परीक्षण के बाद होना चाहिये था जीएसटी क्रियान्वयन: अभिषेक मनु सिंघवी
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘‘जीएसटी के छह महीने के परीक्षण जैसा कोई तरीका होना चाहिये था। छह महीने के परीक्षण से खामियों-अच्छाइयों की विस्तार से जानकारी मिलती और यह पता चलता कि इसे नये सिरे से लागू करना है या लागू ही नहीं करना है। मुझे यह कहने में कोई संकोच या संदेह नहीं है कि जीएसटी का कारण सिर्फ अहंकार रहा।’’
नयी दिल्ली। कांग्रेस पार्टी के नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने शुक्रवार को कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का क्रियान्वयन महज अहंकार में किया गया था। उन्होंने कहा कि इसे हड़बड़ी में सिर्फ इसलिये लागू किया गया क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आधी रात को संसद में भाषण देना चाहते थे। सिंघवी अरुण कुमार की किताब ‘ग्राउंड स्कॉर्चिंग’ के विमोचन के मौके पर बोल रहे थे। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘‘जीएसटी के छह महीने के परीक्षण जैसा कोई तरीका होना चाहिये था। छह महीने के परीक्षण से खामियों-अच्छाइयों की विस्तार से जानकारी मिलती और यह पता चलता कि इसे नये सिरे से लागू करना है या लागू ही नहीं करना है। मुझे यह कहने में कोई संकोच या संदेह नहीं है कि जीएसटी का कारण सिर्फ अहंकार रहा।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री को आधी रात में संसद में भाषण देने का शौक पूरा करना था। हम सभी को रात में जागना पड़ा लेकिन 1947 की तरह खुशी और गौरव के लिये नहीं बल्कि परेशानी के लिये।’’ सिंघवी ने जीएसटी क्रियान्वयन के बाद केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि यह एक विचित्र विवाह था जिसमें वधू उदास थी और वर दयनीय, बारात परेशान थी, बस पुरोहित बेहद खुश था। सिन्हा ने तब जीएसटी क्रियान्वयन को शानदार भारतीय विवाह करार दिया था।
Speaking at book release of Arun Kumar’s book “Ground Scorching Tax” at Press Club on 15/3/19 pic.twitter.com/uVhvOWdRoo
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) 15 March 2019
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