भारत-अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को मिल सकती है सफलता, जल्द होगा ऐलान
वहीं भारत निष्पक्ष और जवाबदेह व्यापार समझौते को लेकर गंभीर है। इसके तहत वह सुरक्षित बाजार पहुंच के साथ अमेरिका द्वारा उठाये गये व्यापार घाटे के मामले का समाधान करना चाहता है। सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि मुझे लगता है कि व्यापार वार्ता जल्दी ही निष्कर्ष पर पहुंचेगी।
न्यूयार्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता अच्छी तरह चल रही है और यह अनुमान से पहले सम्पन्न होगी। उल्लेखनीय है कि पिछले महीने न्यूयार्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बैठक के दौरान दोनों देश उम्मीद के अनुरूप व्यापार समझौते की घोषणा नहीं कर पाये।इसका कारण कुछ मुद्दों को लेकर मतभेद का होना है। अमेरिका चाहता है कि स्टेंट जैसे चिकित्सा उपकरणों, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) उत्पादों तथा डेयरी उत्पादों की भारतीय बाजार तक पहुंच आसान हो।
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वहीं भारत निष्पक्ष और जवाबदेह व्यापार समझौते को लेकर गंभीर है। इसके तहत वह सुरक्षित बाजार पहुंच के साथ अमेरिका द्वारा उठाये गये व्यापार घाटे के मामले का समाधान करना चाहता है। सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि मुझे लगता है कि व्यापार वार्ता जल्दी ही निष्कर्ष पर पहुंचेगी। बातचीत अच्छे से जारी है। यह सही है कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की यात्रा से पहले से अंतिम रूप नहीं दे सके। लेकिन दोनों पक्ष प्रतिबद्धता के साथ इसे निष्कर्ष पर पहुंचाने में लगे हैं।
सीतारमण ने कोलंबिया विश्वविद्यालय में ‘भारतीय अर्थव्यवस्थाफ: चुनौतियां और संभावनाएं’ विषय पर अपने व्याख्यान में यह बात कही। इस कार्यक्रम का आयोजन दीपक और नीरज राज सेंटर ऑ इंडियन एकोनॉमी ने किया था। सवाल-जवाब के सत्र में वित्त मंत्री से भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता के बारे में पूछा गया था। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि राबर्ट लाइथाइजर व्यापार मतभेदों को दूर करने के प्रयास में लगे हैं।
अभिजीत बनर्जी के इस बयान पर कि भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति खराब है और इसमें तीव्र गिरावट आ रही है, सीतारमण ने कहा कि सरकार ने खपत बढ़ाने पर ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के जरिये नकदी बढ़ाने और बैंकों के माध्यम से उसे जमीनी स्तर पर पहुंचाने के लिये कदम उठाये गये हैं। राज सेंटर के निदेशक और नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि हाल में कर में कटौती से भी मांग बढ़ाने में मदद मिलेगी।
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