नेपाल से सोयाबीन तेल के भारी निर्यात से किसान हो रहे बुरी तरह प्रभावित, SEA की सरकार से ये मांग

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एसईए ने बृहस्पतिवार कहा कि भारत को पांच अल्पविकसित दक्षेस देशों द्वारा निर्यात किए जाने वाले सामान पर सीमा शुल्क की पूरी छूट है। एसोसिएशन ने कहा कि इस छूट का लाभ उठाते हुए नेपाल और बांग्लादेश से शून्य शुल्क पर उल्लेखनीय मात्रा में पामतेल और सोयाबीन तेल का आयात शुरू हो गया है।

मुंबई। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ने (एसईए) ने कहा है कि नेपाल से सोयाबीन तेल के भारी निर्यात से घरेलू रिफाइनरी इकाइयां और किसान बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं और इससे सरकार को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है। एसईए ने बृहस्पतिवार कहा कि भारत को पांच अल्पविकसित दक्षेस देशों द्वारा निर्यात किए जाने वाले सामान पर सीमा शुल्क की पूरी छूट है। एसोसिएशन ने कहा कि इस छूट का लाभ उठाते हुए नेपाल और बांग्लादेश से शून्य शुल्क पर उल्लेखनीय मात्रा में पामतेल और सोयाबीन तेल का आयात शुरू हो गया है।

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एसईए ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को दिए ज्ञापन में कहा है, ‘‘ दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार क्षेत्र (साफ्टा) के तहत शून्य शूल्क पर रिफाइंड सोयाबीन तेल और आरबीडी पामोलिन तेल के अत्यधिक आयात से घरेलू रिफाइनरी इकाइयां बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। इससे सरकार को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है। विशेषरूप से पूर्वी और उत्तर भारत के रिफाइनरी इकाइयों पर इसका अधिक असर पड़ा है।’’ ज्ञापन में सरकार से इसके नियमन के लिए कार्रवाई का आग्रह किया गया है। ज्ञापन में कहा गया है कि इससे तिलहन किसानों का हित भी प्रभावित हो रहा है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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