Graduate किए हुए युवाओं के लिए शानदार मौका, बैंक नियुक्ति के बाद देंगे 5000 रुपये का स्टाइपंड

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ये जानकारी भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील मेहता ने शुक्रवार को दी है। उन्होंने बताया कि ट्रेनिंग करने वाले युवाओं को ट्रेनिंग के दौरान बैंकिंग क्षेत्र से संबंधित विशेष कौशल का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह पहल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा हाल ही में बजट में की गई घोषणा के बाद की गई है।

बैंक अब जल्द ही युवाओं को नौकरी पर रखने की तैयारी में है। बैंकों का मुख्य फोकस अब 25 वर्ष से कम उम्र के युवाओं को नौकरी पर रखने का होगा। ये ऐसे युवा होंगे जिन्होंने हाल ही में अपनी ग्रैजुएशन की डिग्री को पूरा किया है। इन ट्रेनी युवाओं को मासिक स्टाइपंड (वजीफा) भी दिया जाएगा।

ये जानकारी भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील मेहता ने शुक्रवार को दी है। उन्होंने बताया कि ट्रेनिंग करने वाले युवाओं को ट्रेनिंग के दौरान बैंकिंग क्षेत्र से संबंधित विशेष कौशल का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह पहल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा हाल ही में बजट में की गई घोषणा के बाद की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि अगले पांच वर्षों में 10 मिलियन युवाओं को शीर्ष 500 कंपनियों में इंटर्नशिप प्रदान की जाए। इस कार्यक्रम के संबंध में बैंक की भागीदारी को लेकर भी विस्तार से चर्चा की गई है। आमतौर पर बैंकों में विपणन और वसूली जैसी विभिन्न भूमिकाओं के लिए अत्यधिक विशिष्ट कौशल की आवश्यकता नहीं होती है। 

उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण से इन युवाओं को कौशल विकसित करने में मदद मिलेगी, जिससे वे स्वयं रोजगार के अवसर सृजित कर सकेंगे। इन अप्रेंटिसशिप में रुचि रखने वाले उम्मीदवारों की उम्र 21 से 25 वर्ष के बीच होनी चाहिए और वे करदाता नहीं होने चाहिए। इसके अलावा, उनके पास IIT या IIM जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से डिग्री नहीं होनी चाहिए। मेहता ने यह भी बताया कि प्रशिक्षुओं को बैंकिंग सेवाओं को वंचित क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट सहित विभिन्न पदों पर नियुक्त किया जा सकता है। 

मेहता ने आश्वासन दिया कि प्रशिक्षु अपने कार्यकाल के बाद गायब नहीं होंगे, तथा उन्होंने सुझाव दिया कि कुछ को स्थायी कर्मचारी के रूप में बनाये रखने की संभावना है। आईबीए ने योजना के कार्यान्वयन पर चर्चा करने के लिए गुरुवार को कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के सचिव के साथ बैठक की और मेहता ने संकेत दिया कि कार्यक्रम एक महीने के भीतर शुरू किया जा सकता है। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि बैंक कितने प्रशिक्षुओं को नियुक्त करेंगे, लेकिन उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि सभी बैंक इस पहल में भाग लेंगे तथा इसके क्रियान्वयन में सरकार का सहयोग भी अपेक्षित है।

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