विमानन क्षेत्र के विस्तार को केंद्र-राज्य का मुद्दा ना बनाए राज्य सरकारें: सुरेश प्रभु
प्रभु ने कहा कि इस योजना का राज्यों को नियमित लाभ मिलना चाहिए और ऐसा करने के लिए हम उन्हें सक्रिय, नियमित और स्थायी भागीदार बनाने की दिशा में विचार कर रहे हैं।
नयी दिल्ली। विमानन क्षेत्र के विस्तार से देशभर में विभिन्न राज्य लाभान्वित होंगे। इसलिए राज्य सरकारों को इसे केंद्र-राज्य के मुद्दे की नजर से नहीं देखना चाहिए। केंद्रीय विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने बृहस्पतिवार को यह बात कही। प्रभु यहां ‘विंग्स 2019’ सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस सम्मेलन का आयोजन उनके मंत्रालय ने उद्योग मंडल फिक्की के साथ मिलकर किया। प्रभु ने कहा, ‘‘विमानन क्षेत्र के विस्तार से राज्य को सबसे ज्यादा लाभ होगा। अत: राज्यों को इसे उनके विरोध के तौर पर नहीं देखना चाहिए क्योंकि केंद्र भी कह सकता है कि यह राज्यों की समस्या है।
"If both the Central Govt. and State Govt. work together we are sure that our wings will be stronger and we will be able to fly higher and will be able to get a better result." HMCA Sh. @sureshpprabhu ji today at #WINGS2019#FlyingForAll #SabUdenSabJuden pic.twitter.com/NM77DKQemJ
— Wings India 2018 (@WingsIndia2018) February 28, 2019
उन्होंने कहा कि विमानन क्षेत्र के विस्तार के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के पास एक साझा मंच होना चाहिए। इस क्षेत्र से जुड़ी हर समस्या ‘हमारी’ समस्या है, क्योंकि जब लोग केंद्र सरकार या राज्य सरकार के लिए मतदान करते हैं तो लोग तो समान ही होते हैं, बस फर्क इतना होता है कि वह अलग-अलग सरकारों चुन रहे होते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘विमानन क्षेत्र एक ऐसा विषय है जहां इस प्रक्रिया में राज्य सरकारों को शामिल किए बिना हम हर किसी को उड़ान भरने में सक्षम बनाने के मिशन को संभव नहीं कर सकते हैं। वे प्रगति के साथी होंगे।इस प्रगति से उन्हें लाभ होना चाहिए...।’’
इसे भी पढ़ें: सुरेश प्रभु ने सात हवाईअड्डों की परियोजनाओं की आधारशिला रखी
प्रभु ने कहा कि यदि राज्य सरकारों की भागीदारी नहीं होती तो केंद्र सरकार की क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना ‘उड़ान’ कभी सफल नहीं होती। उड़ान (उड़े देश का आम नाागरिक) योजना का उद्देश्य गैर-सेवारत या कम-सेवाएं देने वाले हवाईअड्डों पर सेवाओं का विस्तार करना और हवाई यात्रा को सस्ता बनाना है। प्रभु ने कहा कि इस योजना का राज्यों को नियमित लाभ मिलना चाहिए और ऐसा करने के लिए हम उन्हें सक्रिय, नियमित और स्थायी भागीदार बनाने की दिशा में विचार कर रहे हैं।
अन्य न्यूज़