असम के तेल कुएं की आग से ऑयल इंडिया को हुआ काफी नुकसान
ऑयल इंडिया को असम दुर्घटना से प्रतिदिन 638 टन कच्चा तेल और 4.60 लाख घन मीटर गैस का नुकसान हो रहा है।कंपनी ने ट्विटर पर एक बयान में कहा कि आग लगने के बाद स्थानीय लोगों ने तेल प्रतिष्ठानों पर विरोध प्रदर्शन किया।इसके कारणअसम में कुछ क्षेत्रों में 66 तेल कुओं और 13 गैस कुओं को बंद करना पड़ गया।
नयी दिल्ली। ऑयल इंडिया लिमिटेड ने शनिवार को कहा कि उसे असम क्षेत्र में एक कुएं में विस्फोट और बड़े पैमाने पर आग लगने से प्रति दिन 638 टन कच्चे तेल और 4.60 लाख घनमीटर मीटर गैस के उत्पादन का नुकसान उठाना पड़ा है। असम के तिनसुकिया जिले में कंपनी के संचालित बाघजन क्षेत्र में एक कुएं से 27 मई 2020 को प्राकृतिक गैस का अनियंत्रित रूप से रिसाव होने लगा। इसके कारण विस्फोट हो गया। कुएं में आठ जून को आग लग गयी। इसमें अग्निशमन दल के दो कर्मियों की मौत हो गयी और एक घायल हो गया। कंपनी ने ट्विटर पर एक बयान में कहा कि आग लगने के बाद स्थानीय लोगों ने तेल प्रतिष्ठानों पर विरोध प्रदर्शन किया। इसके कारण असम में कुछ क्षेत्रों में 66 तेल कुओं और 13 गैस कुओं को बंद करना पड़ गया। उसने कहा, इसके कारण दैनिक उत्पादन में 638 टन कच्चे तेल और 4.60 लाख मानक घनमीटर प्राकृतिक गैस का नुकसान हुआ।’’
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ऑयल इंडिया ने कहा कि ड्रिलिंग और वर्कओवर परिचालन को चार स्थानों पर रोका या बाधित किया गया। कुछ क्षेत्रों में कच्चे तेल का परिवहन भी बाधित हुआ। पेट्रोलियम मंत्रालय ने इस घटना की जांच के लिये तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। मंत्रालय के 11 जून के एक आदेश के अनुसार हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (डीजीएच) के महानिदेशक एस सी एल दास समिति की अगुवाई करेंगे। आदेश में कहा गया है, यह निर्धारित प्रोटोकॉल और प्रक्रियाओं में खामियों की पहचान करेगा, जिसके कारण यह घटना हुई। समिति इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिये अल्पकालिक और दीर्घकालिक उपायों की सिफारिश भी करेगी।’’ इस समिति में ओएनजीसी के पूर्व अध्यक्ष बी सी बोरा और ओएनजीसी के पूर्व निदेशक टी के सेनगुप्ता भी शामिल हैं। यह समिति एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।
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