Sukhbir Badal का केंद्र से बासमती चावल का न्यूनतम निर्यात मूल्य कम करने का आग्रह

Sukhbir Badal
प्रतिरूप फोटो
ANI

सुखबीर सिंह बादल ने रविवार को केंद्र सरकार से बासमती चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) को 950 डॉलर से घटाकर 750 डॉलर प्रति टन करने का आग्रह किया ताकि किसानों के लिए बेहतर कीमत सुनिश्चित हो सके और साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस किस्म की प्रतिस्पर्धात्मकता भी बढ़े।

चंडीगढ़ । शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने रविवार को केंद्र सरकार से बासमती चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) को 950 डॉलर से घटाकर 750 डॉलर प्रति टन करने का आग्रह किया ताकि किसानों के लिए बेहतर कीमत सुनिश्चित हो सके और साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस किस्म की प्रतिस्पर्धात्मकता भी बढ़े। शिअद अध्यक्ष ने यहां बयान में कहा कि हालांकि इस वर्ष बंपर फसल की उम्मीद है, लेकिन यदि सरकार ने इस चावल की किस्म के लिए एमईपी की समीक्षा नहीं की तो बासमती किसानों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। 

उन्होंने कहा, “किसानों की आय दोगुनी करने की सरकार की मंशा को पूरा करने के लिए भी यह आवश्यक है।” बादल ने कहा कि निर्यातक इस वर्ष किसानों से बासमती खरीदने की स्थिति में नहीं हैं, क्योंकि पिछले दो वर्षों से प्रतिबंधात्मक निर्यात नीतियों के कारण उनके गोदाम भरे हुए हैं। उन्होंने कहा, “उद्योगपति मौजूदा एमईपी पर निर्यात नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि पाकिस्तान 750 डॉलर प्रति टन एमईपी पर उत्पाद निर्यात कर रहा है। इससे अंतरराष्ट्रीय बासमती बाजार पर भी असर पड़ा है और अनिश्चितता पैदा हुई है।” 

उन्होंने कहा कि बासमती पर एमईपी की समीक्षा से निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और देश में कीमतों में भी बढ़ोतरी होगी, जिससे पंजाब और हरियाणा सहित उत्तरी क्षेत्र के किसानों को मदद मिलेगी। बादल ने साथ ही गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध और उबले चावल के निर्यात पर लगाए गए 20 प्रतिशत शुल्क को वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि जहां देश कीमती विदेशी मुद्रा खो रहा है, वहीं किसान भी आर्थिक संकट में हैं। बादल ने कहा, “हमें किसानों के कल्याण के लिए वर्तमान प्रतिबंधों को हटाकर बासमती चावल के साथ-साथ गैर-बासमती चावल के निर्यात की अनुमति देनी चाहिए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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