रुपये में गिरावट से भारतीय निर्यातकों को उपलब्ध होंगे समान अवसर: फियो

Rupee fall will be available to exporters of Indian equities
[email protected] । Jun 28 2018 6:23PM

डॉलर के मुकाबले रुपये के गिरकर अब तक के निम्नतम स्तर 69.10 रुपये प्रति डॉलर पर आने से घरेलू निर्यातकों को कोई अतिरिक्त फायदा नहीं मिलेगा। हालांकि वैश्विक बाजार में सभी को समान मौके जरूर मिलेंगे।

नयी दिल्ली। डॉलर के मुकाबले रुपये के गिरकर अब तक के निम्नतम स्तर 69.10 रुपये प्रति डॉलर पर आने से घरेलू निर्यातकों को कोई अतिरिक्त फायदा नहीं मिलेगा। हालांकि वैश्विक बाजार में सभी को समान मौके जरूर मिलेंगे। निर्यातकों के शीर्ष संगठन फियो ने आज यह बात कही। फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन (फियो) के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि रुपये की गिरावट से निर्यातकों को अतिरिक्त फायदा नहीं मिलेगा, क्योंकि चीन समेत अन्य उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं की मुद्राएं भी गिर रही हैं। सहाय ने कहा कि यह हमारे निर्यातकों को समान मौके प्रदान करेगा। यह उतनी मदद नहीं करेगा जितने समर्थन की जरूरत है क्योंकि भारत अकेले नहीं जिसकी मुद्रा में गिरावट आई है।

मई में देश का निर्यात 20.18 प्रतिशत बढ़कर 28.86 अरब डॉलर था , जो कि छह माह का उच्चतम स्तर है। जबकि व्यापार घाटा बढ़कर चार महीने के उच्चतम स्तर 14.62 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। 2017-18 के दौरान निर्यात करीब 10 प्रतिशत बढ़कर 303 अरब डॉलर पर रहा था।

कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के मद्देजनर देश का चालू खाते घाटा (कैड) और मुद्रास्फीति बढ़ने की चिंताओं के बीच आज शुरूआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया 49 पैसे लुढ़ककर अब तक के निम्नतम स्तर 69.10 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया। कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के बीच आयातकों विशेषकर तेल रिफाइनरी कंपनियों और बैंकों की डॉलर लगातार मांग से रुपये पर दबाव देखा गया।

अमेरिका ने कल भारत, चीन सहित सभी सहयोगी देशों से ईरान से कच्चे तेल का आयात चार नवंबर तक बंद करने को कहा था, जिसके बाद वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया। इसके अलावा लीबिया और कनाडा में आपूर्ति संबंधी दिक्कतों से भी कीमतों पर दबाव रहा। 

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