Reserve Bank का बही-खाता बीते वित्त वर्ष में ढाई प्रतिशत बढ़कर 63.45 लाख करोड़ रुपये पर
केंद्रीय बैंक की मंगलवार को जारी वार्षिक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। मुख्य रूप से आमदनी बढ़ने की वजह से रिजर्व बैंक के बही-खाते का आकार बढ़ा है। केंद्रीय बैंक का बही-खाता देश की अर्थव्यवस्था के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का बही-खाता बीते वित्त वर्ष 2022-23 में 2.5 प्रतिशत बढ़कर 63.45 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। केंद्रीय बैंक की मंगलवार को जारी वार्षिक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। मुख्य रूप से आमदनी बढ़ने की वजह से रिजर्व बैंक के बही-खाते का आकार बढ़ा है। केंद्रीय बैंक का बही-खाता देश की अर्थव्यवस्था के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इससे मुख्य रूप से मुद्रा जारी करने के कामकाज के अलावा मौद्रिक नीति और आरक्षित कोष प्रबंधन उद्देश्य का पता चलता है। रिपोर्ट के अनुसार, रिजर्व बैंक के बही-खाते का आकार 1,54,453.97 करोड़ रुपये या 2.5 प्रतिशत बढ़कर 61,90,302.27 करोड़ रुपये से 63,44,756.24 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
वित्त वर्ष के दौरान केंद्रीय बैंक की आय जहां 47.06 प्रतिशत बढ़ी, वहीं उसके खर्च में 14.05 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई। वित्त वर्ष के अंत तक रिजर्व बैंक के पास 87,416.22 करोड़ रुपये का अधिशेष था। एक साल पहले यह 30,307.45 करोड़ रुपये था। इस तरह रिजर्व बैंक का अधिशेष 188.43 प्रतिशत बढ़ा। केंद्रीय बैंक अधिशेष को लाभांश के रूप में केंद्र सरकार को स्थानांतरित करता है। रिजर्व बैंक ने कहा, ‘‘संपत्ति में बढ़ोतरी विदेशी निवेश, सोने और ऋण और अग्रिम में क्रमश: 2.31 प्रतिशत, 15.30 प्रतिशत और 38.33 प्रतिशत की वृद्धि की वजह से हुई। वहीं देनदारी की बात की जाए, तो इसमें वृद्धि नोट जारी करने, पुन:मूल्यांकन खाते और अन्य देनदारियों की वजह से क्रमश: 7.81 प्रतिशत, 20.50 प्रतिशत और 79.07 प्रतिशत रही।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि 31 मार्च, 2023 तक कुल संपत्तियों में घरेलू संपत्तियों का हिस्सा 27.69 प्रतिशत और विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों और सोने (स्वर्ण जमा और भारत में रखा गया सोना) 72.31 प्रतिशत रहा। एक साल पहले यह क्रमश: 28.22 प्रतिशत और 71.78 प्रतिशत था। आकस्मिक कोष के लिए 1.31 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया और इसे स्थानांतरित किया गया। वहीं संपत्ति विकास कोष (एडीएफ) के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया। केंद्रीय बैंक ने 2022-23 में नोट छापने पर 4,682.80 करोड़ रुपये खर्च किए। यह 2021-22 के आंकड़े 4,984.80 करोड़ रुपये से कुछ कम है। 31 मार्च, 2023 तक रिजर्व बैंक के पास 794.63 टन का स्वर्ण भंडार था। एक साल पहले यह 760.42 टन था।
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