजार-उन्मुख नीतियों पर उन्नत कृषि प्रणाली में बदलने की कोशिश में लगी हुई है।

प्रवक्ता ने कहा कि कृषि सुधार की सभी चुनौतियों का सामना करते हुए जम्मू कश्मीर की रैंकिंग मासिक कृषि आय के मामले में बेहतर हुई है और यह शीर्ष पांच राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में शामिल हो चुका है। प्रवक्ता के मुताबिक, ‘‘जम्मू कश्मीर में कृषि क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं हैं और सरकार के ठोस प्रयास छोटे एवं सीमांत किसानों के लिए नए अवसर पैदा कर रहे हैं। कृषि-आधारित उद्योगों में पिछले दो साल जितना सघन वृक्षारोपण निवेश कभी नहीं हुआ था।”

प्रवक्ता के मुताबिक, जम्मू कश्मीर में इस समय हजारों की संख्या में कृषि उद्यमी हैं जिनकी जिंदगी को सरकारी समर्थन से बदला जा सका है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने कृषि-प्रसंस्करण, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डिजिटल कृषि, कृषि मशीनीकरण जैसे कृषि स्टार्टअप की विभिन्न श्रेणियों में हो रहे नवाचारों पर विचार-मंथन सत्र आयोजित किए हैं। इसके अलावा स्थानीय और छोटे पैमाने के उत्पादों को बेचने के लिए छाता समूह बनाने पर भी ध्यान दिया गया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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