सुब्रत राय को 709.82 करोड़ जमा कराने के लिये दस दिन का वक्त
उच्चतम न्यायालय ने सहारा प्रमुख सुब्रत राय को 709.82 करोड़ रूपए जमा कराने के लिये दस कार्य दिवसों की मोहलत देते हुये उनकी अंतरिम जमानत की अवधि पांच जुलाई तक के लिये बढ़ा दी।
उच्चतम न्यायालय ने सहारा प्रमुख सुब्रत राय को सहारा सेबी खाते में वायदे के मुताबिक 1500 करोड़ रूपए में से 709.82 करोड़ रूपए जमा कराने के लिये आज दस कार्य दिवसों की मोहलत देते हुये उनकी अंतरिम जमानत की अवधि पांच जुलाई तक के लिये बढ़ा दी। न्यायमूर्ति दीपक मिश्र और न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की पीठ ने राय की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की इन दलीलों पर विचार किया कि 790.18 करोड़ रूपए पहले ही सेबी सहारा के खाते में जमा कराये जा चुके हैं और उन्हें शेष रकम जमा कराने के लिये दस कार्य दिवस और दे दिये जायें।
राय ने इससे पहले 1500 करोड़ रूपए के दो चेक जमा कराये थे और 552.22 करोड़ सेबी के खाते में क्रमश: 15 जून और 15 जुलाई को जमा कराने थे। यह धनराशि जमा नहीं कराये जाने से अप्रसन्न न्यायालय ने 17 अप्रैल को सहारा समूह की महाराष्ट्र में एम्बी वैली की 34000 करोड़ रूपए की संपत्ति बेचने का निर्णय लिया था और राय को न्यायालय में पेश होने का निर्देश दिया था। न्यायालय ने पिछले साल 28 नवंबर को राय से कहा था कि जेल से बाहर रहने के लिये वह 6 फरवरी तक 600 करोड़ रूपए और सेबी के धन वापसी खाते में जमा करायें। न्यायालय ने साथ ही आगाह किया था कि ऐसा करने में विफल रहने पर उन्हें वापस जेल भेज दिया जायेगा।
न्यायालय ने सुब्रत राय को सहारा समूह के दो निदेशकों रवि शंकर दुबे और अशोक राय चौधरी के साथ चार मार्च 2014 को तिहाड़ जेल भेजा था परंतु राय की मां का निधन होने की वजह से न्यायालय ने उन्हें 6 मई 2016 को चार सप्ताह का पेरोल दे दिया था। उनकी पेरोल की अवधि उसके बाद से ही न्यायालय बढ़ाता रहा है।
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