भारत में परिवहन के अवसर बहुत बड़े हैं, अभी तक इनका समुचित इस्तेमाल नहीं हुआ है : Uber

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उबर के भारत एवं दक्षिण एशिया के अध्यक्ष प्रभजीत सिंह ने कहा कि भारत मात्रा के हिसाब से सबसे बड़े बाजारों में से एक है और यह तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने इसे एक ‘‘अत्यंत महत्वपूर्ण बाजार’’ करार दिया जो इस ‘राइड-हाइलिंग’ मंच को कई दशक तक अवसर उपलब्ध करा सकता है।

नयी दिल्ली । ऐप आधारित टैक्सी सेवा प्रदान करने वाली कंपनी उबर के भारत एवं दक्षिण एशिया के अध्यक्ष प्रभजीत सिंह ने कहा कि भारत मात्रा के हिसाब से सबसे बड़े बाजारों में से एक है और यह तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने इसे एक ‘‘अत्यंत महत्वपूर्ण बाजार’’ करार दिया जो इस ‘राइड-हाइलिंग’ मंच को कई दशक तक अवसर उपलब्ध करा सकता है। हालांकि अभी तक इनका समुचित इस्तेमाल नहीं हुआ है। सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि भारत में परिवहन के कई अवसर हैं और कंपनी का मानना ​​है कि उत्पादों तथा सेवाओं की बेहतर श्रृंखला व मजबूत वृद्धि के बावजूद कंपनी ने ‘‘अभी महज शुरुआत ही की है।’’

उबर इंडिया के शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘‘ हालांकि हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, फिर भी अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।’’ उन्होंने जोर देकर कहा कि परिवहन की दिग्गज कंपनी बाजार में अत्याधुनिक नवाचार लाना जारी रखेगी और भारत-प्रथम नवाचारों को दुनिया के बाकी हिस्सों में भी ले जाएगी। सिंह ने कहा, ‘‘ यह एक अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण बाजार है, जो कई दशक तक अवसर मुहैया करा सकता है। ’’

उन्होंने कहा कि भारत का कारोबार कई विकास इंजनों पर आधारित है, जिनमें उबर ‘ऑटो’ और ‘मोटो’ शामिल हैं। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि किसी भी बाजार या श्रेणी में तीव्र प्रतिस्पर्धा इस बात का संकेत है कि वह क्षेत्र अविश्वसनीय रूप से तेजी से बढ़ रहा है और नए नवाचारों को आकर्षित कर रहा है। श्रम मंत्रालय के ‘गिग’ श्रमिकों के लिए प्रस्तावित सामाजिक सुरक्षा ढांचे पर सिंह ने कहा कि उबर हमेशा से सामाजिक सुरक्षा संहिता जैसे कानून की वकालत करने में सबसे आगे रही है।

ऑनलाइन मंच के लिए काम करने वाले अस्थायी कर्मचारियों को ‘गिग वर्कर्स’ कहा जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘ हम पहले से ही चालकों को ई-श्रम मंच के जरिये पंजीकरण कराने को प्रोत्साहित कर रहे हैं। हम सामाजिक सुरक्षा कोष के ‘कोड’ में योगदान करने के लिए तैयार हैं, जो‘गिग’ श्रमिकों का समर्थन करने के लिए आवश्यक प्रयासों को कोष मुहैया करा सकता है। हमें लगता है कि यह कई देशों के लिए एक स्वर्ण-मानक मॉडल बन सकता है।’’ उन्होंने कहा कि उबर इसका तत्काल और त्वरित क्रियान्वयन चाहता है। कंपनी पहले दिन से ही इसे अपनाने के लिए तैयार है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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