महंगे आलू से आम आदमी को मिलेगी राहत, मोदी सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला
सरकार ने लाइसेंस के बगैर भूटान से आलू के आयात की अनुमति दे ही है।इसका अर्थ है कि किसी भी आयातक को आलू का आयात करने के लिए डीजीएफटी से लाइसेंस की आवश्यकता होती है।लेकिन, सरकार ने शुक्रवार को आयात मानदंडों में आंशिक ढील दी है।
नयी दिल्ली। सरकार ने शुक्रवार को भूटान से लाइसेंस के बिना आलू के आयात की अनुमति दी है। इसका उद्देश्य घरेलू आपूर्ति को बढ़ाना और इसकी कीमतों को नियंत्रित करना है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा कि लाइसेंस के बिना आयात केवल 31 जनवरी, 2021 तक करने की अनुमति है। वैसे आलू का आयात प्रतिबंधित श्रेणी में आता है। इसका अर्थ है कि किसी भी आयातक को आलू का आयात करने के लिए डीजीएफटी से लाइसेंस की आवश्यकता होती है।लेकिन, सरकार ने शुक्रवार को आयात मानदंडों में आंशिक ढील दी है।
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इसमें कहा गया है, ‘‘लाइसेंस के बिना आलू का ... भूटान से आयात 31 जनवरी, 2021 तक करने की अनुमति है।’’ एक सार्वजनिक सूचना में, निदेशालय ने टीआरक्यू (टैरिफ दर कोटा) योजना के तहत आलू के आयात की प्रक्रिया निर्धारित की है। उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस प्रमुख वस्तु की स्थानीय आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों को काबू में लाने के लिए भूटान से 30,000 टन आलू का आयात किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हम स्थानीय बाजारों में आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों को काबू में लाने के लिये लगभग 10 लाख टन आलू आयात करने जा रहे हैं।
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