भारत को सतत वृद्धि के नए पथ पर ले जाने का सही वक्त: आरबीआई लेख
केंद्रीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी लेख में कहा गया, ‘‘वैश्विक जोखिमों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी आ रही है, हालांकि पुनरुद्धार असमान है और सुस्ती का असर अभी भी है। टीकाकरण में तेजी, संक्रमण के नए मामलों / मृत्यु दर में कमी और गतिशीलता के सामान्य होने से आत्मविश्वास फिर से पैदा हुआ है।’’
मुंबई| टीकाकरण अभियान में तेजी और कोविड-19 मृत्यु दर में कमी के साथ भारत के लिए सतत और समावेशी वृद्धि के एक नए पथ पर जाने का सही वक्त आ गया है। यह बात ‘अर्थव्यवस्था की स्थिति’ पर भारतीय रिजर्व बैंक के एक लेख में कही गयी है।
उप-गवर्नर एम डी पात्रा के नेतृत्व में आरबीआई के अधिकारियों की एक टीम द्वारा लिखे गए लेख में कहा गया है कि खरीफ की पैदावार के मजबूत प्रदर्शन और विनिर्माण तथा सेवाओं के पुनरुद्धार से कुल आपूर्ति में सुधार हो रहा है और घरेलू मांग में मजबूती आ रही है।
लेख में कहा गया, ‘‘वैश्विक जोखिमों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी आ रही है, हालांकि पुनरुद्धार असमान है और सुस्ती का असर अभी भी है। टीकाकरण में तेजी, संक्रमण के नए मामलों / मृत्यु दर में कमी और गतिशीलता के सामान्य होने से आत्मविश्वास फिर से पैदा हुआ है।’’ लेख में कहा गया कि अनुमान से कम खाद्य कीमतों ने मुद्रास्फीति को रिजर्व बैंक के लक्ष्य के करीब लाने में मदद की है।
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