कोरोना वायरस के हाथों में ही रहेगी बाजार की लगाम, बना रहेगा दबाव: विश्लेषक
ट्रेडिंगबेल्स के वरिष्ठ विश्लेषक संतोष मीणा ने कहा, ‘‘हम आसानी से यह कह सकते हैं कि हम सदी के सबसे अनिश्चित समय में हैं। अभी बाजार की आगे की गति आने वाले समय में अमेरिका, यूरोप और भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार की स्थिति पर पूरी तरह से निर्भर है।’’
नयी दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण तथा इसके रोकथाम के उपायों का असर इस सप्ताह भी बाजार पर हावी रहेगा। विश्लेषकों के अनुसार, अर्थव्यवस्था पर इसके पड़ सकने वाले असर का दबाव बाजार पर बने रहने का अनुमान है। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘बाजार का ध्यान इस बात पर लगा रहेगा कि कोरोना वायरस का संक्रमण और बढ़ता है या फिर कुछ धीमा पड़ता है।इसके साथ ही निवेशकों की निगाहें राहत पैकेज के साथ ही रिजर्व बैंक और सरकार के समन्वित प्रयासों पर भी लगी रहेंगी।’’
पिछले सप्ताह उठापटक के बाद सेंसेक्स में 4,187.52 अंक यानी 12.27 प्रतिशत और निफ्टी में 1,209.75 अंक यानी 12.15 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी। पूरे सप्ताह गिरावट में रहने के बाद शुक्रवार को बाजार में कुछ राहत देखने को मिली। शुक्रवार को सेंसेक्स 1,627.73 अंक यानी 5.75 प्रतिशत की तेजी के साथ 29,915.96 अंक पर बंद हुआ। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘इस सप्ताह फिर से भारतीय शेयर सूचकांकों में तेज गिरावट रही। आलोच्य सप्ताह के दौरान अक्टूबर 2008 के बाद की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट देखने को मिली। भारत तथा पूरे विश्व में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या में वृद्धि का असर बाजार पर जारी रहने का अनुमान है।’’
ट्रेडिंगबेल्स के वरिष्ठ विश्लेषक संतोष मीणा ने कहा, ‘‘हम आसानी से यह कह सकते हैं कि हम सदी के सबसे अनिश्चित समय में हैं। अभी बाजार की आगे की गति आने वाले समय में अमेरिका, यूरोप और भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार की स्थिति पर पूरी तरह से निर्भर है।’’ रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष (शोध) अजीत मिश्रा ने कहा, ‘‘कहने की जरूरत नहीं कि वैश्विक संकेत और कोरोना वायरस के मोर्चे पर होने वाली गतिविधियों से आने वाले समय में बाजार की चाल तय होगी।
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