TRAI का भवन विकास योजनाओं में डिजिटल कनेक्टिविटी ढांचे को अनिवार्य करने का सुझाव
दूरसंचार क्षेत्र के नियामक ने सोमवार को सरकार को इमारतों, इनकी देखभाल (मेंटिनेंस) और समय-समय पर बदलाव के दौरान डिजिटल कनेक्टिविटी ढांचे को अनिवार्य करने का सुझाव देते हुए कहा है कि इसके लिए रियल एस्टेट कानून (रेरा) के तहत प्रावधान किया जाना चाहिए।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने भवन निर्माण योजनाओं में डिजिटल कनेक्टविटी ढांचे को अनिवार्य करने की सिफारिश की है। दूरसंचार क्षेत्र के नियामक ने सोमवार को सरकार को इमारतों, इनकी देखभाल (मेंटिनेंस) और समय-समय पर बदलाव के दौरान डिजिटल कनेक्टिविटी ढांचे को अनिवार्य करने का सुझाव देते हुए कहा है कि इसके लिए रियल एस्टेट कानून (रेरा) के तहत प्रावधान किया जाना चाहिए।
‘डिजिटल कनेक्टिविटी के लिए इमारत या क्षेत्र की रेटिंग’ पर अपनी सिफारिशों में ट्राई ने कहा, “भवन विकास योजना में जलापूर्ति, विद्युत सेवाओं, गैस आपूर्ति, आग से सुरक्षा के उपायों की तरह डिजिटल कनेक्टिविटी ढांचे (डीसीआई) को जरूरी अंग बना देना चाहिए।’’ ट्राई ने इमारतों या रियल एस्टेट परियोजनाओं मे किसी विशेष दूरसंचार सेवाप्रदाता का एकाधिकार रोकने के लिए कदम उठाने की भी सिफारिश की है।
ट्राई ने कहा कि तार-रहित उपकरण स्थापित करना दूरसंचार या इंटरनेट सेवा लाइसेंस धारक की जिम्मेदारी है लेकिन अगर इसे संपत्ति प्रबंधन द्वारा किया जाता है, तो संपत्ति प्रबंधक की यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी होगी कि ऐसे सक्रिय तार-रहित उपकरण बिना किसी भेदभाव के और पूरी पारदर्शिता के साथ सभी सेवाप्रदाताओं के पास पहुंचें।
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