MSME के लिये ऋण गारंटी योजना प्रभावी ढंग से लागू करें निजी क्षेत्र के बैंक: सीतारमण
कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ से एमएसएमई क्षेत्र पर प्रतिकूल असर पड़ा है। ईसीएलजीएस पर वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये हुई बैठक में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के सीईओ भी शामिल हुए।
वित्त मंत्रालय ने ट्विटर पर लिखा है कि ईसीएलजीएस के प्रभावी क्रियान्वयन और कठिन समय में घरेलू एमसएमई क्षेत्र को सुचारू नकदी उपलब्ध कराने के लिये वित्त मंत्री की अध्यक्षता में प्रमुख निजी बैंकों और एनबीएफसी कीबैठक हुई। बैठक में वित्तीय सेवा सचिव देबाशीष पांडा भी मौजूद थे। वित्तीय सेवा विभाग ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘एमएसएमई के लिये ईसीएलजीएस के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय सेवा विभाग के सचिव और सिडबी के साथ निजी क्षेत्र के 20 बैंकों और एनबीएफसी के प्रमुखों के साथ बैठक की...।’’FM Smt. @nsitharaman chairing a meeting through VC with Major Pvt Banks & NBFC to ensure effective roll out of ECLGS and uninterrupted/smooth liquidity to Indian MSMEs in this difficult time. Secretary DFS @DebasishPanda87 is also present in the meeting.#IndiaFightsCorona pic.twitter.com/S90sABIdGb
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) June 15, 2020
इसे भी पढ़ें: Unlock 1 के 14वें दिन मौतों के मामले में सर्वाधिक प्रभावित देशों की सूची में भारत 9वें स्थान पर
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने आपात कर्ज सुविधा गारंटी योजना के तहत 11 जून तक29,490.80 करोड़ रुपये कर्ज को मंजूरी दी। इसमें से 14,690.84 करोड़ रुपये आबंटित किये जा चुके हैं। पिछले महीने घोषित 21 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज में एमएसएमई एवं छोटे उद्योगों के लिये 3 लाख करोड़ रुपये का बिना गारंटी की आपात ऋण सुविधा की घोषणा की गयी। मंत्रिमंडल ने 21 मई को ईसीएलजीएस के तहत एमएसएमई क्षेत्र को 9.25 प्रतिशत रियायती दर 3 लाख करोड़ रुपये की कर्ज सुविधा को मंजूरी दी थी।
अन्य न्यूज़