2018 में फ्लैटों की बिक्री में अनियमितता से म्हाडा का इनकार
दिसंबर में विजेताओं की घोषणा हुई थी। सामाजिक कार्यकर्ता कमलाकर शेनॉय ने एक जनहित याचिका दायर कर दावा किया कि फ्लैटों की बिक्री गैरकानूनी थी, क्योंकि ये फ्लैट राज्य सरकार की विकास नियंत्रण नियमावली के तहत आते हैं।
मुंबई। मुंबई में हाल में 1,384 फ्लैटों की बिक्री में अनियमितता के आरोपों से इनकार करते हुए महाराष्ट्र आवास एवं विकास प्राधिकरण (म्हाडा) ने बंबई उच्च न्यायालय में कहा कि उसने कोई धांधली नहीं की और अपने अधिकार का यथाशक्ति इस्तेमाल करते हुए फ्लैटों की बिक्री की। एक सामाजिक कार्यकर्ता ने इन फ्लैटों की बिक्री में अनियमितता के आरोप लगाये हैं।
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राज्य सरकार ने नवंबर में विज्ञापन प्रकाशित कर कम्प्यूटरीकृत लॉटरी के जरिये शहर में 1,384 फ्लैटों की बिक्री की घोषणा की थी। दिसंबर में विजेताओं की घोषणा हुई थी। सामाजिक कार्यकर्ता कमलाकर शेनॉय ने एक जनहित याचिका दायर कर दावा किया कि फ्लैटों की बिक्री गैरकानूनी थी, क्योंकि ये फ्लैट राज्य सरकार की विकास नियंत्रण नियमावली के तहत आते हैं।
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उन्होंने कहा कि ये फ्लैट सिर्फ उन्हीं लोगों को दिये जाने थे जिनके घर राज्य की कई विकास एवं पुनर्निर्माण परियोजनाओं के कारण प्रभावित हुए थे। जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश नरेश पाटिल एवं न्यायमूर्ति एन एम जामदार की पीठ सुनवाई कर रही है।
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