भारत बंद पर जेटली ने कहा, ट्रेड यूनियनों के विरोध-प्रदर्शन के पीछे कोई ठोस आधार नहीं
श्रमिकों के कल्याण के लिए राजग सरकार के कदमों का उल्लेख करते हुए जेटली ने कहा कि पूर्व की किसी भी सरकार ने श्रमिकों के जीवनस्तर को बेहतर बनाने के लिए इतने कम समय में कर्मचारियों के हित में फैसले नहीं किये हैं।
नयी दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को वाम दलों से संबद्ध ट्रेड यूनियनों पर बिना बात के मुद्दों को खड़ा कर विरोध प्रदर्शन और बंद का आह्वान करने को लेकर आलोचना की और कहा कि केन्द्र की राजग सरकार ने श्रमिकों के कल्याण के लिए कई कदम उठाये हैं। केंद्र की कथित श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के भारत बंद के दूसरे और अंतिम दिन उन्होंने यह बात कही।
The NDA Govt. has been in power for a little less than five years. A GoM had been constituted to continuously maintain a dialogue with the trade unions. Some unions have been more forthcoming in the dialogue & they succeeded in persuading the Govt. for measures in their favour.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) January 9, 2019
जेटली ने ‘वर्तमान सरकार और श्रमिक’ शीर्षक से जारी फेसबुक पोस्ट में कहा है, “अगर वाम समर्थित ट्रेड यूनियन बिना किसी मुद्दे के प्रदर्शन कर ट्रेड यूनियन आंदोलन को राजनीतिक रंग देने की कोशिश करना जारी रखेंगे तो ऐसे में देश का श्रम बल गंभीरता से इस बात का विश्लेषण करेगा कि वर्तमान सरकार ने उनके लिए क्या किया है और पूर्व की सरकारों के अपेक्षाकृत कमजोर रिकॉर्ड से इसकी तुलना करेगा।”
यह भी पढ़ें: गरीब सवर्णों को आरक्षण पर संसद की मुहर, पक्ष में पड़े 165 वोट, विरोध में सिर्फ 7 मत
श्रमिकों के कल्याण के लिए राजग सरकार के कदमों का उल्लेख करते हुए जेटली ने कहा कि पूर्व की किसी भी सरकार ने श्रमिकों के जीवनस्तर को बेहतर बनाने के लिए इतने कम समय में कर्मचारियों के हित में फैसले नहीं किये हैं। जेटली ने कहा, “कागजी कामकाज को कम करने के लिए कई कानूनों में प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है लेकिन सरकार ऐसे फैसलों से बचती रही है जो कर्मचारियों के हितों के खिलाफ हो।”
अन्य न्यूज़