RBI ने रद्द किया लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस, जमाकर्ता 5 लाख रुपये तक का कर सकते हैं दावा
आरबीआई के अनुसार बैंक अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ अपने वर्तमान जमाकर्ताओं को पूर्ण भुगतान करने में असमर्थ होगा और यदि बैंक को जारी रखने की अनुमति दी जाती है तो जनहित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पर्याप्त पूंजी की कमी का हवाला देते हुए महाराष्ट्र स्थित द लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया। साथ ही प्रत्येक जमाकर्ता 5 लाख रुपये तक की जमा राशि प्राप्त करने के हकदार होंगे। आरबीआई के अनुसार बैंक अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ अपने वर्तमान जमाकर्ताओं को पूर्ण भुगतान करने में असमर्थ होगा और यदि बैंक को जारी रखने की अनुमति दी जाती है तो जनहित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। आरबीआई ने एक बयान में कहा कि बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया गया क्योंकि ऋणदाता के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं और बैंक की निरंतरता उसके जमाकर्ताओं के हितों के प्रतिकूल है।
इसे भी पढ़ें: केंद्र को भ्रष्टाचार के संबंध में 46 हजार से अधिक जन शिकायतें मिलीं : रिपोर्ट
केंद्रीय बैंक ने कहा कि प्रत्येक जमाकर्ता डीआईसीजीसी अधिनियम 1961 के प्रावधानों के अधीन जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से 5 लाख रुपये की मौद्रिक सीमा तक जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने का हकदार होगा। सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, महाराष्ट्र को भी परिचालन बंद करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने के लिए कहा गया है। बैंक का लाइसेंस रद्द करने की घोषमा करते हुए केंद्रीय बैंक ने कहा था कि बैंक की ओर से दिए गए ब्योरे के अनुसार 95 फीसदी जमाकर्ताओं को जमा बीमा एवं ऋण गारंटी के जरिये पूरी जमा राशि मिलेगी।
इसे भी पढ़ें: रिजर्व बैंक ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया पर लगी पीसीए की बंदिशें हटाईं
लक्ष्मी को- ऑपरेटिव बैंक महाराष्ट्र का एकलौता ऐसा बैंक नहीं है जिसका लाइसेंस रद्द किया गया हो। इससे पहले पिछले ही साल रिजर्व बैंक ने महाराष्ट्र में कनराला नागरी कोऑपरेटिव बैंक, पनवेल का लाइसेंस रद्द कर दिया था।
अन्य न्यूज़