तो क्या इस वजह से शेयर मार्केट में दर्ज की जा रही गिरावट ? निवेशकों के करोड़ों रुपए डूबे
पिछले पांच दिनों में बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 3,817.4 अंक टूटा है। जिसकी वजह से निवेशकों के 19,50,288.05 करोड़ रुपए डूब गए। जबकि कुछ दिनों पहले मार्केट रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गया था। बजाज फाइनेंस का शेयर सोमवार को करीब 6 फीसदी टूटकर सर्वाधिक नुकसान में रहा।
मुंबई। शेयर मार्केट में लगातार जारी गिरावट के चलते निवेशकों में हाहाकार मचा हुआ है। इसी बीच सोमवार को भी मार्केट में गिरावट दर्ज की गई। बीएसई सेंसेक्स 1,546 अंक का गोता लगाकर 58,000 अंक के नीचे आ गया। मार्केट की शुरुआत गिरावट के साथ हुई और बंद होते-होते भी यही हाल रहा। ऐसा ही निफ्टी के साथ भी देखने को मिला। निफ्टी 468.05 अंक या 2.66 प्रतिशत टूटकर 17,149.10 अंक पर बंद हुआ। यह शेयर मार्केट में दो माह में किसी एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है।
इसे भी पढ़ें: सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से आठ कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में 2.34 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई
पांच दिनों से जारी है गिरावट
पिछले पांच दिनों में बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 3,817.4 अंक टूटा है। जिसकी वजह से निवेशकों के 19,50,288.05 करोड़ रुपए डूब गए। जबकि कुछ दिनों पहले मार्केट रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गया था। बजाज फाइनेंस का शेयर सोमवार को करीब 6 फीसदी टूटकर सर्वाधिक नुकसान में रहा। इसके अलावा टाटा स्टील, विप्रो, टेक महिंद्रा, टाइटन, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचसीएल टेक को भी काफी ज्यादा नुकसान हुआ।
अमेरिकी मार्केटों में बिकवाली
पिछले हफ्ते अमेरिकी शेयर मार्केट का हाल बुरा था। जिसका असर भारतीय मार्केट में भी देखने को मिला। आनंद राठी शेयर्सएंड स्टॉक ब्रोकर्स के इक्विटी शोध प्रमुख नरेंद्र सोलंकी ने बताया कि एशिया के अन्य मार्केटों में मिले-जुले रुख के बीच घरेलू मार्केट गिरावट के साथ खुले। इसका कारण निवेशकों की अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मीटिंग पर नजर और भू-राजनीतिक अनिश्चितता है। दोपहर के कारोबार में बिकवाली में तेजी आई क्योंकि दोनों सूचकांक महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे आ गए थे। एशिया के दूसरे मार्केटों में हांगकांग का हैंगसेंग, साउथ कोरिया कॉस्पी नुकसान में रहा। जबकि जापान का निक्की और चीन का शंघाई कंपोजिट ने बढ़ोतरी दर्ज की।
कोरोना महामारी का असर
शेयर मार्केट में दर्ज की जा रही गिरावट के पीछे कोरोना वायरस महामारी भी एक कारण है। क्योंकि देश में लगातार मामलों में बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है। इन दिनों 3 लाख से ज्यादा मामले रोजाना दर्ज किए जा रहे हैं। जिसकी वजह से कुछ राज्यों में पाबंदियों को बढ़ा दिया गया है और इसका असर आर्थिक गतिविधियों में साफ-साफ दिखाई दे रहा है। इतना ही नहीं कुछ सेक्टरों का हाल भी बुरा है। इसके अलावा मार्केट में डिमांड कम हुई है। जिसका सीधा असर कंपनियों पर पड़ रहा है और वो दबाव झेल रही है। कच्चे तेल की कीमतों की वजह से भी मार्केट पर असर पड़ा है।
इसे भी पढ़ें: गुड ग्लैम समूह ने ऑर्गेनिक हार्वेस्ट में बहुलांश हिस्सेदारी हासिल की
चुनाव का भी पड़ता है प्रभाव
कोरोना संकट के बीच उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जिसका असर आर्थिक गतिविधियों पर भी पड़ता है और सभी की निगाह चुनावों पर भी होती है। हालांकि 10 मार्च को चुनाव परिणाम सामने आ जाएंगे।
अन्य न्यूज़