जेटली को उम्मीद, RBI की सुधारात्मक कार्रवाई के दायरे से बाहर आएंगे और बैंक
अभी छह बैंक... यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया, आईडीबीआई बैंक, यूको बैंक, सेंट्रल बैंक आफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक तथा देना बैंक...पीसीए के दायरे में बने हुए हैं।
नयी दिल्ली। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बृहस्पतिवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को सरकारी वित्त पोषण का आश्वासन दिया और उम्मीद जतायी कि आरबीआई के तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई रूपरेखा के दायरे में आने वाले छह बैंक भी जल्दी ही इससे बाहर आएंगे। जेटली ने बैंकों से यह भी कहा कि वह अपने वाणिज्यिक और पेशेवर काम स्वतंत्र होकर करें।उन्होंने कहा कि ऋण शोधन एवं दिवाला संहिता (आईबीसी) सफल रही है और प्रक्रियाओं का अनुपालन करते हुये सरकार ने उसमें कोई दखल नहीं दिया।
Arun Jaitley: Future generations will remember the clean #Ganga movement as a red letter event. pic.twitter.com/XyQRrJ4MnQ
— All India Radio News (@airnewsalerts) February 27, 2019
जेटली ने कहा, ‘‘सरकार ने पूंजी के संदर्भ में जो बातें कही थी, उस पर कायम हैं। मुझे खुशी है कि कई बैंक पीसीए नियमों से बाहर आये हैं और मुझे भरोसा है कि जो इसके दायरे में हैं, वे भी सरकार की मदद की प्रतिबद्धता के साथ अपने कामकाज में सुधार लाने की कोशिश करेंगे ताकि आने वाले साल में मजबूत बैंक प्रणाली देख सके।’’ सार्वजनिक क्षेत्र के 21 बैंकों में से 11 को तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) के दायरे में रखा गया था।इनमें से पांच बैंकों इलाहाबाद बैंक, कारपोरेशन बैंक, बैंक आफ इंडिया, बैंक आफ महाराष्ट्र तथा ओरिएंटल बैंक आफ कामर्स को इस महीने पीसीए रूपरेखा से बाहर लाया गया।
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अभी छह बैंक... यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया, आईडीबीआई बैंक, यूको बैंक, सेंट्रल बैंक आफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक तथा देना बैंक...पीसीए के दायरे में बने हुए हैं। भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि बैंक नियम बदल गये हैं और अब निर्णय गुण-दोष और पेशेवर रूख के आधार पर किया जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस तथ्य से वाकिफ हूं कि आप (सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक) एक प्रतिस्पर्धी माहौल में काम कर रहे हैं और आप पर अब भी पाबंदी है। आपकी सार्वजनिक और सामाजिक जिम्मेदारी निजी क्षेत्र के प्रतिस्पर्धी बैंक के मुकाबले कहीं अधिक है।’’
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