वैश्विक सुस्ती के बावजूद भारत के दवा, चिकित्सा प्रौद्योगिकी निर्यात में तेजी की उम्मीद: अधिकारी
फार्मा विभाग के सचिव अरुणीश चावला ने यहां सीआईआई फार्मा और जीवन विज्ञान शिखर सम्मेलन के दौरान संवाददाताओं को बताया कि भारत में दवा विकास के लिए सरकार का समर्थन बढ़ाए जाने के साथ कैंसर, मधुमेह, एचआईवी और तपेदिक सहित कई चिकित्सीय क्षेत्रों के लिए 16 ‘ब्लॉकबस्टर मोलेक्यूल’ के भारत में उत्पादन की योजना बनाई जा रही है।
नयी दिल्ली । वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बावजूद चालू वित्त वर्ष में भारत के दवा और चिकित्सा प्रौद्योगिकी निर्यात में तेजी जारी रहने की उम्मीद है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह बात कही। फार्मा विभाग के सचिव अरुणीश चावला ने यहां सीआईआई फार्मा और जीवन विज्ञान शिखर सम्मेलन के दौरान संवाददाताओं को बताया कि भारत में दवा विकास के लिए सरकार का समर्थन बढ़ाए जाने के साथ कैंसर, मधुमेह, एचआईवी और तपेदिक सहित कई चिकित्सीय क्षेत्रों के लिए 16 ‘ब्लॉकबस्टर मोलेक्यूल’ के भारत में उत्पादन की योजना बनाई जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम हाल के आंकड़ों में निर्यात के रुझानों का विश्लेषण कर रहे हैं। भले ही वैश्विक स्तर पर निर्यात में सामान्य मंदी है, लेकिन अच्छी खबर यह है कि पिछले साल की तुलना में भारतीय दवा, जैव-प्रौद्योगिकी और थोक दवा निर्यात में दोहरे अंकों में वृद्धि हुई है।’’ चावला ने वैश्विक मंदी के बीच दवा उद्योग की निर्यात संभावनाओं को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह बात कही। उन्होंने आगे कहा कि इस साल के पहले चार महीनों में इन उत्पादों का निर्यात अब भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए चौथा सबसे बड़ा वस्तुओं का निर्यात बन गया है। उन्होंने कहा कि यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि और एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। चावला ने कहा कि दवा और चिकित्सा प्रौद्योगिकी उद्योग के आगे भी मजबूत प्रदर्शन की उम्मीद है।
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