Tomato Price: टमाटर की कीमत में आई कमी, मंत्रालय ने दी खुशखबरी

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रितिका कमठान । Nov 18 2024 6:06PM

दिल्ली की आज़ादपुर मंडी में थोक मूल्य इसी अवधि के दौरान लगभग 50 प्रतिशत गिरकर 2,969 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। वहीं आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल इसी महीने यह 5,883 रुपये प्रति क्विंटल था। यह तीव्र गिरावट आवक में वृद्धि के कारण हुई।

महंगाई के बीच एक बड़ी खबर मिली है। देश में टमाटर की कीमत में कमी देखने को मिली है। टमाटर की खुदरा कीमत 22.4 फीसदी कम हो गई है। आपू्र्ति में सुधार को देखते हुए ये कमी आई है। ये जानकारी उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने रविवार दी है। 

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 14 नवंबर 2024 को टमाटर का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य 52.35 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया। ये जानकारी पीटीआई की ओर से दी गई है। इससे पहले 14 अक्टूबर 2024 को औसत मूल्य 67.50 रुपये प्रति किलोग्राम था। वहीं दिल्ली की आज़ादपुर मंडी में थोक मूल्य इसी अवधि के दौरान लगभग 50 प्रतिशत गिरकर 2,969 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। वहीं आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल इसी महीने यह 5,883 रुपये प्रति क्विंटल था। यह तीव्र गिरावट आवक में वृद्धि के कारण हुई।

देश के अन्य प्रमुख बाजारों जैसे मदनपल्ले (आंध्र प्रदेश), कोलार (कर्नाटक) और पिंपलगांव (महाराष्ट्र) में भी इसी प्रकार की मूल्य गिरावट दर्ज की गई। मंत्रालय ने कहा कि मदनपल्ले और कोलार के प्रमुख उत्पादन केंद्रों पर आवक कम हो गई है, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात से मौसमी आपूर्ति के कारण टमाटर की कीमतों में कमी आई है। इससे राष्ट्रीय स्तर पर आपूर्ति में कमी को कम करने में मदद मिली है।

आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अनुकूल मौसम की स्थिति ने फसल की वृद्धि को बढ़ाने और खेतों से उपभोक्ताओं तक आपूर्ति श्रृंखला को सुचारू बनाए रखने में मदद की है। देश में टमाटर का उत्पादन 2023-24 में 4 प्रतिशत बढ़कर 213.20 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान है। आमतौर पर टमाटर का उत्पादन साल भर होता है, लेकिन विभिन्न क्षेत्रों में मौसम के हिसाब से उत्पादन अलग-अलग होता है।

मंत्रालय ने कहा कि फसल की उच्च संवेदनशीलता और शीघ्र खराब होने वाली प्रकृति के कारण प्रतिकूल मौसम और रसद संबंधी चुनौतियों का कीमतों पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। अक्टूबर 2024 की अवधि के दौरान कीमतों में वृद्धि आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में अत्यधिक और लंबे समय तक बारिश के कारण हुई। अधिकारियों ने बताया कि टमाटर की खेती की छोटी अवधि और कई बार फसल होने के कारण नियमित बाजार आपूर्ति बनी रहती है।

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