इन बैंको पर अभी भी लगी हुई है PCA नियमों की पाबंदी, कमजोर बैंकों में डाले जा सकते है 14,500 करोड़

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इस सप्ताह भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के नियंत्रण वाले आईडीबीआई बैंक को वित्तीय प्रदर्शन में सुधार के आधार पर करीब चार साल बाद आरबीआई की पीसीए की पाबंदी से मुक्त किया गया।

नयी दिल्ली। वित्त मंत्रालय मुख्य रूप से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) नियमों के अंतर्गत रखे गए कमजोर बैंकों में अगले कुछ दिनों में 14,500 करोड़ रुपये डाल सकता है। इस समय इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और यूको बैंक पर पीसीए नियमों की पाबंदी लागू है। इन पर कर्ज देने , प्रबंधकों का वेतन - भत्ता और निदेशकों की फीस बढ़ाने पर रोक है। सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय ने पूंजी देने को बैंकों की पहचान कर ली है। पूंजी अगले कुछ दिनों में डाली जाएगी।

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इससे उन बैंकों को ज्यादा लाभ होगा जो तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई रूपरेखा (पीसीए) के अंतर्गत हैं। सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नियामकीय जरूरतों को पूरा करने के लिये 20,000 करोड़ रुपये की पूंजी का आबंटन किया है। सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों में से पंजाब एंड सिंध बैंक में पिछले साल नवंबर में 5,500 करोड़ रुपये की पूंजी डाली गयी थी। इस सप्ताह भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के नियंत्रण वाले आईडीबीआई बैंक को वित्तीय प्रदर्शन में सुधार के आधार पर करीब चार साल बाद आरबीआई की पीसीए की पाबंदी से मुक्त किया गया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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