जीएसटी संबंधी क्षतिपूर्ति को लेकर कड़ा रुख बरकरार रखें राज्य: चिदंबरम
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क । Oct 6 2020 5:17PM
पूर्व वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि राज्यों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) मुआवजे को लेकर कर्ज नहीं लेना चाहिए क्योंकि संसाधन की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी केंद्र की है।
नयी दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने जीएसटी संबंधी केंद्र की ओर से दिए गए दो विकल्पों को खारिज करने वाले राज्यों की सराहना करते हुए मंगलवार को कहा कि प्रदेश की सरकारों को 12 अक्टूबर को होने वाली जीएसटी परिषद की अगली बैठक में कड़ा रुख बरकरार रखना चाहिए। पूर्व वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि राज्यों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) मुआवजे को लेकर कर्ज नहीं लेना चाहिए क्योंकि संसाधन की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी केंद्र की है।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मैं उन 9-10 राज्यों की सराहना करता हूं जो अडिग रहे और केंद्र सरकार की ओर से दिए गए दो विकल्पों को खारिज कर दिया।’’ चिदंबरम ने कहा, ‘‘राज्य सरकारों से कर्ज लेने के लिए कहना अनुचित है। 12 अक्टूबर को होने वाली अगली बैठक में राज्यों को कड़े रुख बरकरार रखना चाहिए।’’ गौरतलब है कि जीएसटी परिषद की सोमवार को हुई महत्वपूर्ण बैठक में राज्यों को क्षतिपूर्ति दिये जाने के मामले में कोई आम सहमति नहीं बन पायी। परिषद क्षतिपूर्ति के लिये कर्ज लेने के उपाय पर राजनीतिक विचारों के आधार पर विभाजित दिखी।The liability to provide the GST compensation to the full extent falls on the central government, as reluctantly admitted by the FM yesterday. Naturally, the onus of finding the resources also falls on the central government
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) October 6, 2020
इसे भी पढ़ें: वित्त मंत्री का ऐलान, राज्यों के बीच वितरित किया जाएगा 20,000 करोड़ रुपये
समिति की काफी देर तक चली बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 21 राज्यों ने केंद्र के सुझाये दो विकल्पों में से एक का चयन किया है। उन्होंने कहा कि लेकिन कुछ राज्यों ने दोनों विकल्पों में से किसी का भी चयन नहीं किया। इसको देखते हुए परिषद की इस बारे में आगे और विचार-विमर्श को लेकर 12 अक्टूबर को फिर बैठक होगी।
डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:
अन्य न्यूज़