दूरसंचार कंपनियां ग्राहकों के सत्यापन के लिये E-KYC का उपयोग बंद करें
सरकार ने दूरसंचार कंपनियों को मौजूदा मोबाइल फोन ग्राहकों तथा नये कनेक्शन देने के लिये आधार ई-केवाईसी सत्यापन बंद करने को कहा है। उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन को लेकर सरकार ने शुक्रवार को यह निर्देश जारी किया।
नयी दिल्ली। सरकार ने दूरसंचार कंपनियों को मौजूदा मोबाइल फोन ग्राहकों तथा नये कनेक्शन देने के लिये आधार ई-केवाईसी सत्यापन बंद करने को कहा है। उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन को लेकर सरकार ने शुक्रवार को यह निर्देश जारी किया। शीर्ष अदालत ने कानूनी प्रावधान के अभाव में पिछले महीने महत्वपूर्ण फैसले में निजी इकाइयों द्वारा आधार का उपयोग बंद करने को कहा था। न्यायालय के आदेश के अनुपालन को दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार कंपनियों के लिये विस्तृत दिशानिर्देश जारी किया है।
इसमें कंपनियों से विशिष्ट पहचान संख्या (आधार) के जरिये इलेक्ट्रानिक रूप से अपने ग्राहक को जानो (ई-केवाईसी) का इस्तेमाल करने पर रोक लगाने को कहा गया है। साथ ही अनुपालन रिपोर्ट पांच नवंबर तक देने को कहा है। दूरसंचार विभाग ने तीन पन्नों के परिपत्र में कहा कि मौजूदा ग्राहकों के सत्यापन के साथ-साथ नया सिम कनेक्शन देने के लिये आधार ई-केवाईसी का उपयोग नहीं किया जा सकता। हालांकि, विभाग ने कहा है कि अगर ग्राहक नये कनेक्शन के लिये स्वेच्छा से आधार देता तो इसे दस्तावेज के रूप में उपयोग किया जा सकता है। यानी इसका उपयोग आफलाइन किया जा सकता है।
दूरसंचार विभाग ने परिपत्र में कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन के लिये सभी लाइसेंस प्राप्त दूरसंचार कंपनियां सत्यापन के साथ-साथ नया मोबाइल कनेक्शन जारी करने को लेकर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) की आधार ई-केवाईसी सेवा का उपयोग बंद करेंगी।’’इसमें कहा गया है कि सभी दूरंसचार सेवा प्रदाता समयबद्ध तरीके से इसका अनुपालन सुनिश्चित करेंगी। इस बारे में अनुपालन रिपोर्ट पांच नवंबर 2018 तक देने की जरूरत है।
दूरसंचार विभाग के अनुसार उद्योग ने मोबाइल ग्राहकों के लिये वैकल्पिक डिजिटल प्रक्रिया का सुझाव दिया है। इसमें ‘ग्राहक एक्वीजिशन फार्म’ के साथ ग्राहक की ‘लाइव’ तस्वीर तथा पहचान एवं पते के लिये स्कैन कापी का उपयोग होगा। इससे नये मोबाइल ग्राहकों के लिये प्रक्रिया डिजिटल तथा कागजरहित रहेगी। विभाग ने सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं से अपनी प्रणाली को इसके लिये तैयार करने तथा प्रस्तावित डिजिटल प्रक्रिया की मंजूरी के लिये पांच नवंबर तक प्रस्ताव देने को कहा है।
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