Vedanta प्रमुख अनिल अग्रवाल ने मां के निधन के बाद की दिल की बात, कहा- उनके बिना सब अधूरा...

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रितिका कमठान । Oct 7 2024 12:46PM

उनकी कमी को जीवन में किसी भी तरह से पूरा नहीं किया जा सकता। उन्होंने ही हमें आज इस मुकाम तक पहुंचाया है। अगर हम उनके दिखाए रास्ते पर चल सकें तो यह उस पवित्र आत्मा को हमारी श्रद्धांजलि होगी। आप सभी ने उनके लिए प्रार्थना की। धन्यवाद। वसुधैव कुटुम्बकम।

खनन क्षेत्र के दिग्गज अनिल अग्रवाल पर दुखों का पहाड़ टूच पड़ा है। अनिल अग्रवाल ने बताया है कि 90 साल की उम्र में अपनी मां का निधन हो गया है। उन्होंने अपने मां के निधन की खबर एक्स पर एक भावुक पोस्ट में साझा की। उन्होंने दुख जताते हुए उन्होंने लिखा, "आज हमारी मां हमें छोड़कर चली गईं। मैं अपनी मां के बिना अधूरा महसूस करता हूं।" 

अपने परिवार के मूल्यों को आकार देने में निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका के लिए अपनी मां को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि "उनके दिखाए मार्ग पर चलना ही वास्तविक श्रद्धांजलि होगी।" उन्होंने लिखा, "उनकी कमी को जीवन में किसी भी तरह से पूरा नहीं किया जा सकता। उन्होंने ही हमें आज इस मुकाम तक पहुंचाया है। अगर हम उनके दिखाए रास्ते पर चल सकें तो यह उस पवित्र आत्मा को हमारी श्रद्धांजलि होगी। आप सभी ने उनके लिए प्रार्थना की। धन्यवाद। वसुधैव कुटुम्बकम।"

अनिल अग्रवाल ने पिछले महीने खुलासा किया था कि उनकी मां मुंबई में अपनी नवजात परपोती से मिलने के दौरान बीमार पड़ गईं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। उस समय अनिल अग्रवाल ने कहा था कि बीमार होने के बावजूद उनकी मां "हमें पहचानना कभी नहीं भूलतीं और जब भी वह मुझे देखती हैं तो उनके चेहरे पर खुशी आ जाती है।"

उन्होंने कहा था, "मां एक योद्धा और सबसे मजबूत महिला हैं जिन्हें मैं जानता हूं। कुछ सप्ताह पहले, वह अपनी नवजात परपोती से मिलने मुंबई आई थीं। दुर्भाग्य से, यात्रा के दौरान वह गंभीर रूप से बीमार पड़ गईं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। अब भी, जबकि डॉक्टरों ने कहा है कि उनकी हालत गंभीर है, वह हमें पहचानना नहीं भूलतीं और जब भी वह मुझे देखती हैं तो उनके चेहरे पर खुशी आ जाती है।"

उन्होंने बताया, "आईसीयू में उनके बिस्तर के पास चुपचाप बैठे हुए मुझे पटना में बिताए अपने बचपन के दिन याद आ गए। जब ​​मैं छोटा था, तो बाउजी उन्हें पूरे परिवार का खर्च चलाने के लिए केवल ₹400 देते थे। उसमें से वह हमारे सारे खर्चे संभालती थीं, किराए का भुगतान करती थीं, अपने चार बच्चों की देखभाल करती थीं, हमारे सभी पड़ोसियों की मदद करती थीं और हमारे साथ रहने के लिए आने वाले किसी भी मेहमान का स्वागत करती थीं।"

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