Prabhasakshi NewsRoom: Modi की आर्थिक नीतियां कर रहीं कमाल, Indian Economy की तेजी के आंकड़ों से देश-दुनिया के आर्थिक विशेषज्ञ हैरान

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हम आपको बता दें कि अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर जो आंकड़े सामने आ रहे हैं वह दर्शा रहे हैं कि देश में महंगाई घट रही है, रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं और हमारी अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेज गति से आगे बढ़ रही है।

मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर विपक्ष जमकर सवाल उठाता है। साथ ही विपक्ष को जिन अंतरराष्ट्रीय आर्थिक विशेषज्ञों का साथ मिला हुआ है, वह भी दावा करते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था रसातल में जा रही है और महंगाई तथा बेरोजगारी चरम पर है। लेकिन आंकड़े दर्शा रहे हैं कि तमाम वैश्विक चुनौतियों के बावजूद मोदी भारतीय अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने में सफल रहे हैं। मोदी ने भारत को विश्व की 11वीं से पांचवीं प्रमुख अर्थव्यवस्था बनाया, अब वह भारत को तीसरी प्रमुख अर्थव्यवस्था बनाने की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और 2047 से पहले विकसित भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए मेहनत कर रहे हैं। यही नहीं, रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते जब सप्लाई चेन पर असर पड़ा और महंगाई से पूरी दुनिया त्राहिमाम करने लगी तब भी मोदी ने देश में महंगाई को काफी हद तक नियंत्रण में रखा और गरीब परिवारों को भोजन मिलना सुनिश्चित किया। आज तरक्की के जो आंकड़े आते हैं वह उत्साहजनक नहीं अप्रत्याशित होते हैं जोकि हमारी सरकार, आरबीआई और वैश्विक आर्थिक संगठनों और रेटिंग एजेंसियों तक को चौंका देते हैं। हम आपको याद दिला दें कि मोदी जब प्रधानमंत्री बने थे तो आलोचकों ने कहा था कि यह चाय वाला क्या अर्थव्यवस्था संभालेगा? लेकिन चाय वाले ने साबित किया कि वह भलीभांति जानता है कि चाय में कितना पानी, कितना दूध, कितनी चाय की पत्ती, कितनी चीनी और कितना अदरक-इलायची डालना है।


महंगाई घटी, रोजगार बढ़े

हम आपको बता दें कि अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर जो आंकड़े सामने आ रहे हैं वह दर्शा रहे हैं कि देश में महंगाई घट रही है, रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं और हमारी अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेज गति से आगे बढ़ रही है। आज हालात यह हैं कि प्रधानमंत्री रोजगार मेले के तहत हर महीने प्रधानमंत्री 51000 लोगों को नियुक्ति पत्र सौंपते हैं। इसके अलावा जिस तरह सरकार रक्षा साजोसामान से लेकर अन्य सरकारी खरीददारियां भारतीय कंपनियों से ही करने को वरीयता प्रदान कर रही है उससे भी रोजगार के ढेरों अवसर उत्पन्न हुए हैं। यही कारण है कि ताजा आंकड़ों के मुताबिक शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों की बेरोजगारी दर जुलाई-सितंबर तिमाही में घटकर 6.6 प्रतिशत रह गई जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 7.2 प्रतिशत थी।

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भारतीय अर्थव्यवस्था कर रही तरक्की

इसके अलावा, विनिर्माण, खनन और सेवा क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन के साथ देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में 7.6 प्रतिशत रही। एक साल पहले इसी तिमाही में यह 6.2 प्रतिशत थी। इसके साथ भारत दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तीव्र आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने वाला देश बना हुआ है। हम आपको बता दें कि जीडीपी से आशय देश में निश्चित अवधि में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य से है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के आंकड़े वैश्विक स्तर पर परीक्षा की घड़ी में भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाते हैं। मोदी ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े वैश्विक स्तर पर कठिन समय के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाते हैं। हम अधिक अवसर पैदा करने, गरीबी के तेजी से उन्मूलन और हमारे लोगों के लिए जीवन को और सुविधाजनक बनाने के लिए तेजी से वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’

आर्थिक विशेषज्ञों की प्रतिक्रियाएं

अर्थव्यवस्था के इन आंकड़ों पर यदि आर्थिक विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया की बात करें तो आपको बता दें कि मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने कहा है कि आर्थिक वृद्धि की रफ्तार दिसंबर तिमाही में भी जारी रहेगी और भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में आराम से 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल कर लेगी। उन्होंने कहा कि भारत 2023-24 के लिए 6.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाकर अपनी जीडीपी वृद्धि को कम करके आंक रहा है। कर उछाल के साथ ही मौजूदा कीमतों पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर से यह स्पष्ट है।

दूसरी ओर, नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन ने अनुमान लगाने वाले विशेषज्ञों को एक बार फिर चौंकाया है और देश अब सात प्रतिशत से अधिक की वृद्धि के रास्ते पर है। सोशल नेटवर्किंग मंच ‘एक्स’ पर उन्होंने लिखा, “भारतीय अर्थव्यवस्था ने एक बार फिर विशेषज्ञों को चौंका दिया है। जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए उन्होंने जो अनुमान लगाया था उसका औसत 6.7 प्रतिशत की वृद्धि थी... अर्थव्यवस्था ने 7.6 प्रतिशत वृद्धि दर हासिल की। मुझे उम्मीद है कि वे सीखेंगे कि भारत अब सात प्रतिशत से अधिक वृद्धि के रास्ते पर है।”

वहीं, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के सदस्य संजीव सान्याल ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था ने चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में मजबूत वृद्धि दर्ज की है। सान्याल ने कहा, “वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पूरे वर्ष की वृद्धि 6.5-7 प्रतिशत के ऊपरी स्तर पर रहने की उम्मीद है।” हम आपको यह भी बता दें कि एक ओर जहां भारत की आर्थिक वृद्धि दर दूसरी तिमाही में 7.6 प्रतिशत रही वहीं इसी अवधि में चीन की जीडीपी वृद्धि दर 4.9 प्रतिशत रही। बहरहाल, अर्थव्यवस्था के आंकड़ों से उत्साहित बार्कलेस और सिटी ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को और बढ़ा दिया है। उम्मीद है कि अन्य आर्थिक मंच और रेटिंग एजेंसियां भी ऐसा ही करेंगी।

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