SEBI चीफ माधबी पूरी बुच हर तरफ से घिरी, लगातार लग रहे गंभीर आरोप, अब जांच की हो रही तैयारी

Madhabi Puri Buch
प्रतिरूप फोटो
ANI
रितिका कमठान । Sep 6 2024 10:15AM

माधबी पूरी बुच पर टॉक्सिक वर्क कल्चर से लेकर आईसीआईसीआई बैंक से सैलरी लेने के आरोप लग रहे है। इन आरोपों के कारण वो लगातार घिरी हुई है। इन आरोपों के बीच कांग्रेस पार्टी माधबी पूरी बुच से इस्तीफा मांग चुकी है।

बाजार नियामक सेबी चीफ माधबी पूरी बुच लगातार आरोपों से घिरे जा रही है। हिंडेनबर्ग के आरोपों के बाद उन पर लगातार हमले हो रहे है। सेबी प्रमुख अपने ऊपर लग रहे सभी आरोपों को निराधार बता रही है। इसी बीच सेबी की प्रमुख माधबी पुरी बुच के खिलाफ कई आरोप लग चुके है, जिनकी अब जांच करवाई जाएगी। इस महीने के अंत तक माधबी पुरी बुच को समिति तलब भी कर सकती है। 

बता दें कि माधबी पूरी बुच पर टॉक्सिक वर्क कल्चर से लेकर आईसीआईसीआई बैंक से सैलरी लेने के आरोप लग रहे है। इन आरोपों के कारण वो लगातार घिरी हुई है। इन आरोपों के बीच कांग्रेस पार्टी माधबी पूरी बुच से इस्तीफा मांग चुकी है।

इसी बीच नई जानकारी मिली है कि लोक लेखा समिति ने इस वर्ष सेबी के प्रदर्शन की समीक्षा करने का फैसला लिया है। ये जानकारी इकोनॉमिक्स टाइम्स के रिपोर्ट में दी गई है। इस समीक्षा प्रक्रिया के बुच को संस्था तलब कर सकती हैं। ऐसे में माधबी पूरी बुच की समस्या अधिक बढ़ सकती है।

इस रिपोर्ट की मानें तो रिपोर्ट में कहा गया है कि 29 अगस्त को पैनल की पहली बैठक में कई सदस्यों द्वारा जांच की मांग किए जाने के बाद इस मामले को पीएसी के एजेंडे में शामिल किया गया। पीएसी की अध्यक्षता कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल कर रहे हैं और इसमें एनडीए और विपक्ष के इंडिया ब्लॉक दोनों के सदस्य हैं। हालांकि, एजेंडा मद में नियामक या प्रमुख का नाम निर्दिष्ट नहीं किया गया है और इसे "संसद के अधिनियम द्वारा स्थापित नियामक निकायों के प्रदर्शन की समीक्षा" के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार, अज्ञात अधिकारियों ने कहा कि यह जांच सेबी प्रमुख के खिलाफ हाल ही में लगे आरोपों से उपजी है और "इस मामले को 29 अगस्त की बैठक में स्वतः संज्ञान के आधार पर जोड़ा गया था, क्योंकि कई सदस्य पूंजी बाजार नियामक और सेबी प्रमुख के खिलाफ गंभीर आरोपों को लेकर चिंतित थे। संबंधित मंत्रालय के अधिकारियों को इसी महीने तलब किया जा सकता है।" 

यह बात ऐसे समय में सामने आई है जब अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों की सेबी की जांच को लेकर माधवी पुरी बुच पर हितों के टकराव का आरोप लगाया गया है और सेबी के कर्मचारियों ने नियामक में "विषाक्त कार्य संस्कृति" के बारे में वित्त मंत्रालय को लिखित शिकायत की है। माधबी पुरी बुच ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया तथा सेबी ने कर्मचारियों द्वारा किए गए दावों को खारिज करते हुए कहा कि इसमें "बाहरी तत्व" शामिल हैं, क्योंकि कार्यस्थल पर "सार्वजनिक अपमान" की शिकायतें "गलत" हैं। 

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