Union Cabinet ने रेलवे कर्मचारियों को दी खुशखबरी, बोनस को दी मंजूरी

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रेलवे कर्मचारियों के असाधारण प्रदर्शन को मान्यता देने वाले इस बोनस से विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारियों को लाभ मिलेगा, जिनमें ट्रैक मेंटेनर, लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर (गार्ड), स्टेशन मास्टर, पर्यवेक्षक, तकनीशियन, तकनीशियन हेल्पर, पॉइंट्समैन, मंत्रालयिक कर्मचारी और अन्य ग्रुप सी कर्मचारी शामिल हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने एक बड़ी घोषणा की है। इस कैबिनेट बैठक में सरकार ने रेलवे कर्मचारियों के लिए 78 दिनों के वेतन के बराबर उत्पादकता से जुड़े बोनस (पीएलबी) के भुगतान को हरी झंडी दे दी है। सरकार द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, कुल 2,028.57 करोड़ रुपये की बोनस राशि 11,72,240 रेलवे कर्मचारियों के बीच वितरित की जाएगी।

रेलवे कर्मचारियों के असाधारण प्रदर्शन को मान्यता देने वाले इस बोनस से विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारियों को लाभ मिलेगा, जिनमें ट्रैक मेंटेनर, लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर (गार्ड), स्टेशन मास्टर, पर्यवेक्षक, तकनीशियन, तकनीशियन हेल्पर, पॉइंट्समैन, मंत्रालयिक कर्मचारी और अन्य ग्रुप सी कर्मचारी शामिल हैं। बयान में कहा गया है, "पीएलबी का भुगतान रेलवे कर्मचारियों को भारतीय रेलवे के प्रदर्शन को और बेहतर बनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक प्रोत्साहन के रूप में कार्य करता है।"

यह वार्षिक बोनस पारंपरिक रूप से दुर्गा पूजा और दशहरा की छुट्टियों से पहले दिया जाता है। 2023 के लिए, बोनस 78 दिनों के वेतन के बराबर होगा, जिसमें अधिकतम देय राशि प्रति पात्र कर्मचारी 17,951 रुपये निर्धारित की गई है। सरकार ने 2023-2024 में भारतीय रेलवे के मजबूत प्रदर्शन पर प्रकाश डाला, जिसमें 1,588 मिलियन टन का रिकॉर्ड माल लदान और लगभग 6.7 बिलियन यात्रियों का परिवहन शामिल है। इस उपलब्धि में योगदान देने वाले कारकों में बढ़े हुए सरकारी निवेश, बेहतर परिचालन दक्षता और नई तकनीक को अपनाने से प्रेरित महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचा विकास शामिल है।

हालांकि, सभी रेलवे यूनियनें संतुष्ट नहीं हैं। कई यूनियनों ने प्लेटफॉर्म एक्स पर एक सोशल मीडिया अभियान शुरू किया है, जिसमें उत्पादकता से जुड़े बोनस की गणना छठे वेतन आयोग के बजाय सातवें वेतन आयोग के आधार पर करने की मांग की गई है। भारतीय रेलवे कर्मचारी महासंघ (आईआरईएफ) ने पहले इस मांग के समर्थन में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखा था, लेकिन उनका दावा है कि उन्हें अभी तक सरकार से कोई जवाब नहीं मिला है। संशोधित बोनस गणना की मांग को लेकर यूनियनों का अभियान गुरुवार को शुरू हुआ।

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