SC ने आम्रपाली के निवेशकों को दी बड़ी राहत! अधूरे प्रोजेक्ट्स जल्द पूरे करेगा NBCC
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति उदय यू. ललित की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए आम्रपाली समूह की सभी लंबित परियोजनाओं को पूरा करने के लिये एनबीसीसी को नियुक्त किया है।
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कर्ज में फंसी कंपनी आम्रपाली समूह का रीयल एस्टेट नियमन प्राधिकरण (रेरा) के तहत पंजीयन मंगलवार को रद्द कर दिया। न्यायालय ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों से आम्रपाली की संपत्तियों के लिये मिले पट्टे भी रद्द कर दिये। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति उदय यू. ललित की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए आम्रपाली समूह की सभी लंबित परियोजनाओं को पूरा करने के लिये एनबीसीसी को नियुक्त किया है।
Amrapali case: Supreme Court directed the National Buildings Construction Corporation (NBCC) to complete the unfinished housing projects in Noida and Greater Noia and handover these to home-buyers. pic.twitter.com/JUvhHUhSLD
— ANI (@ANI) July 23, 2019
पीठ ने अधिवक्ता आर. वेंकटरमणीको कोर्ट रिसीवर नियुक्त किया। वेंकटरमणी को आम्रपाली की संपत्तियों के सारे अधिकार मिल जाएंगे। न्यायालय ने कहा कि वेंकटरमणीके पास यह अधिकार रहेगा कि वह बकाया वसूली के लिये आम्रपाली की संपत्तियों की बिक्री के लिये तीसरे पक्ष से करार कर सकेंगे। पीठ ने कहा कि विदेशी विनिमय प्रबंधन अधिनियम (फेमा) तथा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के प्रावधानों का उल्लंघन कर घर खरीदारों के पैसे का हेर-फेर किया गया।
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न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय को आम्रपाली के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अनिल शर्मा तथा कंपनी के अन्य निदेशकों और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किये गये कथित मनी लौंड्रिंग (धन शोधन) की जांच का भी निर्देश दियाहै। न्यायालय ने कहा कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा के प्राधिकरणों ने आम्रपाली के साथ सांठगांठ करके उसे मकान खरीदारों के पैसे की हेर-फेर करने में मदद की और कानून के हिसाब से काम नहीं किया। न्यायालय ने मकान खरीदारों को राहत देते हुए नोएडा और ग्रेटर नोएडा के प्राधिकरणों से कहा कि वे आम्रपाली समूह की विभिन्न परियोजनाओं में पहले से रह रहे मकान खरीदारों को आवास पूर्ण होने संबंधी प्रमाणपत्र सौंपे।
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