विजय माल्या को भारत लाने के प्रयास कर रहे हैंः सरकार

SC demands Vijay Mallyas presence to proceed in contempt case
[email protected] । Jul 14 2017 5:33PM

उच्चतम न्यायालय ने आज केन्द्र सरकार के इस तर्क पर विचार किया कि शराब के कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण की कार्यवाही लंदन की अदालत में चल रही है।

उच्चतम न्यायालय ने आज केन्द्र सरकार के इस तर्क पर विचार किया कि शराब के कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण की कार्यवाही लंदन की अदालत में चल रही है और कहा कि माल्या के पेश होने पर ही उसके खिलाफ अवमानना के मामले में आगे कार्यवाही की जायेगी। न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति उदय यू ललित की पीठ ने अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल द्वारा नयी स्थिति रिपोर्ट का जिक्र किये जाने पर उसका संज्ञान लिया।

वेणुगोपाल ने कहा कि माल्या को भारत लाने के प्रयास किये जा रहे हैं। शीर्ष अदालत अवमानना के मामले में विजय माल्या को पहले ही दोषी ठहरा चुकी है और अब सिर्फ उसे सजा सुनाई जानी है। न्यायालय ने कहा कि इस कारोबारी को उसके समक्ष पेश किये बगैर इस मामले में आगे कार्यवाही नहीं हो सकती है।

इससे पहले भी माल्या न्यायालय के निर्देश के बावजूद उसके समक्ष पेश होने में विफल रहे थे। शीर्ष अदालत ने ब्रिटेन में पनाह लिये इस भारतीय कारोबारी को नौ मई को भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले बैंकों के कंसोर्टियम की याचिका पर विचार के बाद न्यायालय की अवमानना का दोषी ठहराया था। इस कंसोर्टियम का दावा था कि न्यायिक आदेशों के बावजूद विजय माल्या भारत और विदेश में अपनी सारी संपत्ति का सही विवरण देने में असफल रहा था और उसने दियागो फर्म से मिले 40 मिलियन अमेरिकी डालर के तथ्य को न्यायालय से छिपाया और उसने कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करते हुये यह रकम अपने बेटे सिद्धार्थ माल्या तथा पुत्रियों लीना माल्या और तान्या माल्या को हस्तांतरित कर दी। न्यायालय की अवमानना के जुर्म में माल्या को अधिकतम छह माह की कैद या दो हजार रूपए का जुर्माना अथवा दोनों की सजा हो सकती है।

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