Nabard ने मध्यप्रदेश के 71 लाख से अधिक किसानों को फसल लोन दिए
नाबार्ड के ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि मध्यप्रदेश के छह दिवसीय दौरे पर आए नाबार्ड के अध्यक्ष डॉ जी आर चिंताला ने बृहस्पतिवार को यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की और उन्हें बैंक की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।
भोपाल। राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने पिछले कुछ सालों में मध्यप्रदेश के 71 लाख से अधिक किसानों को 55,759 करोड़ रुपये का फसल ऋण वितरित किया है। इसके साथ ही पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन, खाद्य प्रसंस्करण और अन्य संबद्ध क्षेत्रों के लिए भी प्रदेश में 24,526 करोड़ रुपये का ऋण लोगों दिए गए हैं। नाबार्ड के ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि मध्यप्रदेश के छह दिवसीय दौरे पर आए नाबार्ड के अध्यक्ष डॉ जी आर चिंताला ने बृहस्पतिवार को यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की और उन्हें बैंक की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। नाबार्ड के अध्यक्ष ने बताया कि बैंक ने मध्यप्रदेश में पिछल कुछ सालों में 71 लाख से अधिक किसानों को फसल ऋण के लिए 55,759 करोड़ रुपये का ऋण वितरण किया है। इसके अलावा बैंक ने पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन, गोदाम, भंडारण, खाद्य प्रसंस्करण ओर अन्य संबद्ध कार्यो के लिए 24,526 करोड़ रुपये की दार्घकालिक पुनर्वित सहायता प्रदान की है। डॉ चिंताला ने कहा कि किसी भी राज्य के सर्वांगीण विकास में सड़क और बिजली महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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नाबार्ड ने प्रदेश में 17,349 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों, 46,352 मीटर पुल तथा 158.84 मेगावाट के बिजली संयंत्र आदि के निर्माण में अपना वित्त पोषण और सहयोग किया है। उन्होंने कहा कि नाबार्ड ने सिंचाई के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए राज्य सरकार का सहयोग किया है। इसके परिणामस्वरूप 34,09,151 हेक्टेयर की सिंचाई क्षमता का सृजन हुआ है, जिससे लगभग 15141 गांवों को लाभ हुआ है। अध्यक्ष ने कहा कि नाबार्ड ने राज्य में लगभग 30 लाख मीट्रिक टन वेयरहाउसिंग क्षमता का निर्माण किया गया है। इसके अलावा सरकार द्वारा प्रायोजित योजना के माध्यम से 74.68 लाख मीट्रिक टन क्षमता का निर्माण किया गया है, जिसकी सब्सिडी नाबार्ड के माध्यम से दी जाती है। खाद्य प्रसंस्करण बुनियादी ढांचे का उल्लेख करते हुए डॉ चिंताला ने कहा किनाबार्ड ने राज्य में अवंती मेगा फूड पार्क और निमाड़ एग्रोप्रोसेसिंग क्लस्टर को वित्त पोषित किया है। इससे न सिर्फ किसानों को उनके प्राथमिक कृषि उत्पादों के बेहतर मूल्य प्राप्त हो रहे हैं वरन साथ साथ दस हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष- अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित किया गया है।
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