पूर्वोत्तर, जम्मू कश्मीर, लद्दाख में शहरी गैस नेटवर्क पर 41,000 करोड़ रुपये का निवेश : Hardeep Singh Puri

Hardeep Singh Puri
प्रतिरूप फोटो
ANI

इस निवेश से पूर्वोत्तर के छह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों-लद्दाख एवं जम्मू कश्मीर में वाहनों को सीएनजी बिक्री और घरों तक पाइप से रसोई गैस पहुंचाई जाएगी।

नयी दिल्ली। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा कि छह पूर्वोत्तर राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों में शहरी गैस नेटवर्क स्थापित करने के लिए अगले कुछ वर्षों में 41,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इस निवेश से पूर्वोत्तर के छह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों-लद्दाख एवं जम्मू कश्मीर में वाहनों को सीएनजी बिक्री और घरों तक पाइप से रसोई गैस पहुंचाई जाएगी। उन्होंने शहरी गैस वितरण (सीजीडी) के लिए 12वें दौर की बोली के विजेताओं को लाइसेंस देने के लिए आयोजित एक समारोह में कहा कि अब द्वीपीय क्षेत्रों को छोड़कर समूचे देश में शहरी गैस नेटवर्क स्थापित हो जाएगा। 

इस दौर में पूर्वोत्तर के छह राज्यों- अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, नगालैंड, सिक्किम एवं मिजोरम और दो केंद्रशासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख के 103 जिलों को कवर करने वाले आठ भौगोलिक क्षेत्रों के लिए लाइसेंस दिए गए हैं। इस मौके पर पुरी ने कहा, 12वें दौर की बोली के लिए अनुमानित निवेश 41,000 करोड़ रुपये है, जिससे रोजगार के काफी अवसर पैदा होंगे। भारत पेट्रोलियम और ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) के गठजोड़ ने अरुणाचल प्रदेश के लिए लाइसेंस हासिल किया है जबकि हरियाणा सिटी गैस को मेघालय के लिए लाइसेंस मिला है। 

गेल (इंडिया) लिमिटेड की त्रिपुरा नेचुरल गैस को मणिपुर और मिजोरम के लिए लाइसेंस मिला है। वहीं हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) को ओआईएल के सहयोग से सिक्किम के लिए लाइसेंस मिला है। बीपीसीएल ने जम्मू-कश्मीर और लेह/लद्दाख के लिए लाइसेंस जीता है। पुरी ने कहा कि सरकार भारत को गैस-आधारित अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए परिवहन और रसोई गैस के साथ उद्योगों में भी ईंधन के रूप में प्राकृतिक गैस के उपयोग को बढ़ावा दे रही है। 

उन्होंने कहा कि प्राकृतिक गैस को बढ़ावा देना वर्ष 2030 तक भारत के ऊर्जा क्षेत्र में इसकी हिस्सेदारी को छह प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने के प्रधानमंत्री के संकल्प का हिस्सा है। इससे वर्ष 2030 तक गैस की खपत लगभग 18.5 करोड़ मानक घनमीटर प्रतिदिन से बढ़कर 50 करोड़ मानक घनमीटर प्रतिदिन हो जाएगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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