मैरिको फाउंडेशन सस्ते वेंटीलेटर के विकास के तीन नवाचारों की करेगा मदद
मैरिको इनोवेशन फाउंडेशन (एमआईएफए) ने शनिवार को कहा कि उसने कोविड-19 महामारी से उपजे संकट के बीच किफायती वेंटीलेटर के विकास के तीन नवाचारों कावित्त पोषण करेगा।
नयी दिल्ली। मैरिको इनोवेशन फाउंडेशन (एमआईएफए) ने शनिवार को कहा कि उसने कोविड-19 महामारी से उपजे संकट के बीच किफायती वेंटीलेटर के विकास के तीन नवाचारों कावित्त पोषण करेगा। एमआईएफ नई खोज करने वालों को व्यापार के अवसरों, व्यवसाय के संचालन और अन्य मार्गदर्शन संबंधी मदद करेगा, ताकि वे भारत में कहीं भी पहुंच सकें। फाउंडेशन ने एक बयान में कहा कि उसने नवाचार के जरिए कोविड-19 को हराने की चुनौती के तहत वेंटिलेटर तथा अन्य श्वसन समाधान के तहत तीन नवाचारों का चयन किया है और उन्हें 85 लाख रुपये अनुदान के तौर पर देने की पेशकश की है। वेंटिलेटर और अन्य श्वसन समाधान श्रेणी के तहत विजेता श्रीयाश इलेक्ट्रो मेडिकल्स, केपीआईटी टेक्नोलॉजीज और नोका रोबोटिक्स हैं।
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एमआईएफ पहले ही व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण खंड में तीन विजेताओं के नामों की घोषणा कर चुका है, जिन्हें अनुदान के रूप में 1.60 करोड़ रुपये दिए गए हैं। एमआईएफ, एटीई चंद्रा फाउंडेशन और मैरिको के अध्यक्ष हर्ष मारिवाला ने मार्च में अपनी व्यक्तिगत क्षमता के जरिए कोविड-19 संकट के दौरान स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों के समाधान के लिए एक राष्ट्रव्यापी खोज अभियान शुरू किया किया था।
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उन्होंने किफायती वेंटिलेटर और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की आपूर्ति के लिए अभिनव समाधान की खोज करने के लिए 2.5 करोड़ रुपये के अनुदान की पेशकश की थी। बयान के मुताबिक इस चुनौती पर 20 दिनों में देश भर से 1,500 से अधिक लोगों ने रुचि दिखाई। मैरिको के चेयरमैन और एमआईएफ के संस्थापक हर्ष मारिवाला ने पीटीआई-को बताया कि ये उपकरण समान फीचर्स के साथ बाजार में उपलब्ध मौजूदा विकल्पों की तुलना में लगभग 20 से 30 फीसदी तक सस्ते हैं।
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